संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयुक्त के प्रवक्ता रूपर्ट कोलविले ने ख़ासकर उन लोगों को जिन्हें ज़्यादा ख़तरा है, जैसे- गर्भवती महिलाएं, मधुमेह पीड़ित, बुजुर्ग कैदी, छोटे-मोटे अपराध में बंद कैदी और ऐसे लोग जो अपनी सज़ा करीब-करीब पूरी कर चुके हैं, उन्हें भी रिहा करने की सिफ़ारिश की है.
संगठन के मुताबिक भारत में लागू किए गए देशव्यापी लॉकडाउन से मजदूर बुरी तरह प्रभावित हुए हैं और उन्हें अपने गांवों की ओर लौटने को मजबूर होना पड़ा है.
भारतीय अर्थव्यवस्था निगरानी केंद्र के आंकड़ों के अनुसार, भारत में साल 2006 से 2016 के बीच 27.1 करोड़ लोग ग़रीबी से बाहर आए हैं, लेकिन अब लॉकडाउन के चलते कई लोगों की ज़िंदगी अधर में है. इसके चलते हज़ारों लोग बेरोज़गार हुए है और अपने गांव-क़स्बों की ओर लौटने को मजबूर हैं.
एक जनहित याचिका में शहरों से पलायन न करने वाले कामगारों को पारिश्रमिक दिए जाने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उसे बताया गया है कि ऐसे कामगारों को आश्रय गृहों में भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है और ऐसी स्थिति में उन्हें पैसे की क्या जरूरत है.
पुलिस के अनुसार, नगांव ज़िले के ढींग विधानसभा क्षेत्र से ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के विधायक अमीनुल इस्लाम का एक कथित ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें वे राज्य में कोरोना का इलाज कर रहे अस्पतालों और क्वारंटाइन सेंटरों के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी कर रहे हैं.
अमेरिका की जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के आंकड़ों के अनुसार, कोरोना वायरस की वजह से दुनिया भर में 69,527 लोगों की मौत हो चुकी है और अब तक संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 1,277,962 हो गई है.
कोरोना वायरस से सुरक्षा के मद्देनज़र देश में 25 मार्च से 21 दिनों का लॉकडाउन लागू किया गया है. लॉकडाउन से पहले ही देश के स्कूल और कॉलेज एहतियातन बंद कर दिए गए थे.
कोरोना वायरस के कारण पूरे देश में लागू लॉकडाउन के कारण रेलवे और एयरलाइन कंपनियों ने यात्री सेवाओं को 25 मार्च से 21 दिनों के लिए निलंबित कर दिया है.
दिल्ली पुलिस ने बताया है कि पिछले साल की इसी अवधि के दौरान 3,416 मामलों की तुलना में इस साल 15 से 31 मार्च तक कुल 1,990 मामले दर्ज किए गए हैं.
अधिकारियों ने बताया कि कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए जेलों में क़ैदियों की संख्या कम करने का निर्णय लिया गया था, जिससे यहां कोरोना वायरस का ख़तरा कम किया जा सके. क़ैदियों को कुछ शर्तों के अधीन अंतरिम ज़मानत, पैरोल और सज़ा पूरी होने पर छोड़ा गया है.
सुप्रीम कोर्ट में दाख़िल एक जनहित याचिका में कहा गया है कि देशव्यापी लॉकडाउन की वजह से रोज़गार गंवाने वाले लाखों कामगारों के लिए जीने के अधिकार लागू कराने की आवश्यकता है. सरकार के 25 मार्च से 21 दिन के लॉकडाउन की घोषणा के बाद ये कामगार बुरी तरह प्रभावित हुए हैं.
एयर इंडिया के एक अधिकारी ने बताया कि सभी विमानों का संचालन बंद होने से पिछले कुछ सप्ताह में एयरलाइन के राजस्व में बड़ी गिरावट आई है, जिसे देखते हुए एयरलाइन ने कुछ पायलटों समेत 200 कर्मचारियों के अनुबंध निलंबित कर दिए गए हैं जिन्हें सेवानिवृत्ति के बाद नियुक्ति दी गई थीं.
मनरेगा के तहत काम मांगने वालों बढ़ती संख्या ये दर्शाता है कि ग्राम पंचायत ज़्यादा से ज़्यादा बेरोज़गारों को काम दे रहे हैं.
सुप्रीम कोर्ट में दाख़िल याचिकाओं में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों का इलाज कर रहे डॉक्टरों, नर्सों और सहयोगी कर्मचारियों को विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों के अनुरूप सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले हफ्ते कोरोना राहत पैकेज की घोषणा करते हुए मनरेगा मज़दूरी में वृद्धि की बात कही. हालांकि यह एक रूटीन वार्षिक कवायद थी, जिसे पहले ही ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा अधिसूचित किया गया था.