उत्तर प्रदेश सरकार ने 2019 के अंत में सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के कथित आरोपी सीएए-एनआरसी आंदोलनकारियों से संपत्ति के नुकसान से कथित नुकसान की वसूली करने की धमकी दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य क़ानून के अनुसार और नए नियमों के तहत कार्रवाई कर सकता है.
विदेशी न्यायाधिकरण के एकतरफ़ा आदेश को दरकिनार करते हुए गुवाहाटी हाईकोर्ट ने कहा कि नागरिकता किसी व्यक्ति का सबसे महत्वपूर्ण अधिकार है. इससे पहले हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा था कि नागरिकता साबित करने के लिए किसी व्यक्ति को वोटर लिस्ट में शामिल सभी रिश्तेदारों के साथ संबंध का प्रमाण देना आवश्यक नहीं है.
असम के फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल ने अपने एक आदेश में हैदर अली नामक एक व्यक्ति को विदेशी घोषित कर दिया था, जबकि उन्होंने 1965 और 1970 के वोटर लिस्ट में शामिल अपने पिता और दादा के साथ संबंध को प्रमाण दिया था. गुवाहाटी हाईकोर्ट ने कहा कि व्यक्ति को सिर्फ़ इस आधार पर विदेशी नहीं घोषित किया जा सकता है कि वे वोटर लिस्ट में शामिल रिश्तेदारों के साथ अपने संबंध स्थापित नहीं कर पाया है.
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा स्वतः संज्ञान लेने के बाद दो स्वयंसेवी संस्थाओं के ख़िलाफ़ राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया है. एनसीपीसीआर ने कहा कि उन्होंने निरीक्षण के दौरान कुछ छात्रों के होमवर्क रजिस्टर देखें, जिनसे पता चला कि उन्हें ग़लत तरीके से सीएए और एनआरसी के बारे में बताया गया है.
पश्चिम बंगाल में चल रहे विधानसभा चुनाव के बीच भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने टीएमसी के इस दावे को ख़ारिज किया कि अगर भाजपा बंगाल में सत्ता में आई तो एनआरसी लागू करेगी. उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि एनआरसी लाने की कोई योजना नहीं है, पर सीएए ज़रूर लागू होगा.
ऐसे राज्य में जहां एनआरसी के चलते 20 लाख के क़रीब आबादी 'स्टेटलेस' होने के ख़तरे के मुहाने पर खड़ी हो, वहां के सबसे महत्वपूर्ण चुनाव में इस बारे में विस्तृत चर्चा न होना सवाल खड़े करता है.
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने सदन में बताया कि लोकसभा और राज्यसभा की अधीनस्थ विधायी समितियों ने नागरिकता संशोधन क़ानून (सीएए) के नियमों को तय करने के लिए क्रमश: नौ अप्रैल और नौ जुलाई का समय दिया है.
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस वी. गोपाल गौड़ा ने एक कार्यक्रम में कहा कि वर्तमान में भारतीय नागरिक गंभीर संकट से गुज़र रहे हैं और क़ानून के शासन को दांव पर लगा दिया गया है. नागरिकता की समस्या भयावह हो गई है.
विशेष: साल 2020 के दिल्ली दंगों को लेकर द वायर की श्रृंखला के दूसरे हिस्से में जानिए कट्टर हिंदुत्ववादी नेता यति नरसिंहानंद को, जिनके नफ़रत भरे भाषणों ने उन दंगाइयों में कट्टरता पैदा की, जिन्होंने फरवरी 2020 के आखिरी हफ़्ते में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में क़हर बरपाया.
कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने नागरिकता संशोधन क़ानून (सीएए) को वोटों के लिए समाज को विभाजित करने वाला भाजपा का राजनीतिक हथियार बताया है. गोगोई ने कहा कि विधानसभा चुनाव में असम की पहचान और विकास दोनों दांव पर हैं. असम में पार्टी के सत्ता में आने पर सीएए को लागू करने नहीं दिया जाएगा.
स्वीडन के इस इंस्टिट्यूट की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2014 में भाजपा और नरेंद्र मोदी की जीत के बाद से देश का लोकतांत्रिक स्वरूप काफी कमज़ोर हुआ है और अब ये ‘तानाशाही’ की स्थिति में आ गया है.
लोकतंत्र निगरानी संस्था ‘फ्रीडम हाउस’ की नई रिपोर्ट में कहा गया है कि राजनीतिक अधिकारों और नागरिक स्वतंत्रता में गिरावट 2019 में नरेंद्र मोदी के दोबारा चुने जाने के बाद ही तेज़ हो गई थी और न्यायिक स्वतंत्रता भी दबाव में आ गई थी. इस पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत को ‘उपदेशों’ की जरूरत नहीं है.
अमेरिकी सरकार के थिंक टैंक फ्रीडम हाउस की रिपोर्ट में कहा गया है कि राजनीतिक अधिकारों और नागरिक स्वतंत्रता में गिरावट 2019 में नरेंद्र मोदी के दोबारा चुने जाने के बाद ही तेज़ हो गई थी और न्यायिक स्वतंत्रता भी दबाव में आ गई थी.
विशेष: साल 2020 के दिल्ली दंगों को लेकर द वायर की श्रृंखला के पहले हिस्से में जानिए उन हिंदुत्ववादी कार्यकर्ताओं को, जिन्होंने नफ़रत फ़ैलाने, भीड़ जुटाने और फिर हिंसा भड़काने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
सामूहिक हिंसा एक तरह की नहीं होती. दो समूह लड़ पड़ें, तो वह सामूहिक हिंसा है. एक समूह को निशाना बनाकर की जाने वाली हिंसा भी सामूहिक हिंसा ही है. ऐसी हिंसा को भारत में प्रायः दंगा कह देते हैं. दंगा शब्द में कुछ स्वतः स्फूर्तता का भाव आता है, लेकिन यह सच नहीं है.