नरेंद्र मोदी सरकार में मुख्य आर्थिक सलाहकार रहते हुए अरविंद सुब्रमण्यन ने दिसंबर 2014 में दोहरे बैलंस शीट की समस्या उठाई थी, जिसमें निजी उद्योगपतियों द्वारा लिए गए कर्ज बैंकों के एनपीए बन रहे थे. सुब्रमण्यन ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था एक बार फिर से दोहरे बैलेंस शीट के संकट से जूझ रही है.
आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि भारत आर्थिक मंदी के घेरे में है. आर्थिक सुस्ती को दूर करने की शुरुआत के लिए यह जरूरी है कि मोदी सरकार सबसे पहले समस्या को स्वीकार करे.
आरबीआई के गवर्नर रहे रघुराम राजन ने भारत में जीडीपी की गणना के तरीके पर नए सिरे से गौर करने का भी सुझाव दिया है.
अमेरिका के ब्राउन विश्वविद्यालय में एक लेक्चर के दौरान पूर्व रिजर्व बैंक गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि बिना सोच-विचार के नोटबंदी लाने और बुरी तरह से जीएसटी लागू करने की वजह से भारत इस समय आर्थिक सुस्ती की दौर से गुजर रहा है.
इस मामले में पहले ही बैंक के पूर्व प्रबंध निदेशक जॉय थॉमस और एचडीआईएल समूह के प्रमोटर राकेश तथा सारंग वाधवा को गिरफ्तार कर लिया गया है.
पीएमसी बैंक में हुए घोटाले के मामले में मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने एचडीआईएल और पीएमसी बैंक के वरिष्ठ अधिकरियों के ख़िलाफ़ दर्ज मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है.
आरबीआई द्वारा लगाई गई पाबंदी के तहत लक्ष्मी निवास बैंक पर कर्ज देने, नई शाखाएं खोलने और लाभांश का भुगतान करने पर रोक लग गई है.
पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक के ग्राहकों की ओर से बैंक के चेयरमैन और उसके निदेशकों के ख़िलाफ़ जनता के धन का गबन करने की शिकायत दर्ज कराई गई है.
इस विलय के बाद सरकारी बैंकों की संख्या 27 से घटकर 12 रह जाएगी. इस साल जनवरी में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बैंक ऑफ बड़ौदा के साथ देना बैंक और विजया बैंक के विलय को मंजूरी दी थी.
आरबीआई से इस्तीफा देने के बाद ये पहला मौका है जब उर्जित पटेल ने कोई सार्वजनिक टिप्पणी की है.
भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने अपना कार्यकाल पूरा होने से छह महीने पहले ही इस्तीफा दे दिया है. इससे पहले दिसंबर 2018 में आरबीआई के गवर्नर उर्जित पटेल ने सरकार के साथ मतभेदों के कारण कार्यकाल पूरा होने से नौ महीने पहले ही इस्तीफ़ा दे दिया था.
द वायर एक्सक्लूसिव: आरटीआई के तहत प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक शीर्ष 100 एनपीए क़र्ज़दारों का एनपीए 4,46,158 करोड़ रुपये है, जो कि देश में कुल एनपीए 10,09,286 करोड़ रुपये का क़रीब 50 फीसदी है.
सूचना के अधिकार के तहत रिज़र्व बैंक से डिफाल्टरों के नाम की जानकारी मांगी गई थी.
आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक पिछले दस सालों में सात लाख करोड़ से ज़्यादा का बैड लोन राइट ऑफ हुआ यानी न चुकाए गए क़र्ज़ को बट्टे खाते में डाला गया, जिसका 80 फीसदी जो लगभग 5,55,603 करोड़ रुपये है, बीते पांच सालों में बट्टे खाते में डाला गया.
आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने जीडीपी के आंकड़ों को लेकर उपजे संदेह को दूर करने के लिए एक निष्पक्ष समूह की नियुक्ति पर जोर दिया है.