योगी ने पहले की सरकारों के शासन को बताया रावण-राज्य जो जाति, परिवार और क्षेत्र के नाम पर भेदभाव करता था.
नीति आयोग ने अंतरराज्यीय अपराध और आतंकवाद से निपटने के लिए राज्य की क़ानून व्यवस्था में केंद्र की भूमिका बढ़ाने का सुझाव दिया है.
पूर्व विदेश मंत्री ने कहा कि जम्मू कश्मीर के मुद्दे पर हमारी ख़ुद की ग़लतियों की वजह से पाकिस्तान अनिवार्य तीसरा पक्ष बन गया है.
जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री ने कहा, बहस में कश्मीरियों को गालियां दी जाती हैं. इससे कश्मीरी बाक़ी देश से कटने लगे हैं और देश के लोग कश्मीर के ख़िलाफ़ हो रहे हैं.
पाकिस्तान सिर्फ़ एक स्टेट नहीं है; वहां लोग बसते हैं. नाकाबिल, संकीर्ण और फ़िरक़ापरस्त सरपरस्तों के ख़िलाफ़ वहां लोग बोलते हैं, जेल जाते हैं, जान देते हैं. वहां भी समाज है, नागरिक अधिकारों के लिए लड़ रहे जुझारू युवक हैं, अच्छे दिनों की आस में बड़े हो रहे बच्चे है, लेखक और कलाकार हैं.
गृह मंत्री ने कहा कि वे कश्मीर समस्या सुलझाने के इच्छुक किसी भी व्यक्ति से मिलने को तैयार हैं.
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा, भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सत्ता में कायम रहने के लिए समाज को बांटने में लगे हुए हैं.
व्यक्ति कुछ मौलिक अधिकारों से संपन्न है. संविधान इन अधिकारों की निशानदेही कर राज्य को बताता है कि वह व्यक्ति के जीवन में कहां हस्तक्षेप नहीं कर सकता.
जीडीपी तीन साल के सबसे निचले स्तर पर, निर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर 10.7 से 1.2 पर पहुंची, सरकार पर विपक्ष हमलावर.
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, जम्मू कश्मीर में एनआईए ने जिस तरह की भूमिका निभाई है, उससे वहां होने वाली पत्थरबाज़ी की घटनाओं में भारी कमी आई.
कश्मीरी पुलिसकर्मी अपने पेशे के चलते आतंकियों के लिए घृणा का पात्र बन जाते हैं वहीं दूसरी तरफ राष्ट्रीय स्तर पर भी उनकी फिक्र करता कोई नहीं दिखता.
विपक्ष ने नोटबंदी को अर्थव्यवस्था पर बुरा असर डालने वाला बताया और पूछा कि कुल कितने कालेधन का पता चला.
कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि 27 साल बाद उन मामलों के सबूत इकट्ठा करना मुश्किल होगा, जिनकी वजह से कश्मीरी पंडितों को पलायन करना पड़ा था.
संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख ने गोरक्षा के नाम पर हिंसा को संघ से जोड़ने के बजाए उस पर कार्रवाई किए जाने की बात कही है.
किसी एक त्रासदी के पीड़ितों को दूसरी त्रासदी के पीड़ितों के ख़िलाफ़ इस्तेमाल करना हद दर्जे का ओछापन है, जहां पीड़ितों को इंसाफ दिलाने की बजाय राजनीतिक रोटियां सेंकी जाने लगती हैं.