मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक में तीन तलाक़ को दंडनीय अपराध की श्रेणी में रखते हुए तीन वर्ष तक कारावास और जुर्माने का प्रावधान किया गया है.
जन गण मन की बात की 171वीं कड़ी में विनोद दुआ, नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा दिखाए जा रहे 2022 के सपने और आईसीआईसीआई बैंक के फ़र्ज़ीवाड़े पर चर्चा कर रहे हैं.
न्यायालय ने 1706 औद्योगिक परिसरों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई सुनिश्चित करने या उन्हें दूसरी जगह ले जाने का निर्देश दिया है. न्यायालय ने कहा कि एमसीडी अपने कर्तव्यों के निर्वहन में गंभीर लापरवाही बरत रहा है.
छत्तीसगढ़ के एक मंत्री की कथित अश्लील सीडी मामले में बीते 27 अक्टूबर को राज्य पुलिस ने गाज़ियाबाद स्थित उनके घर से उन्हें गिरफ्तार किया था.
आंध्र प्रदेश, बॉम्बे, कलकत्ता, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, केरल, कर्नाटक और मणिपुर की उच्च अदालतें बगैर किसी नियमित मुख्य न्यायधीश के काम कर रही हैं.
कांग्रेस के स्थापना दिवस पर पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने भाजपा पर लगाया संविधान पर हमला करने का आरोप.
कुछ लोकसभा सदस्यों ने विधेयक पर आपत्ति जताई लेकिन उन्हें ख़ारिज करते हुए सरकार ने कहा कि यह विधेयक संविधान के बुनियादी ढांचे के तहत है.
बीते सितंबर महीने में असम की डिब्रूगढ़ पुलिस ने लोगों को हथियार उठाने के लिए उकसाने के आरोप में रासुका के तहत गिरफ्तार किया गया था.
विधेयक में कटाई और एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने के लिए ग़ैर वन क्षेत्र में उगे हुए बांस को छूट प्रदान करने के लिए कानून में वृक्ष की परिभाषा से बांस शब्द हटाए जाने का प्रस्ताव किया गया है.
उत्तर प्रदेश में संगठित अपराध पर रोकथाम के लिए यूपीकोका जैसे क़ानून नहीं बल्कि जेल, पुलिस व्यवस्था और न्यायपालिका में बदलाव की ज़रूरत है.
जन गण मन की बात की 170वीं कड़ी में विनोद दुआ मीडिया द्वारा ज़रूरी मुद्दों की अनदेखी और बेवजह के विषयों पर तमाशा खड़ा करने पर चर्चा कर रहे हैं.
केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार हेगड़े के बयान पर दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रोफेसर अपूर्वानंद से अमित सिंह की बातचीत.
केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार हेगड़े के संविधान बदलने को लेकर दिए गए बयान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की माफ़ी पर अड़ा विपक्ष. मोदी सरकार ने संविधान में जताई श्रद्धा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में हुए शपथ ग्रहण समारोह में ठाकुर के साथ 10 अन्य मंत्रियों ने भी पद की शपथ ली.
साल 1995 में निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय मंत्री शिव प्रताप शुक्ला, भाजपा विधायक शीतल पांडेय और 10 अन्य लोगों के ख़िलाफ़ गोरखपुर ज़िले के पीपीगंज थाने में केस दर्ज हुआ था.