लोकपाल की नियुक्ति की मांग पर अन्ना हजारे ने ​भूख हड़ताल शुरू की

अन्ना हजारे ने कहा कि हड़ताल तब तक जारी रहेगी जब तब केंद्र सरकार सत्ता में आने से पहले किए गए अपने वादों जैसे- लोकायुक्त क़ानून बनाने, लोकपाल नियुक्त किए जाने तथा किसानों के मुद्दे सुलझाने को पूरा नहीं कर देती.

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा, सूचना आयुक्त के पद पर सिर्फ नौकरशाहों की ही नियुक्ति क्यों हुई

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि आयुक्तों की नियुक्ति के लिए बनाई गई कमेटी ने 14 नामों को शॉर्टलिस्ट किया था जिसमें से 13 नौकरशाह थे. जिस पर जस्टिस सीकरी ने कहा कि हम नियुक्तियों को दोष नहीं दे रहे हैं. लेकिन गैर-नौकरशाह नाम भी थे, पर उनमें से किसी को भी नियुक्त नहीं किया गया.

प्रियंका गांधी के लिए यह आर या पार की लड़ाई है

अगर प्रियंका का प्रदर्शन अच्छा रहा, तो वे लंबी पारी खेलने के लिए राजनीति में रह सकती हैं. अगर नतीजे इसके उलट रहें, तो उनकी नियति ‘बड़े बेआबरू होकर तेरे कूचे से हम निकले’ वाली हो सकती है.

ट्रांसफर किए गए सीबीआई अफसर का आरोप, नागेश्वर राव के ख़िलाफ़ शिकायत की थी इसलिए तबादला हुआ

सूत्रों के मुताबिक सीबीआई एसपी टी. राजा बालाजी ने अपने ट्रांसफर को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. बालाजी ने यह भी दावा किया है कि उनके खिलाफ अंतरिम निदेशक एम. नागेश्वर राव के ख़िलाफ़ सबूत हैं.

न्यूनतम आय के बाद राहुल गांधी की घोषणा, सत्ता में आए तो पास होगा महिला आरक्षण विधेयक

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बीते सोमवार को कहा था कि सत्ता में आने के बाद वह देश के ग़रीबों को न्यूनतन आय की गारंटी देंगे.

अयोध्या मामला: सुप्रीम कोर्ट पहुंची मोदी सरकार ने कहा- मूल मालिकों को मिले अविवादित ज़मीन

अयोध्या में विवादित स्थल के बारे में एक नई रिट याचिका में केंद्र सरकार ने कहा कि शीर्ष अदालत विवादित स्थल के आस-पास अधिग्रहित की गई अविवादित ज़मीन पर से यथास्थिति बरक़रार रखने का आदेश हटा ले, जिससे वह हिस्सा उसके मूल मालिकों को वापस किया जा सके.

अगर हिंदू लड़की को कोई मुस्लिम छूता है तो उसका हाथ काट देना चाहिए: केंद्रीय मंत्री अनंत हेगड़े

कर्नाटक के कांग्रेस नेता दिनेश राव ने उनकी इस टिप्पणी की आलोचना करते हुए केंद्रीय मंत्री या बतौर सांसद उनकी उपलब्धियों को लेकर सवाल पूछ लिया. इस पर हेगड़े ने उनकी शादी पर निशाना साधते हुए कहा कि वह एक मुस्लिम महिला के पीछे चलते हैं.

अयोध्या विवाद: नहीं होगी 29 जनवरी को सुनवाई, बेंच के एक जज हैं अनुपस्थित

भारत के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, जस्टिस एसए बोबड़े, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस. अब्दुल नज़ीर की संविधान पीठ ने 29 जनवरी को सुनवाई के लिए ये मामला उठाने का फैसला किया था.

आज़ादी से 2014 तक जितने अंतरिक्ष अभियान हुए, लगभग उतने ही बीते चार वर्षों में शुरू हुए: मोदी

मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि चाहे चक्रवात हो, या फिर रेल और सड़क सुरक्षा, देश अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का उपयोग जानमाल की रक्षा में बख़ूबी कर रहा है.

प्रणब मुखर्जी, संघ विचारक नानाजी देशमुख, संगीतकार भूपेन हज़ारिका को भारत रत्न

संघ विचारक नानाजी देशमुख और संगीतकार भूपेन हज़ारिका को मरणोपरांत यह सम्मान दिया जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दी बधाई.

अयोध्या विवाद: पांच सदस्यीय संविधान पीठ का पुनर्गठन, 29 जनवरी को होगी सुनवाई

उच्चतम न्यायालय रजिस्ट्री ने नोटिस में कहा कि अयोध्या विवाद मामला गुरुवार को संविधान पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया जाएगा. पीठ में सीजेआई, जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एसए नजीर होंगे.

क्यों देश की राजनीतिक और आर्थिक ताक़त कुछ परिवारों तक सिमटकर रह गई है

क्या अगले आम चुनाव में मोदी सरकार या महागठबंधन में से कोई नेता या दल अपने चुनावी घोषणा-पत्र में यह वादा कर सकता है कि वो देश की आम जनता को शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधा देने की संवैधानिक जवाबदारी निभाने के लिए 2019 से देश के अरबपतियों और अमीरों पर उचित टैक्स लगाने का काम करेगा?

गुजरात के पूर्व मंत्री हरेन पांड्या हत्या मामले की नए सिरे से जांच के लिए याचिका

गैर सरकारी संग‍ठन सीपीआईएल द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया कि सामने आई कुछ नई जानकारियां डीजी वंज़ारा समेत कुछ आईपीएस अधिकारियों की पांड्या की हत्या की साज़िश में शामिल होने की संभावना बताती हैं.

क्या जनता परिवारवाद, यारवाद और पैसावाद को लेकर चिंतित है?

एक नागरिक और कार्यकर्ता के रूप में सतर्क रहना चाहिए कि राजनीति चंद परिवारों के हाथ में न रह जाए. लेकिन इस सवाल पर बहस करने योग्य न तो अमित शाह हैं, न नरेंद्र मोदी और न राहुल गांधी. सिर्फ जनता इसकी योग्यता रखती है. जब तक ये नेता कोई साफ़ लाइन नहीं लेते हैं, परिवारवाद के नाम पर इनकी बकवास न सुनें.

मोदी का शासन इस बात का सबूत है कि गठबंधन सरकार भारत के लिए अच्छी होगी

मोदी सरकार का पिछले साढ़े चार साल का अनुभव यह बताने के लिए काफ़ी है कि एक नेता या एक वर्चस्वशाली पार्टी के इर्द-गिर्द बनी सरकारें घमंडी और अक्खड़ जैसा व्यवहार करने लगती हैं और आलोचनाओं को लेकर कठोर हो जाती हैं.

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