वीडियो: भाजपा नेताओं द्वारा ‘लव जिहाद’ को लेकर दिए जा रहे बयानों के बाद मामला अब पार्टी शासित राज्यों में इसके ख़िलाफ़ क़ानून बनाने तक पहुंच चुका है. इस मुद्दे पर फिल्ममेकर नताशा बधवार, अमीना शेरवानी और मार्केटिंग प्रोफेशनल शाहज़नान वहाब से आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
जहां एक तरफ कई भाजपा शासित राज्यों की सरकारें 'लव जिहाद' के ख़िलाफ़ अध्यादेश लाने की पूरी तैयारी कर चुकी हैं, वहीं विपक्ष ने सरकारों के इस तरह का क़ानून बनाने को व्यक्तिगत स्वतंत्रता में दख़ल और देश में सांप्रदायिक खाई गहरी करने का प्रयास क़रार दिया है.
मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि विधानसभा के अगले सत्र में ‘लव जिहाद’ के ख़िलाफ़ विधेयक पेश होगा, जिसमें 'लव जिहाद' को ग़ैर ज़मानती अपराध घोषित करते हुए मुख्य आरोपी और उसका साथ देने वालों को पांच साल के कठोर कारावास की सज़ा का प्रावधान किया जाएगा.
बीते अक्टूबर में राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की थी और बताया था कि इस दौरान राज्य में लव जिहाद के बढ़ रहे मामलों सहित कई मुद्दों पर बात हुई थी. अब एक आरटीआई के जवाब में आयोग ने कहा है कि वह इस तरह का कोई डेटा नहीं रखता है.
जब ख़ुद केंद्र सरकार मान चुकी है कि लव जिहाद नाम की कोई चीज़ है ही नहीं, तो फिर कुछ राज्य सरकारों को उस पर क़ानून लाने की क्यों सूझी?
ऐसा कोई क़ानून नहीं है, जिसके तहत किसी व्यक्ति द्वारा पहचान छिपाकर किसी महिला से शादी करने के लिए उसे मौत की सज़ा सुनाई जा सके, इसलिए अंतिम संस्कार से जुड़ा मुख्यमंत्री का संदर्भ भीड़ हिंसा के लिए धर्म के ठेकेदारों को प्रोत्साहित करने के समान है.
लड़कियों को बिना दिमाग का और भावुक फिसलन की शिकार माना जाता है और इसलिए उन पर निगाह और लगाम रखने की ज़रूरत है. लड़कियां ज़िंदा बम है और उनको फटने से बचाना सबसे बड़ा धार्मिक कर्तव्य. लगता है कि राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष इसी कर्तव्य निर्वाह के पवित्र अभियान पर निकल पड़ी हैं.
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने महाराष्ट्र के राज्यपाल से मुलाकात कर प्रदेश में ‘लव जिहाद’ के मामलों में कथित तौर पर बढ़ोतरी समेत महिला सुरक्षा से जुड़े कई मुद्दों पर चर्चा की थी. जिसके बाद विवाद शुरू हुआ. इस बीच सोशल मीडिया पर उनके तमाम पुराने ट्वीट साझा किए जाने लगे, जो प्रधानमंत्री, सोनिया गांधी और राहुल गांधी के ख़िलाफ़ थे.
वीडियो: अंतर धार्मिक विवाह पर आधारित एक विज्ञापन को लेकर सोशल मीडिया पर ट्रोल होने के बाद ज्वेलरी ब्रांड तनिष्क़ ने इसे वापस ले लिया है. इस मुद्दे पर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी का नज़रिया.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इससे पहले भी लव जिहाद की घटनाएं रोकने के लिए राज्य के गृह विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को योजना तैयार करने का निर्देश दिया था.
असम के रेंगोनी चैनल पर प्रसारित होने वाले धारावाहिक ‘बेग़म जान’ पर लव जिहाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाकर दो महीने का प्रतिबंध लगा दिया था. गुवाहाटी हाईकोर्ट ने कहा है कि दूसरे पक्ष को सुने बिना एकपक्षीय रूप से यह प्रतिबंध लगाया गया था.
उत्तर प्रदेश गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने कहा कि यह एक सामाजिक मुद्दा है. इसे रोकने के लिए इसे गंभीरता से लेना होगा. आरोपियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने की ज़रूरत है. इसके लिए हमें सख़्त होना होगा.
असम के रेंगोनी चैनल पर प्रसारित होने वाले धारावाहिक ‘बेग़म जान’ पर लव जिहाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है. चैनल की ओर से कहा गया है कि धारावाहिक का लव जिहाद से कोई लेना-देना नहीं है. इसमें ऐसा कुछ नहीं दिखाया जा रहा, जो किसी धर्म के लिए अपमानजनक हो.
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी. किशन रेड्डी ने लोकसभा में बताया कि ‘लव जिहाद’ शब्द मौजूदा कानूनों के तहत परिभाषित नहीं है. संविधान का अनुच्छेद 25 किसी भी धर्म को स्वीकारने, उस पर अमल करने और उसका प्रचार-प्रसार करने की आजादी देता है.
भाजपा विधायक और राजस्थान के पूर्व गृह मंत्री गुलाब चंद कटारिया ने एक सभा में कहा, 'वे हर शहर में एक पाकिस्तान चाहते हैं. आपके भगवान मंदिरों में रो रहे हैं. उनकी पूजा करने के लिए कोई नहीं है.'