केंद्र शासित जम्मू कश्मीर प्रशासन ने 'राज्य की सुरक्षा' के ख़िलाफ़ संदिग्ध गतिविधियों वाले सरकारी कर्मचारियों के मामलों की जांच के लिए एक विशेष टास्क फोर्स का गठन किया है. संविधान के अनुच्छेद 311 (2)(सी) के अंतर्गत पारित इस आदेश के तहत सरकार को हक़ है कि वो बिना जांच समिति का गठन किए किसी भी कर्मचारी को बर्ख़ास्त कर दे.
जम्मू कश्मीर प्रशासन के नए आदेश के तहत जिला विकास परिषद यानी डीडीसी के अध्यक्ष का दर्जा सचिव के बराबर कर दिया गया है. भाजपा समेत सभी पार्टियों के डीडीसी सदस्यों ने इस आदेश को वापस लेने की मांग की है.
नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने रविववार को एक ट्वीट में कहा, 'अगस्त 2019 के बाद यह नया जम्मू कश्मीर है. हमें बिना कारण बताए हमारे घरों में क़ैद कर दिया गया है.' वहीं श्रीनगर पुलिस का कहना है कि पुलवामा हमले की बरसी के चलते वीआईपी और अन्य लोगों की आवाजाही कम की गई है.
जम्मू कश्मीर में जिला विकास परिषद (डीडीसी) की 280 सीटों के लिए आठ चरण में चुनाव कराए गए थे. इस चुनाव में 2,178 उम्मीदवार मैदान में थे. जम्मू कश्मीर का विशेष राज्य का दर्ज़ा ख़त्म किए जाने के बाद इस केंद्र शासित प्रदेश में यह पहला चुनाव था.
डीडीसी चुनाव नतीजे आने के एक दिन पहले जम्मू कश्मीर में अधिकारियों ने बताया कि कम से कम 20 राजनीतिक नेताओं को हिरासत में लिया है. इनमें महबूबा मुफ़्ती की पार्टी पीडीपी के तीन वरिष्ठ नेता भी शामिल हैं. मुफ़्ती ने आरोप लगाया कि भाजपा पर चुनाव नतीजों से छेड़छाड़ करने की कोशिश कर रही है.
जम्मू कश्मीर में ज़िला विकास परिषद (डीडीसी) चुनाव के लिए 28 नवंबर से 22 दिसंबर तक आठ चरणों में मतदान होंगे. पहले चरण के तहत शनिवार को लगभग 52 फीसदी वोटिंग हुईं. भाजपा ने उर्दू में जारी अपने घोषणा-पत्र में केंद्रशासित प्रदेश के निवासियों के लिए 100 फ़ीसदी सरकारी नौकरियां आरक्षित करने का श्रेय लेने का भी दावा किया है.
लद्दाख के भाजपा सांसद जामयांग सेरिंग नामग्याल की टिप्पणी ऐसे वक़्त में आई है जब भाजपा नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फ़ारूक़ अब्दुल्ला की अगुवाई वाले गुपकर गठबंधन को ‘गुपकर गैंग’ बोलकर हमला कर रही है. यह गठबंधन जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे की बहाली और उसे फिर से पूर्ण राज्य बनाए जाने की मांग कर रहा है.
पीपुल्स अलायंस फॉर गुपकर डिक्लरेशन की ओर से कहा गया है कि प्रचार से रोककर उनके उम्मीदवारों को सुरक्षा के नाम पर सुरक्षित स्थानों पर ले जाया रहा है. अलायंस में शामिल पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ़्ती ने आरोप लगाया कि डीडीसी चुनावों में ग़ैर-भाजपा दलों की भागीदारी को भारत सरकार ने नुकसान पहुंचा रही है. माकपा नेता मोहम्मद यूसुफ़ तारिगामी ने भी प्रचार न करने देने की बात कही है.
बताया जा रहा है कि जम्मू कश्मीर में ज़िला विकास परिषद (डीडीसी) चुनाव में सीट बंटवारे में असहमति को लेकर मुज़फ़्फ़र हुसैन बेग़ इस्तीफ़ा दिया है. जम्मू कश्मीर में 28 नवंबर से 24 दिसंबर के बीच आठ चरणों में डीडीसी चुनाव कराए जाएंगे.
बीते 22 अगस्त को जम्मू कश्मीर छह क्षेत्रीय पार्टियों ने संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त करने के फ़ैसले को असंवैधानिक क़रार देते हुए इसकी बहाली के लिए मिलकर संघर्ष करने के लिए गठबंधन का ऐलान किया था और एक घोषणा-पत्र जारी किया था.
विशेष राज्य का दर्जा हटाने के बाद बड़ा कदम उठाते हुए केंद्र सरकार ने केंद्र शासित जम्मू कश्मीर के ज़मीन मालिकाना अधिकार से संबंधित नियमों में बदलाव किया है, जिसके बाद देशभर से अब कोई भी यहां जमीन ख़रीद सकता है. केंद्र के इस क़दम का विरोध हो रहा है.
केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर विकास अधिनियम की धारा 17 से ‘राज्य का स्थायी नागरिक’ वाक्यांश हटा लिया है. यह धारा केंद्र शासित प्रदेश में ज़मीन के निस्तारण से संबंधित है और नया संशोधन बाहर के लोगों को जम्मू कश्मीर तथा लद्दाख में ज़मीन खरीदने का अधिकार देने का रास्ता खोलता है.
जम्मू कश्मीर के छह दल अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त करने के फ़ैसले को असंवैधानिक क़रार देते हुए इसकी बहाली के लिए एकजुट हुए हैं. गठबंधन ने जम्मू कश्मीर राज्य के झंडे को अपने निशान के रूप में अपनाते हुए बीते एक साल के शासन पर श्वेतपत्र जारी करने की बात कही है.