अपराध जितना भी जघन्य हो आरोपी को सज़ा देना क़ानून का काम है न कि समाज और भीड़ का. उसमें चाहे जितना समय लगे या गलतियां भी हों, जनता द्वारा क़ानून हाथ में लेने को न्यायोचित नहीं ठहराया जा सकता.
घर में गोमांस रखने के आरोप में दादरी के बिसाहड़ा गांव में सिंतबर, 2015 में मोहम्मद अख़लाक़ की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले के सभी 18 आरोपी जमानत पर हैं. इनमें से एक हरिओम लूटपाट और गाजियाबाद में चुरायी हुई संपत्ति बेईमानी से हासिल करने के कम से कम चार मामलों में वांछित था.
पुलिस ने दो प्राथमिकी दर्ज की हैं, जिनमें से एक मुश्ताक नाम के व्यक्ति के खिलाफ है और दूसरी मदरसे में तोड़-फोड़ के लिए 60 अज्ञात लोगों के खिलाफ दर्ज की गई है.
देश में पहली बार गोकशी पर 10 साल कैद की सजा सुनाई गई है. दोषी पर बछड़ा चुराने और उसे मारकर अपनी बेटी के शादी समारोह में परोसने का आरोप था.
ये मामला त्रिपुरा के धलाई जिले का है. पुलिस घटनास्थल पर पहुंच गई थी और वहां से पीड़ित को निकाल लिया गया था, लेकिन अस्पताल में उनकी मौत हो गई.
उत्तर प्रदेश के हापुड़ में 18 जून को 45 वर्षीय मीट व्यवसायी क़ासिम क़ुरैशी की भीड़ द्वारा पीट-पीट कर हत्या कर दी गई थी.
समीर ख़ान नाम के एक व्यक्ति ने गृह मंत्रालय से गोहत्या के शक में मारे गए और घायल हुए लोगों के नाम और सरकारों द्वारा उनके परिवारों को दिये गए मुआवज़े का राज्यवार आंकड़ा मांगा था.
यह घटना रॉबर्ट्सगंज थाना क्षेत्र के अंतर्गत डाक हरिपुर गांव की है. मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.
टिकट नहीं मिलने से नाराज़ उदित राज के कांग्रेस में शामिल होने समेत दिनभर की महत्वपूर्ण ख़बरों का अपडेट.
झारखंड के गुमला ज़िले में बीते 10 अप्रैल को गोहत्या के शक में भीड़ ने कुछ आदिवासियों पर हमला कर दिया था. इसमें एक आदिवासी की मौत हो गई थी, जबकि तीन अन्य घायल हो गए थे.
झारखंड के गुमला ज़िले में गोहत्या के संदेह में भीड़ ने आदिवासियों पर हमला कर दिया था. इससे एक व्यक्ति की मौत हो गयी थी और तीन लोग घायल हो गए थे.
घटना गुमला ज़िले के जुरमू गांव में हुई, जहां आदिवासी समुदाय के कुछ लोग एक मृत बैल का मांस निकाल रहे थे, जब पड़ोस के गांव के कुछ लोगों ने उन्हें देखा और गोहत्या के संदेह में उन पर हमला कर दिया. इसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई और तीन घायल अस्पताल में भर्ती हैं.
भीड़ द्वारा पीट-पीटकर मोहम्मद अख़लाक़ को मार दिए जाने के करीब चार साल बाद दादरी के बिसाहड़ा गांव में कोई पछतावा नहीं दिखता. यहां के मुसलमानों ने ख़ुद को क़िस्मत के हवाले कर दिया है.
गायों की मौत के संबंध में दो लोगों को निलंबित किया गया. अक्षयपात्र फाउंडेशन करता है हिंगोनिया गोशाला का संचालन. भाजपा पार्षदों ने मांग की है कि गायों की मौत के लिए ज़िम्मेदार लोगों पर गोहत्या का मामला दर्ज किया जाए.
राज्य के आगर मालवा ज़िले में कथित तौर पर अवैध रूप से गाय ले जाने का मामला. इससे पहले खंडवा ज़िले में गोहत्या के मामले में तीन लोगों को राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून के तहत गिरफ़्तार किया गया था.