पीठ ने सरकार और याचिकाकर्ताओं से कहा कि वे प्रधान न्यायाधीश से आधार से जुड़े मुद्दों पर फैसला करने के लिए संवैधानिक पीठ का गठन करने का आग्रह करें.
सत्तारूढ़ आवामी लीग सरकार का कहना है कि इस फैसले से संप्रभु संसद की शक्तियां कम हो सकती हैं.
जस्टिस कर्णन ने ज़मानत और सज़ा संबंधी याचिका पर जल्द सुनवाई के लिए मौखिक आवेदन किया था, जिसे कोर्ट ने अस्वीकार कर दिया.
राज्य सरकार ने सवाल उठाया है कि बाढ़ में जनहानि होने पर क्या प्रभावित व्यक्ति इन नदियों के अभिभावक बनाए गए अधिकारी के ख़िलाफ़ नुकसान के लिये मुकदमा दर्ज करा सकता है या ऐसे वित्तीय बोझ को उठाने के लिये राज्य सरकार ज़िम्मेदार होगी.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आधार के अभाव में कल्याणकारी योजनाओं के लाभ से वंचित कोई भी व्यक्ति न्यायालय नहीं आया है. हम सिर्फ आशंका पर रोक नहीं लगा सकते हैं.
कलकत्ता हाईकोर्ट के पूर्व न्यायमूर्ति सीएस कर्णन को अदालत की अवमानना के लिए छह माह की सज़ा सुनाई गई थी. एक महीने से गायब रहे कर्णन को मंगलवार को गिरफ्तार किया गया.
प्रासंगिक: यह वास्तव में एक त्रासदी है कि जिन लोगों के पास यह सुनिश्चित करने की क्षमता थी कि भारत सांप्रदायिकता के बवंडर में न फंस जाए, उनमें से कोई भी मेरठ हिंसा के असली रूप को पहचान नहीं पाया.
बहुत जल्द इंसानों के आधार कार्ड की तरह गाय और गोवंश के लिए भी यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर जारी होगा. सोमवार को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में ये सुझाव दिया है.
बाबरी विध्वंस मामले में गवाह वरिष्ठ पत्रकार शरत प्रधान बता रहे हैं कि कैसे टालमटोल, सुस्ती और न्याय तंत्र की उदासीनता के चलते यह केस 25 सालों से लटका हुआ है.
निराश्रित विधवाओं की स्थिति में सुधार के लिए निर्देशों के बावजूद कोई दिशा-निर्देश तैयार न करने पर सरकार पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया.
तीन तलाक़ से प्रभावित हिंदू महिलाओं की दुर्दशा का जिक्र करते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दाख़िल की गई थी.
देशभर के निर्माण क्षेत्र में लगे मज़दूरों के कल्याण के लिए जारी 26 हज़ार करोड़ रुपये की रकम में से पांच हज़ार करोड़ रुपये का अता-पता नहीं.
जन गण मन की बात की 31वीं कड़ी में वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ बाबरी मस्जिद ध्वंस मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसला सुरक्षित रखने और शिवसेना सांसद रवींद्र गायकवाड़ पर चर्चा कर रहे हैं.
उच्चतम न्यायालय ने सोशल मीडिया साइट वॉट्सऐप की निजता नीति के मामले को एक संविधान पीठ के पास भेज दिया जो 18 अप्रैल को इस मामले पर सुनवाई करेगी.
उच्चतम न्यायालय 11 मई से शुरू हो रही गर्मी की छुट्टियों के दौरान करीब 5,300 मामलों पर सुनवाई करेगा. इसके लिए नियमित सुनवाई मामलों की एक सूची जारी की गई है जिन पर दो अवकाश पीठ सुनवाई करेंगी.