नई निष्कासन सूची में जिन लोगों के नाम शामिल हैं ये वो लोग हैं जिनके नाम पिछले साल 30 जुलाई को जारी एनआरसी के मसौदे में शामिल थे, लेकिन बाद में वे इसके योग्य नहीं पाए गए.
सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाख़िल कर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को ब्रिटिश नागरिक होने का आरोप लगाया गया था. इस आधार पर अदालत ने उनके चुनाव लड़ने पर रोक लगाने की मांग की गई थी.
असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर का मसौदा 30 जुलाई, 2018 को प्रकाशित हुआ था, जिसमें 3.29 करोड़ लोगों में से 2.89 करोड़ लोगों के नाम ही शामिल किए गए थे. इसमें 40,70,707 व्यक्तियों के नाम नहीं थे.
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गृह मंत्रालय ने एक पत्र में कहा कि उसे भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी की ओर से अर्ज़ी मिली है, जिसमें राहुल गांधी को ब्रिटिश नागरिक बताया गया है. वहीं, कांग्रेस ने कहा कि राहुल जन्मजात भारतीय नागरिक हैं, लेकिन ‘फर्ज़ी विमर्श’ के ज़रिये बेरोज़गारी एवं कृषि संकट जैसे असल मुद्दों से ध्यान भटकाने का प्रयास किया जा रहा है.
दो लोकसभा सीटों वाले अरुणाचल प्रदेश में छह बाहरी जनजातियों को स्थायी निवासी प्रमाण पत्र देने के विरोध में एक महीने पहले भड़की थी हिंसा, यही प्रमुख मुद्दा बना हुआ है. अरुणाचल पश्चिम से केंद्रीय गृह राज्य मंत्री व भाजपा नेता किरण रिजिजू का मुकाबला पूर्व मुख्यमंत्री नबाम तुकी से. राजेश माली की रिपोर्ट.
असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर का दूसरा और अंतिम मसौदा 30 जुलाई, 2018 को प्रकाशित किया गया था जिसमें 3.29 करोड़ लोगों में से 2.89 करोड़ लोगों के नाम शामिल किए गए थे. इस मसौदे में 40,70,707 लोगों के नाम नहीं थे.
चुनावी ड्यूटी में केंद्रीय सशस्त्र बलों की भूमिका को देखते हुए दो सप्ताह तक राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर का कार्य रोकने के लिए गृह मंत्रालय की ओर से अपील की गई थी.
राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर में शामिल नहीं किए गए 40.70 लाख लोगों में से अब तक 14.28 लाख व्यक्तियों ने ही प्राधिकारियों के यहां दावे और आपत्तियां दाख़िल की हैं. दावों और आपत्तियों की छानबीन की अंतिम तिथि 15 फरवरी, 2019 होगी.
असम एनआरसी के मसौदे से छूट गए क़रीब 40 लाख लोगों के दावे और आपत्तियां प्राप्त करने की प्रक्रिया 25 सितंबर से शुरू होगी और यह अगले 60 दिन तक चलेगी.
30 जुलाई को एनआरसी का अंतिम मसौदा जारी होने के बाद चुनाव आयोग ने कहा था कि एनआरसी से नाम हटने का का मतलब मतदाता सूची से नाम हटना नहीं है.
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह समेत पार्टी के कई नेता असम में एनआरसी की अंतिम सूची आने से पहले ही 40 लाख लोगों को घुसपैठिया बता चुके हैं.
असम के राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर को लेकर भाजपा पूरे देश में अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने को तैयार है. लेकिन सही मायने में केंद्र सरकार को देश की जनता एवं संसद को यह बताना चाहिए कि उसकी कार्ययोजना इस सूची से बाहर किए गए 40 लाख लोगों को लेकर क्या रहेगी.
मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने कहा कि जनप्रतिनिधित्व कानून 1950 के तहत मतदाता के पंजीकरण के लिए तीन जरूरी अनिवार्यताओं में आवेदक का भारत का नागरिक होना, न्यूनतम आयु 18 साल होना और संबद्ध विधानसभा क्षेत्र का निवासी होना शामिल है.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि वह राजनीतिक फ़ायदे के लिए असम में लाखों लोगों को राज्य विहीन करने की कोशिश कर रही है. कांग्रेस ने कहा, भारी संख्या में भारतीयों को अपने ही देश में शरणार्थी बना दिया गया.