मेरे किसान भाइयों! तुम्हें तो अब ख़ुदकुशी भी करने की ज़रूरत नहीं है. सरकार आजकल तुम्हें ख़ुद गोली मार देती है. चलो इस बहाने ज़हर का ख़र्चा भी ख़त्म हुआ.
कांग्रेस ने दंड विधियां राजस्थान संशोधन विधेयक, 2017 के ख़िलाफ़ निकाला मार्च, सचिन पायलट सहित कई नेता हिरासत में लिए गए.
ख़रीद-फ़रोख़्त के आरोप के बीच 14 कांग्रेसी विधायकों के भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने की ख़बर.
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हमने कड़े फैसले लिए हैं और ऐसा करना जारी रखेंगे. कठोर सुधारों के बाद अर्थव्यवस्था सही दिशा में आगे बढ़ रही है.’
अगर प्रणब मुखर्जी को राष्ट्रपति की जगह प्रधानमंत्री बनाया जाता तो उनकी राजनीतिक कुशलता 2014 में नरेंद्र मोदी की आसान जीत के रास्ते में अवरोध बन कर खड़ी होती.
साक्षात्कार: गुजरात के पूर्व सीएम सुरेश मेहता के अनुसार, मोदी ने ‘वाइब्रेंट गुजरात’ को प्रोपेगेंडा में बदल दिया. बढ़ते क़र्ज़ व स्पष्ट नीतियों के बिना गुजरात रसातल में चला गया है.
आज अयोध्या सीता जैसी ही अकेली है. वह नहीं समझ पा रही कि इस उदासी का गिला किससे और कैसे करे? बुधवार की जगर-मगर देखने तो सैकड़ों न्यूज़ चैनल दौड़ पड़े थे, अब उसकी उदासी को खोज-ख़बर लेने वाला कोई नहीं है.
भाजपा की चेन्नई इकाई ने तमिल अभिनेता विजय की फिल्म मेरसल से इन डायलॉग्स को हटाने की मांग की है.
कथित तौर पर मर्दों की ग़ैरमौजूदगी में घर में प्रवेश करने से 54 वर्षीय व्यक्ति को सरपंच और गांव के अन्य लोगों ने सुनाई सज़ा. आठ लोगों के ख़िलाफ़ एफआईआर.
माकपा नेता कोडियेरी बालाकृष्णन ने कहा, राजनीतिक हिंसा में आरएसएस की ओर से 214 माकपा कार्यकर्ता मारे गए, भाजपा-आरएसएस को जवाब देना चाहिए.
कांग्रेस का आरोप- वाड्रा के ख़िलाफ़ जांच 41 माह से लटकी है, आज तक कोई आरोप सिद्ध नहीं हुआ, सरकार प्रतिशोध की भावना से काम कर रही.
जवान ने अधिकारियों जैसा भोजन, साप्ताहिक छुट्टी और शारीरिक दंड का रिवाज़ ख़त्म करने के साथ नरेंद्र मोदी और राजनाथ सिंह की आलोचना की थी.
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की रिपोर्ट के मुताबिक, राजनीतिक दलों के आय-व्यय में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए ऑडिट दिशानिर्देश पर अमल नहीं हो रहा है.
ऐसी पीढ़ी तैयार करने की कोशिश हो रही है जो नफ़रत पर आधारित हो. पहले इतिहास में दुश्मन पैदा करें फिर उससे लड़ें. ऐसे इतिहास का असर हम पाकिस्तान को देखकर समझ सकते हैं.
सही मायने में अयोध्या और यहां रहने वाले लोगों की फ़िक्र किसी को नहीं है. 1,71,000 दीयों वाली सरकारी दीपावली मनाकर योगी सरकार सिर्फ़ अपने एजेंडे को आगे बढ़ा रही है.