जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को हटाने के साथ ही वहां संचार माध्यमों पर लगी पाबंदियों को चुनौती देते हुए कांग्रेस नेता गुलाम नबी आज़ाद, कश्मीर टाइम्स की संपादक अनुराधा भसीन और अन्य लोगों ने याचिकाएं दायर की थीं.
राज्यसभा में गृह मंत्रालय द्वारा बताया गया कि साल 2017 में गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम क़ानून (यूएपीए) के तहत सर्वाधिक गिरफ्तारियां उत्तर प्रदेश में हुईं.
जम्मू कश्मीर पुलिस द्वारा अनजाने में पत्रकारों को भेजे गए ई-मेल में ‘डीएनए फाइल’ नाम से एक फाइल थी, जिसमें ऐसे सोशल मीडिया पोस्ट्स के स्क्रीनशॉट थे, जो कि कश्मीर का विशेष दर्जा ख़त्म करने के संबंध में लिखे गए थे.
कश्मीर में लगी पाबंदी पर याचिका दाखिल करने वालों की ओर से पेश एक वकील ने प्रतिदिन हो रहे विरोध प्रदर्शनों के बावजूद हांगकांग हाईकोर्ट द्वारा प्रदर्शनकारियों पर से सरकारी प्रतिबंध हटा लेने का उदाहरण दिया. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नागरिकों के मौलिक अधिकारों को बनाए रखने में भारत का सर्वोच्च न्यायालय कहीं अधिक श्रेष्ठ है.
संसद सत्र में फारूक अब्दुल्ला को हिस्सा लेने की इजाजत देने की विपक्ष की मांग पर केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी. किशन रेड्डी ने कहा कि कांग्रेस ने आपातकाल के दौरान 30 सांसदों को हिरासत में रखा था. इस पर नेशनल कॉन्फ्रेंस ने कहा कि रेड्डी की टिप्पणी इस बात की स्वीकार्यता है कि जम्मू कश्मीर आपातकाल के बुरे दौर से गुजर रहा है.
गृह मंत्रालय ने लोकसभा में कहा कि जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने के बाद पत्थरबाजी की घटनाओं में कमी आई है. हालांकि, आंकड़े बताते हैं कि जनवरी से 4 अगस्त तक औसतन हर महीने पत्थरबाजी की 50 घटनाएं हुईं. वहीं, 5 अगस्त के बाद ऐसे मामले औसतन हर महीने बढ़कर 55 हो गए.
वहीं गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने कांग्रेस नेता आनंद शर्मा की अध्यक्षता वाली गृह मामलों की संसद की स्थायी समिति को बताया कि हिरासत में लिए गए जम्मू कश्मीर के नेताओं को रिहा किया जा रहा है और बाकियों को भी रिहा कर दिया जाएगा. हालांकि उन्होंने इसकी कोई समयसीमा नहीं बताई.
एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया ने कहा कि पिछले एक वर्ष के दौरान जब भी एमनेस्टी इंडिया भारत में मानवाधिकार उल्लंघनों के खिलाफ खड़ा हुआ है और बोला है तब उसे उत्पीड़न का सामना करना पड़ा है.
पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और असम सरकार को निर्देश दिया था कि असम के पूर्व एनआरसी समन्वयक प्रतीक हजेला को सात दिनों में उनके मूल राज्य मध्य प्रदेश स्थानांतरित कर दिया जाए.
पत्रकार आतिश तासीर पाकिस्तान के दिवंगत नेता सलमान तासीर और भारतीय पत्रकार तवलीन सिंह के बेटे हैं. ओसीआई कार्ड किसी ऐसे व्यक्ति को जारी नहीं किया जाता है, जिसके माता-पिता या दादा-दादी पाकिस्तानी हों. लोकसभा चुनाव के दौरान टाइम मैगज़ीन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हुए उन्होंने एक लेख लिखा था, जिसका शीर्षक ‘डिवाइडर-इन-चीफ’ था.
केंद्र सरकार ने बीते एक अक्टूबर को त्रिपुरा के उत्तरी ज़िलों में स्थित छह ब्रू राहत शिविरों में मुफ्त राशन और नकद सहायता रोक दी, क्योंकि शरणार्थियों ने मिज़ोरम वापस लौटने से इनकार कर दिया था. इसके बाद से शरणार्थी उत्तर त्रिपुरा ज़िले में आनंद बाजार से कंचनपुर के बीच सड़क जाम कर प्रदर्शन कर रहे हैं.
मिजोरम ब्रू डिस्प्लेस्ड पीपुल्स फोरम ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार द्वारा पिछले महीने से राहत शिविरों के लोगों के लिए मुफ्त राशन और नकद सहायता बंद किए जाने के बाद भुखमरी से लोगों की मौत हुई है.
इस बीच उन्होंने एनआरसी का विरोध करने वालों पर भी निशाना साधा और कहा कि ऐसे लोगों को जमीनी हकीकत की जानकारी नहीं है.
उच्चतम न्यायालय ने केंद्र और असम सरकार को 18 अक्टूबर को निर्देश दिया था कि असम एनआरसी समन्वयक प्रतीक हजेला को सात दिनों में उनके मूल राज्य मध्य प्रदेश स्थानांतरित कर दिया जाए.
यह आदेश सुनाते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने बैंक कर्मचारी को रिश्वत देने के एक मामले में सीबीआई द्वारा नामज़द एक कारोबारी का फोन टैप करने के केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेशों को निरस्त कर दिया.