आरोप है कि वैज्ञानिक डॉ. तपन मिश्रा ने इसरो के उपक्रमों के निजीकरण का विरोध किया जिसकी वजह से उन्हें अहमदाबाद में अंतरिक्ष उपयोग केंद्र के निदेशक से वरिष्ठ सलाहकार बना दिया गया.
इसरो के अध्यक्ष पद से इस महीने रिटायर हुए एएस किरण कुमार ने कहा कि प्रस्ताव पर एक दशक पहले विचार किया गया था, लेकिन इस पर बहुत प्रगति नहीं हो सकी.
विज्ञान, इंजीनियरिंग और कॉस्मिक किरणों के अध्ययन में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए उन्हें जाना जाता है.
भारत ने संचार उपग्रह जीसैट-19 को ले जाने वाले सबसे वज़नी रॉकेट जीएसएलवी एमके थ्री-डी1 का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण कर इतिहास में अपना नाम दर्ज कर लिया.
इसमें संदेह नहीं कि अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत की क्षमताएं उच्च स्तर की हैं, इसके बावजूद कई संचार उपग्रह जैसे एडुसैट कई साल बाद भी अपने लक्ष्यों को पूरा नहीं कर सका है.
कई मीडिया संस्थानों ने प्रसिद्ध अंतरिक्ष विज्ञानी शिवथानु पिल्लई की हीलियम-3 पर दी गई जानकारी को ठीक से समझे बिना ही प्रसारित किया. विज्ञान से जुड़ी कोई ख़बर देते समय तथ्यों को लेकर सतर्कता बरतना बेहद ज़रूरी है.
‘जन की बात’ के तीसरे एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ बात कर रहे हैं इसरो की हालिया उपलब्धि और रीमोनेटाइज़ इंडिया मूवमेंट पर
इसरो ने आज श्रीहरिकोटा से एक बार में 104 सैटैलाइट लॉन्च करके एक नई उपलब्धि हासिल की है. रूस के एक साथ 37 उपग्रहों के सफल लॉन्च के मुकाबले भारत एक साथ 104 उपग्रह लॉन्च करने वाला पहला देश बन गया है. इन 104 उपग्रहों में देश के पहले दो नैनो सैटैलाइट, कार्टोसैट 2 श्रेणी के चौथे सैटैलाइट शामिल हैं. एक साथ इतने उपग्रह लॉन्च करने के बारे में इसरो प्रमुख एएस किरण कुमार का कहना है कि इसरो का
रूस के एक साथ 37 उपग्रहों के सफल प्रक्षेपण के मुकाबले भारत एक साथ 104 उपग्रह प्रक्षेपित करने वाला पहला देश बन गया है.