सरकारी दस्तावेज़ों से पता चलता है कि खरीफ 2020-21 सीजन में सरकार ने 51.91 लाख टन दालें एवं तिलहन खरीदने की योजना बनाई थी, लेकिन इसमें से महज 3.08 लाख टन खरीद हुई है. इसके लिए 10.60 लाख किसानों ने रजिस्ट्रेशन कराया था, लेकिन 1.67 लाख को ही लाभ मिला है.
कर्नाटक के कोगडु ज़िले के विराजपेट क़स्बे का मामला. आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने बीते आठ जून को लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन करने को लेकर मानसिक रूप से विक्षिप्त रॉय डी’सूजा को हिरासत में लिया था. इस दौरान उनके साथ बुरी तरह से मारपीट की गई. इलाज के दौरान 12 जून को उनकी मौत हो गई. मृतक के भाई की शिकायत पर पुलिसकर्मियों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया गया है.
मुख्यमंत्री विजय रुपाणी द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि श्रमिक शहरों में जितना कमा रहे थे, उसके मुकाबले मनरेगा की दिहाड़ी काफी कम है, इसके बावजूद कोविड-19 से उत्पन्न संकट के दौरान यह उनके और उनके परिवार के पालन-पोषण में मददगार रही है.
कोविड महामारी संबंधी याचिकाएं सुनते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि देश में ब्लैक फंगस के कुल मामलों में से 25 प्रतिशत मामले महाराष्ट्र में हैं, फिर भी दवा का आवंटन राज्य में बीमारी के उपचाराधीन मामलों के अनुपात के हिसाब से नहीं है. कोर्ट ने कहा कि केंद्र को दवा की आपूर्ति बढ़ाने के लिए कदम उठाने चाहिए.
आईएलओ और यूनिसेफ की एक नई रिपोर्ट के अनुसार, विश्वभर में बाल मज़दूरों की संख्या 16 करोड़ हो गई है. यह चेतावनी भी दी गई है कि कोविड-19 महामारी के परिणामस्वरूप 2022 के अंत तक वैश्विक स्तर पर 90 लाख और बच्चों को बाल श्रम में धकेल दिए जाने का ख़तरा है.
नोबेल पुरस्कार से सम्मानित बाल अधिकार कार्यकर्ता कैलाश सत्यार्थी ने कहा है कि कोरोना महामारी के दौरान हमारी स्वास्थ्य सेवाओं की दुर्गति उजागर हो गई. ग़रीब, वंचित और आम आदमी को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल पाएं, इसके लिए स्वास्थ्य तंत्र को मज़बूत बनाना होगा. इसी नाते सरकार से मांग की है कि स्वास्थ्य को संवैधानिक अधिकार का दर्जा दिया जाए. यह समय की ज़रूरत है.
हाल ही में आरटीआई आवेदन के जवाब में रेलवे ने बताया था कि साल 2020 में रेल की पटरियों पर 8,733 लोगों की मौत हो गई, जिनमें से अधिकतर प्रवासी मज़दूर थे. रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष सुनीत शर्मा ने कहा है कि ये मौतें अतिक्रमण के कारण हुई हैं न कि रेल हादसों की वजह से. इनका रेलवे से कुछ लेना-देना नहीं है.
माकपा पोलित ब्यूरो की सदस्य बृंदा करात ने केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को भेजे एक पत्र में केंद्र की ओर से राज्यों को भेजे गए उस परामर्श के पीछे की मंशा को लेकर सवाल खड़े किए, जिसमें कहा गया है कि मनरेगा के तहत अनुसूचित जाति-जनजाति व अन्य के लिए मज़दूरी के भुगतान को अलग-अलग श्रेणियों में रखा जाए.
साल 2020 में 8,000 से अधिक लोगों की रेल पटरियों पर जान गई, इनमें ज़्यादातर प्रवासी मज़दूर थे: आरटीआई
आरटीआई आवेदन के जवाब में दी गई जानकारी में अधिकारियों ने बताया कि मृतकों में अधिकतर प्रवासी मज़दूर थे, जिन्होंने पटरियों पर चलकर घर पहुंचने का विकल्प चुना था, क्योंकि इससे वे लॉकडाउन नियमों के उल्लंघन के लिए पुलिस से बच सकते थे और उनका यह भी मानना था कि वे रास्ता नहीं भटकेंगे.
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि प्रमुख ब्याज दरों- रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट को अपरिवर्तित रखा गया है और आर्थिक वृद्धि को मज़बूत बनाने में मदद के लिए मौद्रिक नीति में नरम रुख़ जारी रहेगा.
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी के आकलन के अनुसार, बेरोज़गारी दर मई में 12 प्रतिशत रही, जो अप्रैल में 8 प्रतिशत थी. यानी इस दौरान क़रीब एक करोड़ भारतीयों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा है. इसका मुख्य कारण कोविड-19 संक्रमण की दूसरी लहर है.
साइकिल गर्ल ज्योति पासवान के पिता मोहन पासवान का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया है. ज्योति पिछले साल राष्ट्रीय लॉकडाउन में अपने पिता को साइकिल पर बैठाकर गुड़गांव से दरभंगा तक लगभग 1,200 किलोमीटर का सफ़र करने के बाद सुर्खियों में आई थीं.
अदालत ने कहा कि गुजरात सरकार को इस बात को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य क्षेत्र के ढांचे का विकास करना चाहिए कि महामारी की तीसरी या चौथी लहर आ सकती है, क्योंकि लोग मास्क पहनना, सामाजिक दूरी बनाए रखना और स्वच्छता जैसे नियमों का पालन नहीं करने जा रहे. अदालत ने ब्लैक फंगस के इलाज के लिए अस्पतालों को संबंधित इंजेक्शन के वितरण को लेकर राज्य सरकार की अधिसूचना अस्पष्ट और दोषपूर्ण बताया है.
पटना हाईकोर्ट ने ने बिहार सरकार को लॉकडाउन उल्लंघन के नाम पर पुलिस की कथित बर्बरता को तुरंत रोकने का निर्देश दिया. अदालत ने पुलिस द्वारा की गई कथित ज़्यादती पर चिंता जताने के साथ ही संबंधित अधिकारियों को इसकी जांच करने का निर्देश दिया है.
सुप्रीम कोर्ट तीन मानव अधिकार कार्यकर्ताओं की ओर से दाख़िल आवेदन पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें प्रवासी कामगारों को खाद्य सुरक्षा, नकदी हस्तांतरण, परिवहन सुविधा तथा अन्य कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिलना सुनिश्चित करने के निर्देश केंद्र और राज्य सरकारों को देने का अनुरोध किया गया है.