कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा, भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सत्ता में कायम रहने के लिए समाज को बांटने में लगे हुए हैं.
महाराष्ट्र से भाजपा सांसद नाना पटोले ने दावा किया कि जब हमने किसानों की समस्या पर बात करनी चाही तो मोदी बहुत नाराज़ हो गए और हमें चुप करा दिया.
एडीआर के अध्ययन के अनुसार महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध के मामले में भाजपा के बाद शिवसेना और ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं.
बॉम्बे हाईकोर्ट ने बीफ रखने को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया था. इस मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी की.
स्वाइन फ्लू से पिछले साल के मुक़ाबले चार गुना मौतें, महाराष्ट्र और गुजरात टॉप पर, दिल्ली में हुईं 47 मौतें लेकिन सरकार फ़िलहाल सिर्फ़ पांच मौतें बता रही है.
एनआईए ने पुरोहित को ज़मानत देने का विरोध करते हुए कहा था कि उनके पास पुरोहित के ख़िलाफ़ पर्याप्त सबूत हैं.
हमारी आंखों के सामने रोज़ गायें मर रही हैं. हम हैं कि हिंदू-मुसलमान कर रहे हैं. गाय से इतना बड़ा राजनीतिक धोखा कैसे हो सकता है?
भक्तिकालीन कवियों के बारे में कहा जाता है कि उनकी कविताएं कालजयी इसीलिए हो पाईं क्योंकि वे जीवन के प्राथमिक सच प्यार और मौत के बारे में बात करती हैं. यह आप देवताले की भी कविताओं में देख सकते हैं.
दुनिया के बीस बड़े प्रतिष्ठान खेती और कृषि बाज़ार पर अपना नियंत्रण चाहते हैं. भारत सरकार को अपना पक्ष तय करना होगा.
महाराष्ट्र के बुलढ़ाणा ज़िला परिषद के चुनाव में ईवीएम की इस गड़बड़ी को कलेक्टर ने एक आरटीआई के जवाब में स्वीकार किया है.
भाजपा शासित राज्यों में गोशालाओं में बदइंतज़ामी के चलते लगातार गायों की मौत हो रही है, लेकिन वे गाय के प्रति अपना ‘प्रेम’ उजागर करने में नित नये क़दम बढ़ाते रहते हैं.
उज्ज्वल निकम के पिछले महीने मोहसिन शेख़ हत्या मामले से पीछे हटने के बाद पीड़ित परिवार ने रोहिणी सालियान को बतौर विशेष पब्लिक प्रॉसिक्यूटर नियुक्त करने की मांग की थी.
वास्तव में किसानों से उपज खरीदने वालों से व्यापार में नैतिकता की अपेक्षा भर की जाती रही. सरकार ने यह कोशिश कभी नहीं की कि किसानों को उचित कीमतें मिलें.
चीन के साथ कारोबारी रिश्तों को सरकार और अर्थव्यवस्था की कामयाबी के रूप में पेश किया जाता है लेकिन जब कभी दोनों देशों में विवाद होता है तब लड़ियों-फुलझड़ियों का विरोध शुरू हो जाता है.
खेती से जुड़े किसी भी काम को अकुशल श्रम माना जाता है. क्या मिट्टी की पहचान के साथ फसल तय करने में बुद्धि का इस्तेमाल नहीं होता? बीज अंकुरित होगा या नहीं, यह जांचना गैर-तकनीकी काम है? कौन से उर्वरक-खाद डालना है, कब डालना है, क्या यह विशेषज्ञता का काम नहीं है?