एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी ‘आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना’ के तहत लाखों फ़र्ज़ी गोल्डन कार्ड बनाए गए. अधिकतर मामले गुजरात, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और पंजाब के अस्पतालों में हुए. अकेले गुजरात सरकार ने 15 हज़ार फ़र्ज़ी कार्ड रद्द किए, पर अब भी पांच हज़ार कार्ड फ़र्ज़ी होने की आशंका है.
नेशनल हेल्थ अथॉरिटी ने आयुष्मान भारत योजना में इस फ़र्ज़ीवाड़े का खुलासा किया है. उत्तर प्रदेश, पंजाब, छत्तीसगढ़, गुजरात, पंजाब आदि राज्यों में योजना का दुरुपयोग करने के मामले सामने आए हैं.
विशेष रिपोर्ट: व्हिसिल ब्लोअर की मदद से राजस्थान पुलिस सैकड़ों ग्राहकों को ठगने के आरोप में आईसीआईसीआई बैंक के अधिकारियों की जांच कर रही है. लेकिन देश के बीमा और बैंकिंग नियामक इस बात से बेपरवाह हैं.
सैकड़ों ग्राहकों को ठगने के आरोप में राजस्थान पुलिस आईसीआईसीआई बैंक और आईसीआईसीआई प्रुडेंशियल के कई अधिकारियों की जांच कर रही है.
अखिल भारतीय स्तर पर चल रहा था फ़र्ज़ीवाड़ा, डिग्री लेकर कई विदेश गए, कुछ बाबू बन गए, छह लोग गिरफ़्तार.
उंगलियों के निशान और आंख की पुतलियों के स्कैन का क्लोन तैयार करके बन रहे फ़र्ज़ी आधार कार्ड.