कोरोना वायरस: विश्व में एक लाख से ज़्यादा लोगों की मौत, भारत में आंकड़ा 239 पहुंचा

दुनिया में कोरोना वायरस महामारी से अब तक 1,699,019 संक्रमित लोगों में से 102,782 लोगों की मौत हो चुकी है. अमेरिका में एक दिन 2,100 लोगों की मौत के साथ मृतक​ संख्या 18 हज़ार से ज़्यादा हुई. इटली में यह आंकड़ा 19 हज़ार के क़रीब पहुंचा, तीन मई तक लॉकडाउन बढ़ाया गया.

भारत में कोरोना वायरस के कम्युनिटी ट्रांसमिशन का खतरा नहीं: विश्व स्वास्थ्य संगठन

अपनी एक हालिया रिपोर्ट में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत में कोरोना वायरस के कम्युनिटी ट्रांसमिशन का खतरा बताया था. हालांकि, अब उसने सफाई देते हुए कहा है कि भारत में फिलहाल ऐसा कोई खतरा नहीं है.

छत्तीसगढ़ के प्रदूषित कोरबा क्षेत्र की 12 फीसदी आबादी को कोरोना का ख़तरा ज़्यादा: मंत्री

छत्तीसगढ़ सरकार में मंत्री जय सिंह अग्रवाल का कहना है कि कोयले की खुली खदानों और कोयले के ईंधन से चलने वाले संयंत्रों के कारण कोरबा अत्यधिक प्रदूषित है और क्षेत्र के तक़रीबन 12 प्रतिशत लोग पहले से ही दमा और ब्रोंकाइटिस से पीड़ित हैं.

लॉकडाउन: भारी संकट में किसान, गेहूं की फसल काटने को नहीं मिल रहे मज़दूर

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान नेताओं ने चेताया है कि खेती-किसानी से जुड़ी समस्याओं को समय रहते नहीं सुलझाया गया तो बीमारी से ज़्यादा भुखमरी से मौतें होंगी.

लॉकडाउन: गुजरात में सैलरी की मांग को लेकर सैकड़ों मजदूर सड़क पर उतरे

मामला गुजरात के सूरत का है. लॉकडाउन के बीच वेतन और घर वापस लौटने की मांग कर रहे प्रवासी मजदूरों द्वारा तोड़फोड़ और ठेलों में आग लगाए जाने के बाद पुलिस ने उनमें से करीब 80 लोगों को हिरासत में ले लिया.

कोरोना: तबलीग़ी जमात की ग़लती गंभीर है लेकिन महामारी का सांप्रदायीकरण भी कम आपराधिक नहीं है

इस देश का दुर्भाग्य है कि इतने बड़े संकट में घिरे होने के बाद भी हम भारतीय अपनी कट्टरता, अंधविश्वास और पूर्वाग्रह से बाहर न निकलकर एक वैश्विक महामारी को भी हिंदू-मुसलमान का मुद्दा बनाए दे रहे हैं.

15 अप्रैल से ट्रेनों का परिचालन बहाल करने की कोई योजना नहीं: रेल मंत्रालय

15 अप्रैल से ट्रेन परिचालन शुरू करने की ख़बरों को ग़लत बताते हुए रेल मंत्रालय ने कहा है कि मीडिया ऐसे समय में अपुष्ट और असत्यापित ख़बरों को प्रकाशित करने से बचे, क्योंकि इससे जनता के दिमाग में अनावश्यक भ्रम पैदा होता है.

कोरोना: नर्सों द्वारा सुरक्षा उपकरण और मास्क की कमी बताने के बाद त्रिपुरा में एस्मा लागू

त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने घोषणा की है कि त्रिपुरा में कोरोना सं​क्रमित लोगों के इलाज के दौरान किसी डॉक्टर या नर्स की मौत पर उनके परिवार वालों को रोज़गार मिलेगा.

झारखंड के क़रीब 50 फीसदी ब्लॉकों में अब तक दोगुना राशन नहीं मिला: सर्वे

ग़ैर सरकारी संगठन भोजन का अधिकार अभियान के सर्वे में ये बात सामने आई है कि आंगनबाड़ियों, स्वास्थ्य केंद्रों और दाल-भात केंद्रों से ग्रामीण झारखंड के लोगों को बहुत कम जन सहायता मिल रही है. दोगुने राशन के वितरण में बहुत अनियमितताएं हैं.

कोरोना वायरस: विश्व में मौत का आंकड़ा 96 हज़ार के पार, देश में 199 लोगों की मौत

इटली में अब तक 100 डॉक्टरों समेत 18 हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत. अमेरिका से 16 हज़ार से ज़्यादा लोगों की जान गई. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री को आईसीयू से बाहर लाया गया. दक्षिण अफ्रीका ने लॉकडाउन का समय दो हफ्ते और बढ़ाया.

निजी सुरक्षा उपकरण की मांग को लेकर दिल्ली नर्स यूनियन ने काम रोकने की चेतावनी दी

दिल्ली स्टेट हॉस्पिटल्स नर्सेज़ यूनियन ने सरकार और प्रशासन को चेतावनी देते हुए मांग की है कि पीपीई और मास्क की कमी दूर की जाए, एक ही हॉल में बेड लगाकर सभी नर्सों के रुकने का इंतज़ाम करने की बजाय उन्हें अलग कमरे दिए जाएं.

लॉकडाउन: दाल, चावल, आटा जैसे खाद्य पदार्थों की उपलब्धता प्रभावित

कोरोना वायरस से सुरक्षा को लेकर लागू लॉकडाउन के कारण अधिकांश मज़दूर अपने घर चले गए हैं, इसलिए विभिन्न सामानों का उत्पादन काफी कम हो गया है. इसके अलावा ट्रांसपोर्ट सेवा की कमी भी खाद्यान्नों की सप्लाई को सीमित कर दिया है.

मरकज़ से जुड़े आंकड़े अलग लिखे जाने से हो रहे हैं मुसलमानों पर हमले: दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग

दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष ज़फरुल इस्लाम ख़ान ने दिल्ली सरकार को पत्र लिखकर डेली हेल्थ बुलेटिन में निज़ामुद्दीन मरकज़ से जुड़े आंकड़े अलग लिखने पर एतराज़ जताते हुए कहा है कि संप्रदाय के आधार पर बनाए गए कॉलम जल्द से जल्द हटाया जाए क्योंकि इससे इस्लामोफोबिया के एजेंडा को बढ़ावा मिल रहा है.

नगालैंड: कोरोना संक्रमण के मद्देनज़र सौ से अधिक विचाराधीन क़ैदियों को रिहा किया गया

कोरोनावायरस के चलते सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों से जेल में बंद क़ैदियों की रिहाई के लिए एक पैनल गठित करने को कहा है. यह पैनल सात साल तक की सज़ा से संबंधित अपराधों के सज़ायाफ़्ता या इतने ही समय की सज़ा होने के अपराध के आरोपी विचाराधीन क़ैदियों की अंतरिम ज़मानत या पैरोल पर रिहाई के बारे में निर्णय देगा.

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