क्या सरकार आंदोलनकारी अन्नदाताओं के इरादों से सचमुच डर गई है और इसीलिए ऐसी सियासत पर उतर आई है, जो अन्नदाताओं के रास्ते में दीवारें उठाकर, कंटीले तार बिछाकर और गिरफ़्तार करके उनसे कह रही है कि आओ वार्ता-वार्ता खेलें?
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने दिल्ली के टिकरी, सिंघू और ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर पुलिस द्वारा की गई क़िलेबंदी को लेकर पीएम मोदी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि दिल्ली में हम चक्काजाम नहीं कर रहे हैं, वहां तो राजा ने ख़ुद क़िलेबंदी कर ली है.
शिरोमणि अकाली दल, द्रमुक, राकांपा और तृणमूल कांग्रेस समेत इन पार्टियों के 15 सांसदों को पुलिस ने ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसानों से मिलने नहीं दिया. इनका कहना है कि कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे किसानों की स्थिति जेल के कै़दियों जैसी है.
हिंसा का एकाधिकार सरकार के पास होता है और उसे नियंत्रित रखने के लिए संवैधानिक सीमाएं हैं. लेकिन सरकार इनका अतिक्रमण करती रहती है. उसकी अनधिकार हिंसा पर कोई सवाल न उठे, इसलिए वह जनता के एक हिस्से को यह बताती है कि वह उसकी तरफ से हिंसा का प्रयोग कर रही है.
यूएस स्टेट डिपार्टमेंट का यह बयान अमेरिकी गायिका रिहाना समेत कई हस्तियों के किसान आंदोलन के समर्थन पर भारतीय विदेश मंत्रालय की आलोचना पर आया है. विभाग ने यह भी कहा कि अमेरिका ऐसे कदमों का स्वागत करता है जो भारतीय बाज़ार को बेहतर बनाते हैं और बड़े स्तर पर निजी निवेश आकर्षित करते हैं.
26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के बाद से ग़ाज़ीपुर, टिकरी और सिंघू बॉर्डर पर बैरिकेड और सीमेंट की दीवारों की संख्या बढ़ गई है. तीनों सीमाओं को काफ़ी दूर तक तारों से घेर दिया गया है और टिकरी और ग़ाज़ीपुर में पुलिस ने धरनास्थल तक जाने वाली सड़कों पर लोहे की कीलें भी गाड़ दी हैं.
वीडियो: बीते 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर रैली के बाद उत्तर प्रदेश प्रशासन ने ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को हटाने का आदेश दिया था. हालांकि भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत की अपील के बाद, यहां किसानों का हुजूम उमड़ पड़ा है.
वीडियो: गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में ट्रैक्टर परेड के बाद ग़ाज़ियाबाद प्रशासन ने दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा पर स्थित ग़ाज़ीपुर में कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे किसानों को हटने का अल्टीमेटम दिया था. हालांकि भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत यह कहते हुए डटे रहे कि वह ख़ुदकुशी कर लेंगे, लेकिन आंदोलन ख़त्म नहीं करेंगे.
वीडियो: दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा पर स्थित ग़ाज़ीपुर बाॅर्डर पर डटे किसानों का कहना है कि तीनों कृषि क़ानूनों के रद्द होने तक वो पीछे नहीं हटने वाले हैं.
गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में ट्रैक्टर परेड के बाद ग़ाज़ियाबाद प्रशासन ने दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा पर स्थित ग़ाज़ीपुर में कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों को हटने का अल्टीमेटम दिया था. हालांकि भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत यह कहते हुए डटे रहे कि वह ख़ुदकुशी कर लेंगे, लेकिन आंदोलन ख़त्म नहीं करेंगे.