ग़ाज़ा में इज़रायल और हमास के बीच 11 दिन तक चले संघर्ष के दौरान कथित उल्लंघनों एवं अपराधों की जांच शुरू करने के संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के प्रस्ताव पर वोट डालने से भारत समेत 14 देश अनुपस्थित रहे. प्रस्ताव स्वीकार कर लिया गया क्योंकि 24 देशों ने इसके पक्ष में वोट डाला और नौ ने इसका विरोध किया. इज़रायल और हमास के बीच संघर्ष में ग़ाज़ा में लगभग 230 लोग और इज़रायल में 12 लोग मारे गए थे.
इस 11 दिन के ख़ूनी संघर्ष में ग़ाज़ा पट्टी में बड़े पैमाने पर बर्बादी हुई, इज़रायल के अधिकांश हिस्सों में जीवन थम गया था और दोनों तरफ के 200 से अधिक लोगों की जानें गईं. 19 मई तक इस संघर्ष में 208 फ़लस्तीनियों की मौत हो चुकी है, जिनमें क़रीब 60 बच्चे शामिल हैं. वहीं इज़रायल में भी दो बच्चों सहित 12 लोगों की जान गई है.
रविवार को इजरायल ने गाजा में पिछले एक हफ़्ते में सबसे घातक हमला किया, जिसमें आठ बच्चों सहित 26 फ़लस्तीनी नागरिकों की मौत हो गई. इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने शनिवार शाम को कहा कि जब तक ज़रूरत पड़ेगी तब तक यह अभियान जारी रहेगा.
इज़राइल और उग्रवादी संगठन हमास के बीच जारी लड़ाई के दौरान वेस्ट बैंक में भी फ़लस्तीनियों ने व्यापक पैमाने पर प्रदर्शन किया और सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने कई शहरों में इज़राइली सेना के साथ झड़प की. इस दौरान इज़राइली सेना की कार्रवाई में कम से कम 11 लोग मारे गए हैं.
यरुशलम के यहूदी और मुस्लिम लोगों के पवित्र स्थल अल-अक्सा मस्जिद परिसर में इज़राइली सुरक्षा बलों और फ़लस्तीनी नागरिकों के बीच टकराव और फ़लस्तीनी तथा इज़राइली सुरक्षा बलों के संघर्ष के बाद ये घटनाक्रम हुआ है. हिंसा का कारण यरुशलम पर फ़लस्तीन और इज़राइल दोनों द्वारा दावा जताना है.
चार अगस्त को लेबनान की राजधानी बेरूत के एक बंदरगाह पर भयानक विस्फोट हुआ था. इसमें कम से कम 160 लोगों की मौत हुई, जबकि 6,000 से अधिक लोग घायल हो गए थे. साथ ही देश का मुख्य बंदरगाह और शहर का बड़ा हिस्सा बर्बाद हो गया. विस्फोट के बाद लेबनान में पिछले दो दिनों से सरकार विरोधी प्रदर्शन हो रहे थे.
विस्फोट लेबनान की राजधानी बेरूत में एक बंदरगाह में हुआ. ऐसा माना जा रहा है कि बंदरगाह के एक वेयरहाउस में बीते छह साल से रखे अमोनियम नाइट्रेट में धमाका होने से यह घटना हुई. देश में दो सप्ताह के लिए आपातकाल लागू किया गया.
पूर्वोत्तर में नागरिकता संशोधन क़ानून को लेकर बड़े पैमाने पर हो रहे विरोध प्रदर्शनों में अब तक तीन लोगों की जान जा चुकी है. कई इलाकों में कर्फ्यू है, साथ ही इंटरनेट और मोबाइल सेवाओं पर पाबंदी है. कई देशों ने अपने नागरिकों को हिदायत दी है कि वे इन राज्यों की यात्रा के दौरान एहतियात बरतें.
यह मामला वॉट्सऐप के उस खुलासे के बाद सामने आया है, जिसमें एक इज़राइली स्पाइवेयर पेगासस से कम से कम 121 भारतीय पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की जासूसी की बात सामने आई थी. खास बात यह थी कि इज़राइली कंपनी अपना स्पाइवेयर सिर्फ सरकारी एजेंसियों को बेचती है.
केंद्र सरकार ने मंगलवार को लोकसभा को सूचित किया कि सीबीआई, ईडी और आईबी समेत 10 केंद्रीय एजेंसियों को टेलीफोन बातचीत टैप करने का अधिकार है और उन्हें फोन कॉल पर किसी की निगरानी करने से पहले केंद्रीय गृह सचिव की मंजूरी लेनी होती है.
इजरायली स्पाइवेयर से भारतीयों की जासूसी किए जाने के वॉट्सऐप के खुलासे के बाद छत्तीसगढ़ के पांच पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने दावा किया था कि उनकी फोन कॉल अवैध रूप से टैप करने की कोशिश की गई है. इसके साथ ही जानकारी मिली थी कि राज्य के कुछ व्यक्तियों के स्मार्टफोन अवैध रूप से टैप किए गए हैं.
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, भीमा कोरेगांव हिंसा के संबंध में सामाजिक कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के बाद साल 2018 में गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल सरकार को पत्र लिखकर कहा था कि वह राज्य के 10 संगठनों पर नज़र रखे. इन संगठनों से जुड़े लोगों में कोलकाता के एसोसिएट प्रोफेसर पार्थसारथी रे भी शामिल थे.
फेसबुक के स्वामित्व वाले प्लेटफॉर्म वॉट्सऐप ने अमेरिका की अदालत में एक इज़राइली निगरानी कंपनी के ख़िलाफ़ आरोप लगाया है कि उसने भारतीयों सहित दुनियाभर के क़रीब 1,400 वॉट्सऐप उपयोगकर्ताओं को निशाना बनाया था. भारत में आम चुनाव के दौरान पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की जासूसी की बात सामने आई थी.
वीडियो: वॉट्सऐप ने हाल ही में बताया कि आम चुनाव के दौरान करीब दो दर्जन भारतीयों के फोन की जासूसी की गई थी. मीडिया बोल की इस कड़ी में उर्मिलेश इंटरनेट फ्रीडम फाउंडेशन के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर अपार गुप्ता और वरिष्ठ पत्रकार स्मिता शर्मा से चर्चा कर रहे हैं.
वॉट्सऐप ने मई के अलावा सितंबर में भी 121 भारतीयों पर स्पाइवेयर हमले के बारे में भारत सरकार को जानकारी दी थी. हालांकि सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कहा है कि उसे वॉट्सऐप से जो सूचना मिली थी वह अपर्याप्त और अधूरी थी.