उत्तर प्रदेश के हाथरस ज़िले की घटना. आरोप है कि 14 सितंबर को 19 साल की दलित लड़की से सवर्ण जाति के चार युवकों ने गैंगरेप किया. उसके बाद पीड़िता की जीभ काट दी गई. पीड़िता की रीढ़ की हड्डी और गर्दन में गंभीर चोटें आई हैं. फिलहाल वह वेंटिलेटर पर हैं.
कंगना रनौत का एक साथी महिला कलाकार के काम को नकारते हुए उन्हें नीचा दिखाने का प्रयास और घर गिराए जाने की तुलना बलात्कार से करना दिखाता है कि फेमिनिज़्म को लेकर उनकी समझ बहुत खोखली है.
मामला जालना ज़िले का है. परिजनों का दावा है कि लंबे समय से चले आ रहे भूमि विवाद के कारण 4 सितंबर को दो भाइयों, 22 वर्षीय राहुल बोराडे और 25 वर्षीय प्रदीप बोराडे की अनुसूचित जनजाति के पचास से अधिक लोगों की भीड़ द्वारा हत्या कर दी गई.
एनसीआरबी की एक रिपोर्ट के अनुसार जेलों में बंद दलित, आदिवासी और मुस्लिमों की संख्या देश में उनकी आबादी के अनुपात से अधिक है, साथ ही दोषी क़ैदियों से ज़्यादा संख्या इन वर्गों के विचाराधीन बंदियों की है. सरकार का डॉ. कफ़ील और प्रशांत कनौजिया को बार-बार जेल भेजना ऐसे आंकड़ों की तस्दीक करता है.
उत्तर प्रदेश के आगरा ज़िले का मामला. आरोप है कि चिकित्सा बिल के बदले एक लाख रुपये में अस्पताल प्रशासन ने दंपति को बच्चा बेचने के लिए मजबूर किया, वहीं अस्पताल ने इस आरोप का खंडन किया है.
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के साल 2019 के आंकड़ो के अनुसार देश की जेलों में बंद विचाराधीन मुस्लिम क़ैदियों की संख्या दोषी ठहराए गए मुस्लिम क़ैदियों से अधिक है.
बीते रविवार को अभिनेत्री कंगना रनौत ने ट्विटर पर भारत में जाति-व्यवस्था, आरक्षण और भेदभाव को लेकर टिप्पणियां की थीं.
ढेंकानाल ज़िले के कांतियो कतेनी गांव का मामला. दलित समुदाय का आरोप है कि गांव वालों ने उनसे बात बंद कर दी है, सार्वजनिक वितरण प्रणाली से राशन नहीं मिल रहा और किराना दुकानों ने सामान देना बंद कर दिया है. वहीं ग्राम प्रधान का कहना है कि दलित समुदाय से सिर्फ़ बात बंद करने को कहा गया है.
मामला गांधीनगर ज़िले की मानसा तालुका के एक गांव का है. 55 वर्षीय महिला का कहना है कि आरोपी ने उनके घर में घुसकर जातिसूचक गालियां दीं और फिर उनके और उनके बेटे के साथ मारपीट की.
आंध्र प्रदेश के पूर्वी गोदावरी ज़िले के सीतानगरम पुलिस थाने का मामला. आरोप है कि सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के एक नेता ने रेत से लदी लॉरी को कथित तौर पर रोकने की वजह से शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद पुलिस ने ऐसा किया.
मामला छतरपुर ज़िले के छापरा गांव का है, जहां दलित समुदाय के एक युवक को उसकी बारात से पहले घोड़े पर बैठकर पूजा के लिए जाने से रोका गया. चार सवर्ण युवकों ने उसे घोड़े से उतारने का प्रयास करते हुए जातिगत टिप्पणियां और मारपीट की. साथ ही, पुलिस से शिकायत करने पर जान से मारने की धमकी दी.
घटना टोंक ज़िले के डांगरथल गांव की है. शिकायतकर्ता का आरोप है कि दलित होने की वजह से दुकानदार ने उसके बाल काटने से इनकार किया और जातिसूचक गालियां देते हुए अपनी दुकान से निकाल दिया. इसके बाद गांव के अन्य दुकानदारों ने भी उनके बाल काटने से इनकार कर दिया. इस बारे में तीन लोगों पर मामला दर्ज किया गया है.
मामला जौनपुर ज़िले के सरायख्वाज़ा क्षेत्र के भदेठी गांव का है. 9 जून को आम तोड़ने को लेकर दो समुदायों के बच्चों में विवाद हुआ, जिसके बाद स्थानीयों के बीच हिंसक झड़प हुई. सौ के क़रीब लोगों पर मामला दर्ज हुआ है और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आरोपियों पर रासुका और गैंगस्टर एक्ट लगाने के निर्देश दिए हैं.
बीते 20 मई को जारी किए राज्य सरकार के आदेश में केंद्र सरकार के 2018 के निर्देशों का हवाला देते हुए कहा गया है कि सभी सरकारी अधिकारी अनुसूचित जाति व जनजाति के सदस्यों के लिए 'दलित' या 'हरिजन' शब्द का उपयोग करने से बचेंगे क्योंकि इनका संविधान या क़ानून में कोई उल्लेख नहीं है.
मामला बोटाद जिले के विकालिया गांव का है. परिजनों का आरोप है कि बीते 28 मार्च को 40-50 पुलिसकर्मी उनके घर से आठ पुरुष सदस्यों को उठाकर ढासा पुलिस स्टेशन ले गए थे. बाद में उन पर लॉकडाउन का उल्लंघन करने का मामला दर्ज कर बुरी तरह से पीटा था.