बीते सोमवार को बुलंदशहर के स्याना गांव में गोकशी की अफवाह के बाद फैली हिंसा के दौरान गोली लगने से सुमित की मौत हो गई थी. इसके अलावा एक पुलिस अधिकारी सुबोध कुमार की भी मौत हो गई थी.
परिवार ने हिंसा में मारे गए इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह के समान ही युवक का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान से करने, 50 लाख रुपये का मुआवज़ा, माता-पिता को पेंशन और भाई को नौकरी देने की भी मांग की है.
बुलंदशहर के स्याना गांव में बीते सोमवार को कथित गोकशी के बाद हुई हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह और सुमित कुमार नाम के युवक की मौत हो गई थी.
एक ऐसी भीड़ है, जिसे नफ़रत की बातों से प्रोगाम किया जा चुका है. ये हर तरफ खड़ी है, ज़रा सी अफ़वाह की चिंगारी से एक्शन में आ जाती है. किसी को घेर लेती है, मार देती है और इससे हिंसा की जवाबदेही किसी नेता पर नहीं आती.
सोमवार को उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले में भड़की भीड़ की हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की मृत्यु हो गई थी. इंस्पेक्टर दादरी के अख़लाक़ लिंचिंग मामले में जांच अधिकारी थे
बुलंदशहर के स्याना गांव में कथित गोकशी के बाद हुई हिंसा में पुलिस अधिकारी सुबोध कुमार सिंह की मौत हो गई थी. सुबोध दादरी में गोमांस के शक में पीट-पीट कर मार दिए गए अख़लाक मामले के जांच अधिकारी रहे थे.
गुस्साई भीड़ ने पुलिस पर पथराव करने के साथ बुलंदशहर के चिंगरावठी पुलिस चौकी और पुलिस के कई वाहनों में आग लगा दी. मामले की एसआईटी जांच के आदेश. इस संबंध में एक मामला गोकशी का दर्ज किया गया है जिसमें सात लोग नामज़द हैं.
कोई भी राजनीतिक आंदोलन, जो लोगों के जीवन में बदलाव लाने का दावा करता है, उसका लोकतांत्रिक होना बहुत ज़रूरी है.
ईशनिंदा के आरोप से पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट द्वारा बरी की गईं ईसाई महिला आसिया बीबी मौत की धमकियों के चलते पाकिस्तान छोड़ सकती हैं. आसिया के पति ब्रिटेन से पाकिस्तान पहुंचे.
28 सितंबर को गुजरात के साबरकांठा ज़िले में 14 महीने की मासूम से बलात्कार का आरोप बिहार मूल के एक व्यक्ति पर लगने के बाद राज्य के आठ ज़िलों में उत्तर भारतीय मज़दूरों के ख़िलाफ़ हिंसा शुरू हो गई जिसके बाद वहां से पलायन जारी है.
जब प्रधानमंत्री अपने 2019 के चुनावी मंसूबों को नए-नए पंख लगाने के फेर में हैं, उनके गृहराज्य गुजरात के उपद्रवी तत्व एक बच्ची से बलात्कार का बदला लेने के बहाने उनके ‘सबका साथ, सबका विकास’ के नारे की हवा निकाल देने में लगे हुए है.
जन गण मन की बात की 314वीं कड़ी में विनोद दुआ सबरीमाला मंदिर मामले में सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के बाद हो रही राजनीति और गुजरात में उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों पर हो रहे हमलों पर चर्चा कर रहे हैं.
गुजरात में मासूम से बलात्कार की घटना के बाद वहां के लोग यूपी-बिहार के लोगों के ख़िलाफ़ गोलबंद हो गए हैं. इसमें उनकी गलती नहीं. हाल के दिनों में बलात्कार को राजनीतिक रूप देने के लिए धार्मिक पृष्ठभूमि को उभारा गया है ताकि उसके बहाने एक समुदाय विशेष पर टूट पड़ें.
साबरकांठा जिले में 14 माह की बच्ची से बलात्कार के आरोप में बिहार के एक मजदूर की गिरफ़्तारी के बाद राज्य के विभिन्न हिस्सों में ग़ैर गुजरातियों पर हमले हुए हैं. हमलों का आरोप क्षत्रिय ठाकोर सेना पर है, जिसका कहना है कि अन्य राज्यों के प्रवासी कामगारों को गुजरात में नौकरी नहीं दी जानी चाहिए.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को इस एक्ट के विरोध का सामना करना पड़ रहा है. हाल ही में सतना में उन्हें काले झंडे दिखाए गए थे. वहीं उज्जैन के पास महिदपुर में मुख्यमंत्री के काफिले पर पथराव किया गया था.