भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 29,700,313 पहुंच गई है और मृतक संख्या 381,903 पर हो गई है. विश्व में संक्रमण के 17.70 करोड़ से ज़्यादा मामले सामने आ चुके हैं और 38.33 लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.
मिज़ोरम पुलिस के अपराध जांच शाखा के आंकड़े के अनुसार राज्य के दस ज़िलों में म्यांमार के करीब 9,247 लोग ठहरे हुए हैं और उनमें से सबसे अधिक 4,156 चंफाई में हैं. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि म्यांमार के इन नागरिकों को स्थानीय लोगों ने आश्रय दिया है और कई नागरिक एवं छात्र संगठन भी उनके रहने एवं खाने-पीने का प्रबंध कर रहे हैं.
सरकार ने कुछ दिन पूर्व ट्विटर को दिए एक नोटिस में कहा था कि उसे सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कानून संबंधी नए नियमों के अनुपालन का आख़िरी मौका दिया जाता है. उसे तत्काल नियमों का अनुपालन करना है. अगर वह इसमें विफल रहती है, तो उसे आईटी क़ानून और अन्य दंडात्मक प्रावधानों के तहत कार्रवाई के लिए तैयार रहना होगा.
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 29,633,105 हो गई है और मृतक संख्या 379,573 है. विश्व में संक्रमण के मामले 17.66 करोड़ से ज़्यादा हैं, जबकि 38.22 लाख से अधिक लोग दम तोड़ चुके हैं. महामारी से सर्वाधिक प्रभावित देश अमेरिका में जान गंवाने वालों का आंकड़ा छह लाख के पार चला गया है.
एक नन ने जालंधर के बिशप फ्रैंको मुलक्कल पर 2014 से 2016 के बीच उनके साथ 13 बार बलात्कार करने का आरोप लगाया था. बिशप फ्रेंको मुलक्कल की गिरफ़्तारी की मांग को लेकर प्रदर्शन करने वाली केरल की नन सिस्टर लूसी कलाप्पुरा को बीते अगस्त में चर्च से निष्कासित कर दिया गया था.
परिजनों का आरोप है कि 24 वर्षीय जुनैद को ग़लत तरीके से बीते 31 मई को फ़रीदाबाद की साइबर पुलिस ने हिरासत में लिया गया था और इस दौरान उन्हें बुरी तरह से प्रताड़ित किया गया, जिससे उनकी मौत हो गई. हालांकि पुलिस ने आरोप से इनकार करते हुए कहा है कि जुनैद की मौत किडनी संबंधी दिक्कत की वजह से हुई.
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 29,570,881 हो गई है और अब तक 377,031 की हुई है. विश्व में संक्रमण के मामले 17.62 करोड़ से ज़्यादा है, जबकि 38.12 लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.
बीते चार मई के बाद से पेट्रोल तथा डीज़ल के दामों में 23 बार वृद्धि की गई है. इस वजह से पिछले क़रीब छह सप्ताह से कम समय में पेट्रोल 5.72 रुपये प्रति लीटर और डीज़ल 6.25 रुपये प्रति लीटर महंगा हुआ है. केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी से लड़ाई और अन्य विकास कार्यों के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को पेट्रोल तथा डीज़ल पर करों से अतिरिक्त पैसे की ज़रूरत है.
देश के विभिन्न निजी अस्पतालों ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित की गई नई नीति के तहत कोविड-19 रोधी टीकों की ख़रीद को लेकर कोई स्पष्टता नहीं है. इसकी वजह से उनके केंद्रों पर टीकाकरण स्थगित करना पड़ा है. इन अस्पतालों ने टीकों की ख़रीद के लिए एक उचित तंत्र और एकल खिड़की प्रणाली स्थापित किए जाने की मांग की है.
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 29,510,410 हो गई है, जबकि 374,305 लोग इस महामारी की चपेट में आकर अपनी जान गंवा चुके हैं. विश्व में संक्रमण के मामले 17.59 करोड़ से ज़्यादा है, जबकि मरने वालों का आंकड़ 38 लाख से पार चला गया है.
राजनीतिक दलों को सूचना का अधिकार के तहत लाने से संबंधित एक आवेदन को ख़ारिज करने के लिए कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग ने मामले के भारत के उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन होने को आधार बताया था.
केंद्र में मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा के बीच जदयू अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने यह बयान दिया है. इससे पहले मई 2019 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्रीय कैबिनेट का हिस्सा बनने से इनकार करते हुए जदयू ने समानुपातिक भागीदारी की मांग की थी.
चार मई के बाद पेट्रोलियम उत्पादों के दामों में 23 बार वृद्धि हो चुकी है और सात राज्यों में पेट्रोल की क़ीमत 100 रुपये प्रति लीटर के पार पहुंच चुकी है. शुक्रवार को कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने पेट्रोल एवं डीज़ल के दामों में वृद्धि के विरोध में दिल्ली समेत कई राज्यों में विभिन्न पेट्रोल पंपों के पास सांकेतिक प्रदर्शन किया था.
देश में संक्रमण के दैनिक मामले एक लाख से नीचे बरक़रार हैं. बीते चौबीस घंटों में 3,303 रोगियों की मौत के साथ ही इस बीमारी से मरने वालों की संख्या 3,70,384 हो गई है. वहीं, दुनियाभर में संक्रमण के मामले 17.56 करोड़ से ज़्यादा हैं और 37.95 लाख से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं.
एक अनुमान के अनुसार लगभग 70% शहरी कार्यबल अनौपचारिक रूप से कार्यरत हैं. अनौपचारिक श्रमिकों के काम की अनिश्चित प्रकृति पहले ही जोखिम भरी होती है, जिससे उनके कोविड-19 के संपर्क में आने का ख़तरा बढ़ जाता है. मौजूदा टीकाकरण ढांचे में कई बाधाओं के चलते ऐसे कामगारों के टीकाकरण की संभावना कम है.