यूपी पुलिस ने पिछले अक्टूबर में हाथरस जाने के रास्ते में केरल के पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन समेत चार युवकों को गिरफ़्तार किया था, जिसके बाद उन पर शांतिभंग और यूएपीए के तहत मामले दर्ज किए गए थे. इसी हफ्ते मथुरा की स्थानीय अदालत ने इन सभी को शांतिभंग के आरोपों से मुक्त किया है.
उत्तर प्रदेश पुलिस ने पिछले साल पांच अक्टूबर को हाथरस जाने के रास्ते में केरल के एक पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन समेत चार युवकों को गिरफ़्तार किया था. उन पर आरोप लगाया था कि हाथरस सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले के मद्देनज़र सांप्रदायिक दंगे भड़काने और सामाजिक सद्भाव को बाधित करने की कोशिश कर रहे थे. यूपी सरकार ने दावा किया था कि कप्पन पत्रकार नहीं, बल्कि अतिवादी संगठन पीएफआई के सदस्य हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को यूएपीए के आरोपों के तहत गिरफ़्तार केरल के पत्रकार सिद्दीक कप्पन को बेहतर इलाज के लिए राज्य से बाहर स्थानांतरित करने का निर्देश देते हुए कहा कि एक विचाराधीन क़ैदी को भी जीने का अधिकार है.
केरल के पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन की पत्नी की ओर से लिखे गए पत्र में दावा किया गया है कि उन्हें मथुरा के मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में जानवर की तरह खाट से बांधा गया है और न वे खाना खा पा रहे हैं और न ही पिछले चार दिनों से भी अधिक समय से टॉयलेट जा सके हैं. कप्पन को पिछले साल हाथरस जाते समय गिरफ़्तार किया गया था.
एक मृतक महिला के पति ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि उनकी दिवगंत पत्नी की तस्वीर को हाथरस बलात्कार पीड़ित बताकर विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपलोड किया जा रहा है. हाईकोर्ट ने इस संबंध में केंद्र सरकार, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक, गूगल और ट्विटर से जवाब मांगा है.
उत्तर प्रदेश पुलिस ने पिछले साल पांच अक्टूबर को हाथरस जाने के रास्ते में केरल के एक पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन समेत चार युवकों को गिरफ़्तार किया था. यूपी सरकार ने कोर्ट में दाख़िल हलफ़नामे में दावा किया है कि सिद्दीक़ कप्पन पत्रकार नहीं, बल्कि अतिवादी संगठन पीएफआई के सदस्य हैं.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पीड़िता के भाई की अर्ज़ी पर चेतावनी दी कि यदि कोई व्यक्ति सुनवाई की कार्यवाही को प्रभावित करने की कोशिश करेगा या पीड़िता के परिजनों व गवाहों के जीवन, स्वतंत्रता व संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का प्रयास करेगा तो उसके ख़िलाफ़ सख्त कार्रवाई होगी और अदालती अवमानना की कार्यवाही भी चलाई जाएगी.
बीते सोमवार को शाहजहांपुर के स्वामी शुकदेवानंद पीजी कॉलेज की एक छात्रा लखनऊ-बरेली हाईवे पर नग्न अवस्था में बुरी तरह झुलसी मिली थी, जिसने गैंगरेप में असफल होने के बाद आरोपियों द्वारा जलाने की बात कही थी. मामले में छात्रा की एक दोस्त और उसके संबंधी समेत चार लोगों को गिरफ़्तार किया गया है.
मामला शाहजहांपुर का है, जहां स्वामी शुकदेवानंद पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज की एक छात्रा लखनऊ-बरेली हाईवे पर नग्न अवस्था में बुरी तरह झुलसी हुई मिली थी. पीड़िता को इलाज के लिए लखनऊ भेजा गया है. पुलिस के अनुसार छात्रा ने बताया है कि तीन लोगों ने बलात्कार में विफल होने पर केरोसिन डालकर उसे आग लगा दी.
अक्टूबर 2020 में हाथरस में दलित युवती से सामूहिक दुष्कर्म की घटना के बाद वहां जा रहे केरल के पत्रकार सिद्दीक कप्पन को ज़मानत देते हुए शीर्ष अदालत ने उन्हें परिजनों और डॉक्टरों के अलावा किसी से मिलने की अनुमति नहीं दी है. पीठ ने यह भी कहा इस दौरान वे सोशल मीडिया समेत मीडिया को कोई इंटरव्यू नहीं देंगे.
घटना पूर्वी चंपारण के कुंडवा चैनपुर की है, जहां 21 जनवरी को चार लोगों ने घर में अकेली 12 साल की बच्ची से बलात्कार कर उसकी हत्या कर दी. वायरल हुए एक ऑडियो के आधार पर स्थानीय थाना प्रभारी द्वारा आरोपियों से सबूत मिटाने के लिए पीड़िता के शव को जलाने की बात कहने का दावा किया गया है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे जब उनसे बीते दिनों पटना में निजी विमान सेवा इंडिगो के स्टेशन मैनेजर की हत्या और राज्य में क़ानून-व्यवस्था की स्थिति पर सवाल पूछे गए, जिस पर मुख्यमंत्री ने तल्ख़ होते हुए कहा कि ऐसी बातों से पुलिस हतोत्साहित होगी.
बिहार के मधुबनी ज़िले के हरलाखी थाना क्षेत्र के एक गांव में मंगलवार को हुई घटना. मामले में तीन लोगों को गिरफ़्तार किया गया है बताया जा रहा है कि आरोपियों ने पहचान उजागर होने के डर से किसी नुकीली चीज़ से लड़की की दोनों आंखें क्षतिग्रस्त कर दीं.
घटना मध्य प्रदेश के सीधी ज़िले के अमिलिया थाना क्षेत्र में बीते नौ जनवरी को हुई. पुलिस ने चारों आरोपियों को गिरफ़्तार कर लिया है. महिला को गंभीर हालत में रीवा शहर के संजय गांधी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है.
बदायूं ज़िले में तीन जनवरी की शाम मंदिर में पूजा करने गईं पचास साल की महिला के कथित सामूहिक बलात्कार और मौत के मामले में इससे पहले कर्तव्यों का निर्वहन न करने के लिए संबंधित पुलिस स्टेशन के एसएचओ और पोस्ट प्रभारी को निलंबित किया गया था.