मशहूर बंगाली अभिनेत्री व गायिका रूमा गुहा ठाकुरता का निधन

फिल्म निर्देशक सत्यजीत रे की भतीजी रूमा ने 60 से अधिक बंगाली और हिंदी फिल्मों में काम किया था. रूमा गुहा ठाकुरता महशूर गायक किशोर कुमार की पहली पत्नी थीं.

संविधान अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की बात करता है, उसे दांव पर नहीं लगाया जा सकता: मानव कौल

वीडियो: अभिनेता, लेखक और नाटककार मानव कौल और ‘अल्बर्ट पिंटो को गुस्सा क्यों आता है’ फिल्म के निर्देशक सौमित्र रानाडे से प्रशांत वर्मा की बातचीत.

बॉलीवुड निर्माताओं में मची अभिनंदन, बालाकोट, पुलवामा जैसे फिल्म टाइटल रजिस्टर कराने की होड़

फिल्मों के नाम रजिस्टर करने वाली संस्था इंडियन मोशन पिक्चर्स प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन में फरवरी के आख़िरी सप्ताह में बड़ी संख्या में पुलवामा आतंकी हमले, बालाकोट एयर स्ट्राइक और भारतीय वायुसेना के पायलट अभिनंदन से जुड़े टाइटल रजिस्टर कराने के आवेदन किए गए.

मृणाल सेन का सिनेमा संसार

मृणाल सेन का सिनेमा कलात्मक और बौद्धिक संवेदना का नायाब संयोजन था. वह चाहते थे कि सिनेमा उपेक्षितों के पास और सुदूर देहातों में पहुंचे. उन्हें ‘नए सिनेमा’ से यह उम्मीद थी. उनकी फिल्म देखने के बाद बहुत देर तक उसकी छवियां बेताल की तरह सिर पर नाचती रहती हैं.

क़ादिर ख़ान: जिन्हें लेकर अपनी-अपनी ग़लतफ़हमियां हैं

क़ादिर ख़ान हिंदी सिनेमा में उस पीढ़ी के आख़िरी लेखक थे, जिन्हें आम लोगों की भाषा और साहित्य की अहमियत का एहसास था. उनकी लिखी फिल्मों को देखते हुए दर्शकों को यह पता भी नहीं चलता था कि इस सहज संवाद में उन्होंने ग़ालिब जैसे शायर की मदद ली और स्क्रीनप्ले में यथार्थ के साथ शायरी वाली कल्पना का भी ख़याल रखा.

मुझे अपनी मिडिल क्लास मानसिकता से बाहर आने में 40 साल लग गए: आदिल हुसैन

वीडियो: ‘लाइफ ऑफ पाई’, ‘ज़ेड प्लस’, ‘इंग्लिश विंग्लिश’, ‘इश्क़िया’, ‘मुक्ति भवन’ और ‘ह्वॉट विल पीपल से’ जैसी फिल्मों में काम कर चुके अभिनेता आदिल हुसैन के साथ फ़ैयाज़ अहमद वजीह की बातचीत.

रजनीकांत और अक्षय कुमार की फिल्म ‘2.0’ पर रोक लगाने की मांग

सेल्युलर आॅपरेटर्स एसोसिएशन आॅफ इंडिया ने आरोप लगाया है कि मोबाइल टावर और स्मार्ट फोन से होने वाले रेडिएशन प्रभावों पर गलत जानकारी फैलाई जा रही है. इससे डर की स्थिति पैदा होगी.

नंदिता दास की ‘मंटो’ में मैं मंटो को तलाश करता रहा

मंटो फिल्म में मुझे जो मिला वो एक फिल्म निर्देशक की आधी-अधूरी ‘रिसर्च’ थी, वर्षों से सोशल मीडिया की खूंटी पर टंगे हुए मंटो के चीथड़े थे और इन सबसे कहीं ज़्यादा स्त्रीवाद बल्कि ‘फेमिनिज़्म’ का इश्तिहार था.

‘बाइस्कोपवाला के ज़रिये हमने टैगोर की काबुलीवाला की कहानी आज के दौर के हिसाब से कही है’

तकरीबन 150 विज्ञापन फिल्में बना चुके ऐड मेकर देब मेढ़ेकर से उनकी पहली फिल्म बाइस्कोपवाला को लेकर प्रशांत वर्मा की बातचीत.

फिल्म उद्योग में ‘एलियन’ की तरह हूं: डैनी

रवींद्रनाथ टैगोर की कहानी ‘काबुलीवाला’ पर आधारित फिल्म ‘बाइस्कोपवाला’ में अभिनेता डैनी डेनजोंग्पा मुख्य किरदार निभा रहे हैं. फिल्म 25 मई को रिलीज़ हो रही है.

सत्यजीत रे: जिन्होंने परदे पर हीरो नहीं, बल्कि आम आदमी को रचा 

सत्यजीत रे ने देश की वास्तविक तस्वीर और कड़वे सच को बिना किसी लाग-लपेट के ज्यों का त्यों अपनी फिल्मों में दर्शाया. 1943 में बंगाल में पड़े अकाल को उन्होंने ‘पाथेर पांचाली’ दिखाया तो वहीं ‘अशनि संकेत’ में अकाल की राजनीति और ‘घरे बाइरे’ में हिंदुत्ववादी राष्ट्रवाद पर चोट की.

मेरी फिल्म ‘दासदेव’ पर शरत बाबू का कम, शेक्सपीयर का असर ज़्यादा है: सुधीर मिश्रा

साक्षात्कार: ‘ये वो मंज़िल तो नहीं’, ‘धारावी’, ‘इस रात की सुबह नहीं’, ‘हज़ारों ख़्वाहिशें ऐसी’ जैसी फिल्में बनाने वाले राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार प्राप्त निर्देशक सुधीर मिश्रा से प्रशांत वर्मा की बातचीत.

बॉलीवुड का नया ‘आदर्श’ भारतीय, राष्ट्रवादी और सरकार का पैरोकार है

अब फिल्मों में एक नया तत्व दिखाई दे रहा है. यह है उग्र राष्ट्रवादी तेवर, जो न सिर्फ सोशल मीडिया और समाज के एक ख़ास वर्ग में दिखाई देने वाली भावावेश भरी राष्ट्रीयता से मेल खाता है, बल्कि वर्तमान सरकार के एजेंडे के साथ भी अच्छे से कदम मिलाकर चलता है.

‘आपकी भव्य फिल्म के अंत में मैंने ख़ुद को महज़ एक योनि में सिमटता हुआ महसूस किया’

निर्देशक संजय लीला भंसाली को लिखे एक ख़त में फिल्म अभिनेत्री स्वरा भास्कर ने पद्मावत फिल्म को सती और जौहर प्रथाओं का महिमामंडन बताते हुए सवाल उठाए हैं.

फिल्म शुरू होने से पहले सिनेमाघरों में राष्ट्रगान बजाना स्वैच्छिक: सुप्रीम कोर्ट

साल 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था देशभर के सिनेमाघरों में फिल्म शुरू होने से पहले बिना किसी नाटकीयता के राष्ट्रगान अनिवार्य रूप से बजाया जाना चाहिए.