तरुण तेजपाल को यौन उत्पीड़न के आरोपों से बरी करने का फ़ैसला पीड़ित महिलाओं को लेकर प्रचलित पूर्वाग्रहों पर आधारित है. उचित संदेह के आधार पर हुई न्यायिक जांच से मिली बेगुनाही का विरोध कोई नहीं करता, पर इस बात पर ज़ोर देना चाहिए कि बलात्कार की सर्वाइवर्स को निष्पक्ष सुनवाई का अवसर ज़रूर मिले.
बीते 21 मई को गोवा की एक सत्र अदालत ने पत्रकार तरुण तेजपाल को महिला सहयोगी का यौन उत्पीड़न करने के मामले से बरी करते हुए कहा था कि घटना का कोई मेडिकल प्रमाण नहीं है और शिकायतकर्ता की ‘सच्चाई पर संदेह पैदा करने’ वाले ‘तथ्य’ मौजूद हैं.
तहलका के संस्थापक और संपादक तरुण तेजपाल को सहकर्मी से यौन उत्पीड़न के आरोपों से बरी करते हुए गोवा की सत्र अदालत की जज क्षमा जोशी ने कहा कि घटना का कोई मेडिकल प्रमाण नहीं है और शिकायतकर्ता की 'सच्चाई पर संदेह पैदा करने' वाले 'तथ्य' मौजूद हैं. गोवा सरकार ने इस निर्णय को बॉम्बे हाईकोर्ट में चुनौती दी है.
तहलका के पूर्व संपादक तरुण तेजपाल को यौन उत्पीड़न के आरोपों से बरी करने के फ़ैसले पर महिला पत्रकारों के संगठनों और कार्यकर्ताओं ने मामले की सर्वाइवर के साथ एकजुटता जताई है. एक संगठन ने कहा कि यह मामला शक्ति के असंतुलन का प्रतीक है जहां महिलाओं की शिकायतों पर निष्पक्षता से सुनवाई नहीं होती.
वीडियो: पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर द्वारा दर्ज कराए गए आपराधिक मानहानि मामले में दिल्ली की एक अदालत ने पत्रकार प्रिया रमानी को बरी कर दिया है. प्रिया रमानी ने साल 2018 में ‘मीटू’ मुहिम के तहत तत्कालीन केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर के पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे.
वीडियो: पत्रकार प्रिया रमानी द्वारा पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर पर यौन शोषण का आरोप लगाए जाने के बाद अकबर ने उनके ख़िलाफ़ आपराधिक मानहानि का मुक़दमा दर्ज कराया था. इस मामले में प्रिया रमानी को बरी कर दिया गया है.
पत्रकार प्रिया रमानी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर द्वारा दायर मानहानि के मुक़दमे से बरी होने के बाद कहा कि उन्हें अच्छा लग रहा है कि अदालत के सामने उनका सच सही साबित हुआ. उन्हें बरी करते हुए दिल्ली की अदालत ने कहा कि गरिमा के अधिकार की क़ीमत पर प्रतिष्ठा के अधिकार को संरक्षित नहीं किया जा सकता.
प्रिया रमानी ने साल 2018 में ‘मीटू’ मुहिम के तहत तत्कालीन केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर के पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे. अकबर द्वारा दायर मानहानि मामले से रमानी को बरी करते हुए दिल्ली की अदालत ने कहा कि गरिमा के अधिकार की क़ीमत पर प्रतिष्ठा के अधिकार को संरक्षित नहीं किया जा सकता.
साल 2018 में पत्रकार प्रिया रमानी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर पर यौन शोषण का आरोप लगाया था, जिसके बाद अकबर ने उनके ख़िलाफ़ मानहानि का मुक़दमा दायर कराया था.
साल 2018 में ‘मी टू’ मुहिम के दौरान पत्रकार प्रिया रमानी समेत कई महिलाओं ने आरोप लगाया था कि एमजे अकबर ने उनका यौन उत्पीड़न किया था. इसके बाद अकबर ने इन आरोपों का खंडन करते हुए रमानी के ख़िलाफ़ मानहानि का मुक़दमा दायर कराया था.
सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर मध्य प्रदेश के एक ज़िला जज के ख़िलाफ़ यौन उत्पीड़न के आरोपों को ख़ारिज करने की मांग की गई है. मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने 14 अगस्त को इसी याचिका को ख़ारिज करते हुए अनुशासनात्मक कार्यवाही जारी रखने का आदेश दिया था.
खुफिया एजेंसी रॉ की एक पूर्व महिला कर्मचारी ने एजेंसी के दो वरिष्ठ अधिकारियों के ख़िलाफ़ यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई थी. सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर सहमति जताई कि जांच में देरी के चलते आरोप साबित नहीं हो पाए.
सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐसे मामले की सुनवाई के दौरान ये टिप्पणी की जिसमें यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने के बाद एक महिला बैंक कर्मचारी का ट्रांसफर कर दिया गया था. महिला ने इसे कोर्ट में चुनौती दी थी.
सेना की एक महिला अधिकारी ने दिसंबर 2016 में सेवारत मेजर जनरल के खिलाफ लिखित शिकायत की थी. जसवाल उस वक्त नगालैंड में असम राइफल्स में बतौर महानिरीक्षक सेवा दे रहे थे.
हैदराबाद के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी के एक स्टेनोग्राफर के ख़िलाफ़ 56 कर्मचारियों ने पिछले साल अक्टूबर में यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद इन लोगों को नौकरी से निकाल दिया गया था जबकि आरोपी अभी भी कैंपस में ही काम कर रहे हैं.