17 मई को आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल को संसदीय समिति के समक्ष पेश होना है. समिति बैंक घोटालों को लेकर पूछताछ करेगी.
जन गण मन की बात की 221वीं कड़ी में विनोद दुआ नरेंद्र मोदी सरकार की नाकामी और 2.41 लाख करोड़ रुपये के क़र्ज़ को बट्टे खाते में डालने पर चर्चा कर रहे हैं.
सरकारी बैंकों ने 2014-15 से सितंबर 2017 तक 2.41 लाख करोड़ रुपये का क़र्ज़ बट्टे खाते में डाला: सरकार
वित्त राज्यमंत्री शिवप्रताप शुक्ला ने राज्यसभा में रिज़र्व बैंक के हवाले से एक लिखित जवाब में यह जानकारी दी.
केंद्रीय सूचना आयोग द्वारा जारी वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार साल 2016-17 के दौरान आरटीआई आवेदन ख़ारिज करने के मामले में गृह मंत्रालय दूसरे नंबर पर रहा.
विशेष रिपोर्ट: वित्त सचिव हसमुख अधिया का कहना है कि उन्होंने यह क़ीमती तोहफ़ा तोषाखाने भिजवा दिया था, लेकिन वे यह नहीं बता पाए कि उन्होंने इस बारे में जांच के आदेश क्यों नहीं दिए.
जन गण मन की बात 205वीं कड़ी में विनोद दुआ जान-बूझकर कर्ज न चुकाने वाले बैंक डिफॉल्टरों और पूर्वोत्तर के विधानसभा चुनावों में भाजपा की जीत पर चर्चा कर रहे हैं.
वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 31 मार्च 2017 तक कुल 1,762 डिफाल्टरों के ऊपर भारतीय स्टेट बैंक का 25,104 करोड़ रुपये बकाया है. वहीं सार्वजनिक क्षेत्र के सभी बैंकों का 8,915 डिफाल्टरों पर 92,376 करोड़ रुपये बकाया है.
वित्त मंत्रालय और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस एंड पॉलिसी ने आरटीआई के तहत काले धन को लेकर मांगे गए रिसर्च रिपोर्ट को उजागर करने से इनकार कर दिया है.
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने बयान में आरोप लगाया कि भारत में सभी ‘चोरों’ ने अपने काले धन को मोदी की मदद से सफेद कर दिया है.
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि पीएनबी घोटाले के बाद काफ़ी लोगों ने निजीकरण की बात शुरू कर दी है. भारत में बैंकों के निजीकरण को राजनीतिक रूप से स्वीकार नहीं किया जाएगा.
जन गण मन की बात की 199वीं कड़ी में विनोद दुआ नीरव मोदी और पीएनबी घोटाले पर वित्त मंत्री अरुण जेटली के बयान पर चर्चा कर रहे हैं.
केंद्र सरकार ने बुधवार को उच्चतम न्यायालय में बताया कि इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी है और मामले की जांच जारी है. सीबीआई ने पीएनबी के महाप्रबंधक रैंक के एक अधिकारी को गिरफ़्तार किया.
सीबीआई ने जानकारी न देने के पीछे तर्क दिया है कि 2011 की एक सरकारी अधिसूचना के अनुसार उसे सूचना के अधिकार के तहत जानकारी देने से छूट प्राप्त है.
देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) समेत अन्य सरकारी बैंक एनपीए और गलत ढंग से दिए गए ऋण की भरपाई के चलते पिछले दो वित्त वर्षों से घाटे में चल रहे हैं.
खेती-किसानी पर कृषि विशेषज्ञ देवेंद्र शर्मा से द वायर के संस्थापक संपादक एमके वेणु की बातचीत.