महाराष्ट्र: लॉकडाउन के बीच भाजपा विधायक के जन्मदिन पर 200 लोग इकट्ठा हुए

मामला वर्धा ज़िले का है, जहां भाजपा विधायक दादाराव केचे के जन्मदिन पर क़रीब दो सौ लोग उनके घर के बाहर जमा हुए थे और उन्होंने कुछ लोगों को अनाज भी बांटा था. लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन के चलते उन पर विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज करने का नोटिस जारी किया गया है.

2019-20 में 5.47 करोड़ परिवारों ने मनरेगा के तहत काम मांगा, पिछले नौ सालों में सर्वाधिक

मनरेगा के तहत काम मांगने वालों बढ़ती संख्या ये दर्शाता है कि ग्राम पंचायत ज़्यादा से ज़्यादा बेरोज़गारों को काम दे रहे हैं.

कोरोना वायरस: गंगा नदी के पानी की गुणवत्ता में आया सुधार

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वास्तविक समय के निगरानी आंकड़ों के अनुसार, गंगा नदी के विभिन्न बिंदुओं पर स्थित 36 निगरानी इकाइयों में करीब 27 बिंदुओं पर पानी की गुणवत्ता नहाने, वन्यजीव तथा मत्स्य पालन के अनुकूल पाई गई.

यूपी पुलिस द्वारा ‘द वायर’ के ख़िलाफ़ की गई एफआईआर प्रेस की आज़ादी पर हमला है

द वायर के संस्थापक संपादकों ने बुधवार को एक बयान जारी कर कहा कि यूपी पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर जायज़ अभिव्यक्ति और तथ्यात्मक जानकारी पर हमला करने की कोशिश है.

कोरोना राहत पैकेज: क्या वित्तमंत्री ने मनरेगा मज़दूरों के साथ धोखा किया है?

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले हफ्ते कोरोना राहत पैकेज की घोषणा करते हुए मनरेगा मज़दूरी में वृद्धि की बात कही. हालांकि यह एक रूटीन वार्षिक कवायद थी, जिसे पहले ही ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा अधिसूचित किया गया था.

कोरोना: यूपी सरकार ने रोज़गार सेवकों का बकाया मानदेय दिए बिना संक्रमितों की पहचान में लगाया

उत्तर प्रदेश के 36 हज़ार रोज़गार सेवकों को 18 महीनों का मानदेय नहीं मिला है, जो क़रीब 170 करोड़ रुपये होता है. बावजूद इसके उन्हें गांवों में आए प्रवासी कामगारों की पहचान के काम में लगाया गया है. संक्रमण के जोख़िम के बीच न तो उन्हें मास्क और दस्ताने दिए गए हैं, न ही उनका बीमा कराया गया है.

कोरोना लॉकडाउन: पहले से बदहाल पूर्वांचल के अंडा उत्पादकों और मुर्गी पालकों पर दोहरी मार

बीते एक साल से ज़्यादा समय से मुश्किल में चल रहे पूर्वांचल के अंडा उत्पादकों और मुर्गी पालकों के लिए कोरोना के मद्देनज़र हुआ लॉकडाउन संकट बनकर उभरा है. कोरोना संक्रमण के डर से जहां मुर्गों की मांग घटी, वहीं लॉकडाउन के चलते अंडा उत्पादकों को ख़रीददार नहीं मिल रहे हैं.

कोरोना से निपटने के सरकार के कदम ग़रीब-विरोधी हैं

सरकार द्वारा ग़रीबों की मदद के नाम पर स्वास्थ्य संबंधी मामूली घोषणाएं की गई हैं. हमें नहीं पता अगर कोई ग़रीब कोरोना से संक्रमित हुआ तो उसे उचित स्वास्थ्य सुविधा मिल सकेगी. अगर अस्पताल में भर्ती होने की नौबत आई तो बेड और वेंटिलिटर जैसी सुविधाएं मिलेंगी?

बिहारः अस्पताल ने एंबुलेंस मुहैया नहीं कराई, परिवार को कंधों पर शव ले जाना पड़ा

पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल ने शव ले जाने के लिए पीड़िता के परिवार से कथित तौर पर 3,000 रुपये मांगें, जिसके बाद परिवार को चार किलोमीटर तक शव को कंधों पर उठाकर ले जाना पड़ा.

‘जस्टिस गोगोई के राज्यसभा पहुंचने के बाद हर जज और उनके दिए फ़ैसले पर सवाल उठेंगे’

पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को राज्यसभा सदस्य के तौर पर मनोनीत करने की पूर्व न्यायाधीशों और विपक्षी दलों ने आलोचना की है. ऐसा भी कहा गया कि उन्हें सरकार को फायदा पहुंचाने के एवज में यह पद मिला है. इस बारे में पटना हाईकोर्ट की पूर्व जज अंजना प्रकाश से आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.

कोरोना लॉकडाउन: ग़रीब और कमज़ोर तबके की मदद के लिए क्या उपाय किया जा सकते हैं

देशभर में कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन से उत्पन्न आर्थिक स्थितियां उन लोगों को बुरी तरह प्रभावित करेंगी, जो इस महामारी से तो शायद बच जाएंगे, लेकिन रोज़मर्रा की आवश्यक ज़रूरतों का पूरा न होना उनके लिए अलग मुश्किलें खड़ी करेगा.

कृतज्ञता का भाव ग़ैर-बराबरी और नाइंसाफी की स्थिति से जुड़ा हो, तो हिंसा पैदा होती है

कृतज्ञता के साथ जब अपनी लाचारी का एहसास जुड़ जाए तो मनुष्य उससे मुक्त होना चाहता है. एक समुदाय ही रहम, कृपा, राहत का पात्र बनता रहे यह वह कबूल नहीं कर सकता. वह बराबरी हासिल करना चाहता है.

60 से अधिक उम्र के केंद्रीय स्वास्थ्य योजना के लाभार्थियों के घर पर दवाएं पहुंचाने का आदेश

कोरोना वायरस के मद्देनज़र देश में लागू लॉकडाउन के चलते ज़रूरी दवाओं की भी घर पर आपूर्ति की अनुमति दी गई है. सरकारी आदेश के अनुसार, ऐसी दवाएं जिन्हें लोगों के घरों तक पहुंचाया जाएगा, उन्हें किसी योग्य डॉक्टर के पर्चे के बिना नहीं ख़रीदा जा सकेगा.

कोरोना: मोदी सरकार के 1.75 लाख करोड़ के राहत पैकेज का सच वही है जो दिखाया जा रहा है?

25 मार्च को केंद्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने बताया कि खाद्य सुरक्षा कानून के तहत अब पीडीएस धारकों को 2 किलो अतिरिक्त अनाज मिलेगा, जिससे देश के 81 करोड़ लाभार्थी अगले तीन महीने तक लाभांवित होंगे. 26 मार्च के वित्त मंत्री के ऐलान में लाभार्थियों की संख्या 80 करोड़ है. एक करोड़ का हिसाब क्या सरकार के बोलने-लिखने में गायब हो गया?