सेना प्रमुख बिपिन रावत ने कहा कि अशांत क्षेत्रों में सेना का मानवाधिकार मामले में रिकॉर्ड अच्छा है.
प्रधानमंत्री मोदी के नाम लिखे इस पत्र में पूर्व नौकरशाहों ने मुसलमानों के साथ होने वाले रोज़मर्रा के भेदभाव की तरफ इशारा किया है.
आपके मुल्क में अक्टूबर से लेकर आधी जनवरी तक एक फिल्म को लेकर बहस हुई है. साढ़े तीन महीने बहस चली. नौकरी पर इतनी लंबी बहस हुई? बेहतर है आप भी सैलरी की नौकरी छोड़ हिंदू-मुस्लिम डिबेट की नौकरी कर लीजिए.
भाजपा सांसद वरुण गांधी ने कहा कि भारत में आर्थिक असमानता बढ़ती जा रही है, जो कि लोकतंत्र के लिए घातक है.
आईआईएमसी में स्त्री शक्ति पर आयोजित एक संगोष्ठी में आरएसएस नेता कृष्ण गोपाल ने कहा कि जौहर-शाखा की परंपरा का हिस्सा थी जिसमें महिलाएं विदेशी आक्रमणकारियों के हरम का हिस्सा बनने की बजाय क़ुर्बान हो जाना पसंद करती थीं.
पूर्व पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री जयराम रमेश ने कहा कि नरेंद्र मोदी पर्यावरण संरक्षण के बारे में जो उपदेश देते हैं, उसका पालन नहीं करते.
ऐसा नहीं है कि न्यायपालिका में जारी गड़बड़ियों से आम आदमी बेख़बर हो, लेकिन न्यायपालिका में व्याप्त भ्रष्टाचार आमतौर पर अवमानना के डर से कभी भी सार्वजनिक बहस का मुद्दा नहीं बन सका.
बीजद उपाध्यक्ष वेदप्रकाश अग्रवाल ने कहा कि पांडा ने इस बात को छुपाया कि वह इंडियन मेटल एंड फेरो एलॉय लिमिटेड के कर्मचारी के तौर पर काम कर रहे हैं और करोड़ों रुपये वेतन ले रहे हैं.
जयपुर साहित्य महोत्सव में फिल्मकार विशाल भारद्वाज ने कहा कि लोग पहले भी आहत होते थे लेकिन अब आहत होने वालों को संरक्षण दिया जा रहा है.
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि नेता एक निश्चित सीमा तक चीज़ों में सुधार कर सकते हैं और चीज़ों में सुधार के लिए अपने हितों के त्याग करने की ज़रूरत होती है.
किसी बेरोज़गार के लिए दो वक़्त की रोटी का इंतज़ाम करने वाली कोई भी कमाई सांत्वना देने वाली होगी, लेकिन भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसमें गर्व का अनुभव नहीं कर सकते, न ही उन्हें करना चाहिए.
जन गण मन की बात की 187वीं कड़ी में विनोद दुआ संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावत के ख़िलाफ़ करणी सेना की गुंडागर्दी पर चर्चा कर रहे हैं.
विश्व आर्थिक मंच की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो कुछ कहा वो सब वे तीन साल से बोल रहे हैं. आपको बुरा लगेगा लेकिन आप प्रधानमंत्री के भाषण में भारत की व्याख्या देखेंगे तो वह दसवीं कक्षा के निबंध से ज़्यादा का नहीं है.
जन गण मन की बात की 186वीं कड़ी में विनोद दुआ आम आदमी पार्टी और चुनाव आयोग द्वारा अयोग्य ठहराए गए पार्टी के विधायकों पर चर्चा कर रहे हैं.
हम भी भारत की 18वीं कड़ी में आरफ़ा ख़ानम शेरवानी, भारत में आर्थिक असमानता पर दिल्ली विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के सहायक प्रोफेसर कृष्ण कुमार एस. और आॅक्सफेम इंडिया की निदेशक रानू भोगल से चर्चा कर रही हैं.