मामला सीतापुर ज़िले का है, जहां पुलिस ने चार लोगों को कथित तौर पर गोहत्या की बात करने को लेकर गोहत्या संरक्षण क़ानून के तहत हिरासत में लिया था. हाईकोर्ट ने एक आरोपी की ज़मानत याचिका पर सुनवाई करते हुए पुलिस की कार्रवाई पर नाराज़गी जताई और पुलिस अधीक्षक से जवाब तलब किया है.
स्थानीय शहरी निकायों के प्रतिनिधियों के साथ ऑनलाइन बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य सरकार ने आवारा मवेशियों की समस्या कम करने के प्रयास किए हैं लेकिन इसे लेकर समाज को जागरूक करने की ज़रूरत है ताकि परिवार गायों को गोद ले सकें.
योगी सरकार का यह आदेश ऐसे समय में आया है जब भारत के अधिकांश राज्यों के साथ-साथ उत्तर प्रदेश भी कोविड-19 संक्रमितों की बढ़ती संख्या और चिकित्सा आपूर्ति की कमी से पीड़ित है और राज्य की चिकित्सा सुविधा पर सवाल उठ रहे हैं.
मध्य प्रदेश के पशुपालन मंत्री प्रेमसिंह पटेल ने विधानसभा में बताया कि सरकार ने दिसंबर 2018 से मार्च 2021 के बीच 1,000 गोशालाएं खोलने को मंज़ूरी दी है. इस दौरान प्रति गाय प्रतिदिन 20 रुपये की राशि इन गोशालाओं के लिए मंज़ूर की गई. फिलहाल 1,000 में से 905 गोशालाएं संचालित हो रही हैं.
केंद्र सरकार ने बीते पांच जनवरी को घोषणा की थी कि गाय की देसी नस्ल और इसके फायदे के बारे में रुचि पैदा करने की कोशिश के तहत 25 फरवरी को गौ-विज्ञान परीक्षा का आयोजन किया जाएगा. इस परीक्षा की यह कहते हुए आलोचना की जा रही थी कि यह अंधविश्वास फैलाने और देश में शिक्षा क्षेत्र का भगवाकरण करने की कोशिश है.
ग्राउंड रिपोर्ट: केंद्र के तीन नए कृषि क़ानूनों में दावा किया गया है कि इससे किसानों को नया कृषि बाज़ार मिलेगा, वहां वे मनमुताबिक़ फसल बेच सकेंगे. हालांकि बुंदेलखंड के किसानों का कहना है कि क़ानून से क्या होगा, जब आवारा जानवरों के बर्बाद कर देने के कारण बेचने को फसल ही नहीं बचेगी.
राष्ट्रीय कामधेनु आयोग आम लोगों में देसी गायों के बारे में रुचि पैदा करने के लिए छात्रों और नागरिकों के लिए राष्ट्रीय स्तर की ऑनलाइन गौ विज्ञान परीक्षा आयोजित करेगा. इसके लिए जारी पाठ्यक्रम में आयोग ने देसी-विदेशी गायों में अंतर बताते हुए अजीब दावे किए हैं.
बनासकांठा के सरदारकृषिनगर दांतीवाड़ा कृषि विश्वविद्यालय ने 82 पशुओं की नीलामी का एक विज्ञापन दिया था, जिसे बाद में साल 2018 के एक आदेश का हवाला देते हुए अंतिम समय पर रद्द कर दिया गया. किसानों का कहना है कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं दी गई, जिसके चलते उनका पैसा और समय दोनों बर्बाद हुए.
नए क़ानून के तहत उल्लंघनकर्ताओं पर सात साल की अधिकतम सज़ा और पांच लाख रुपये का जुर्माने का प्रावधान है. इससे कर्नाटक में गोहत्या पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा और पशुओं की तस्करी, अवैध परिवहन, गायों पर अत्याचार और पशुवध करने वालों के लिए सख़्त सज़ा का प्रावधान है.
चार साल पहले महाराष्ट्र द्वारा गोहत्या विरोधी क़ानून बनाने के बाद गोवा पूरी तरह से कर्नाटक पर निर्भर हो गया था. अब कर्नाटक में भी ऐसा ही क़ानून लागू हो गया है. गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने राज्य में बीफ़ की आपूर्ति बहाल करने का आश्वासन देते हुए कहा कि वह भी गोमाता को पूजते हैं, लेकिन वहां की 30 फ़ीसदी अल्पसंख्यक जनता की देखभाल की ज़िम्मेदारी भी उनकी है.
जनवरी 2019 में प्रदेश सरकार ने आवारा गायों की देखभाल के लिए अस्थायी गोशालाएं स्थापित की थीं. अब बांदा ज़िले के कई पंचायत प्रमुखों ने मुख्यमंत्री को लिखा है कि अप्रैल 2020 के बाद से उन्हें गो कल्याण के लिए कोई फंड नहीं दिया गया है, जिसके कारण कई पशुओं की भूख से मौत हुई हैं.
बॉम्बे हाईकोर्ट की पीठ ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं है कि महाराष्ट्र पशु संरक्षण अधिनियम, 1976 के तहत पशु की खाल को लेकर कोई प्रावधान नहीं है. इसलिए खाल रखने पर कोई प्रतिबंध नहीं है और इस तरह अपराध का मामला नहीं बनता है.
साल 2010 के विधेयक में संशोधन करते हुए कर्नाटक की मौजूदा बीएस येदियुरप्पा सरकार ने गाय और बछड़ों के अलावा भैंस एवं उनके बच्चों की हत्या को भी प्रतिबंधित किया है. इसके लिए सात साल की सज़ा से लेकर पांच लाख के जुर्माने तक का प्रावधान किया गया है.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि ‘गो-कैबिनेट’ की पहली बैठक 22 नवंबर को आगर-मालवा जिले में स्थित गो-अभयारण्य में होगी. उधर, हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार ने मवेशी तस्करी और गोकशी पर लगाम लगाने के लिए ज़िला स्तर पर स्पेशल काऊ टास्क फोर्स गठन करने का फैसला किया है.
राज्य में इस साल 19 अगस्त तक रासुका के तहत गिरफ़्तार 139 में से 76 लोगों पर गोहत्या के आरोप हैं. हाईकोर्ट ने गोहत्या के मामलों में पुलिस द्वारा पेश साक्ष्यों की विश्वनीयता पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब भी कोई मांस बरामद होता है, तो फॉरेंसिक जांच कराए बिना ही उसे गोमांस क़रार दे दिया जाता है.