जन गण मन की बात की 53वीं कड़ी में विनोद दुआ मोदी सरकार के तीन साल और आईटी क्षेत्र में हो रही छंटनी पर चर्चा कर रहे हैं.
निदा किरमानी मूल रूप से हिंदुस्तान और पाकिस्तान दोनों देशों से हैं. वे सोचती थीं कि क्यों कभी उन्हें इनमें से किसी एक को चुनना होगा? पर बीते दिनों उन्हें एक देश चुनने पर मजबूर होना पड़ा.
जन गण मन की बात की 52वीं कड़ी में विनोद दुआ चीन की महत्वाकांक्षी परियोजना ‘वन बेल्ट वन रोड’ और कांग्रेस युक्त भाजपा पर चर्चा कर रहे हैं.
‘इंडियाज इंदिरा: अ सेंटेनियल ट्रिब्यूट’ नाम की किताब का विमोचन करते हुए राष्ट्रपति ने देश की पहली महिला प्रधानमंत्री से जुड़े अनुभव साझा किए.
जन गण मन की बात की 51वीं कड़ी में विनोद दुआ विदेशी अंशदान नियमन अधिनियम (एफसीआरए) और हाल ही में उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में हुई हिंसा पर चर्चा कर रहे हैं.
‘पहले तरक़्क़ीपसंद मेरी तहरीरों को उछालते थे कि मंटो हममें से है. अब यह कहते हैं कि मंटो हम में नहीं है. मुझे ना उनकी पहली बात का यक़ीन था, ना मौजूदा पर है. अगर कोई मुझसे पूछे कि मंटो किस जमायत में है तो अर्ज़ करूंगा कि मैं अकेला हूं...’
भारत में हम टोबा टेक सिंह को महान कहानीकार सआदत हसन मंटो के मार्फ़त जानते हैं. ‘टोबा टेक सिंह’ विभाजन पर मंटो की सबसे प्रसिद्ध और त्रासद कहानियों में से एक है.
जन गण मन की बात की 49वीं कड़ी में विनोद दुआ नोटबंदी और सन् 1857 के विद्रोह पर चर्चा कर रहे हैं.
जन गण मन की बात की 48वीं कड़ी में विनोद दुआ राजनीतिक भाषा में आई गिरावट और स्त्री विरोधी मानसिकता पर चर्चा कर रहे हैं.
ब्रिटेन में रह रहे विजय माल्या को सुप्रीम कोर्ट ने दस जुलाई से पहले अदालत के समक्ष पेश होने को कहा है.
सांसद समेत अन्य लोग फर्ज़ी कागज़ातों के ज़रिये दलित और आदिवासियों के अधिकार छीन रहे हैं.
जन गण मन की बात की 47वीं कड़ी में विनोद दुआ राष्ट्रपति चुनाव और बिलकिस बानो मामले पर चर्चा कर रहे हैं.
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा कि भारतीय संविधान में अल्पसंख्यकों के अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए कई प्रावधान हैं.
एक अध्ययन के मुताबिक भारत में अक्टूबर 2016 से लेकर जनवरी 2017 के बीच कुल 1.52 लाख अस्थायी नौकरियां और 46,000 पार्ट टाइम नौकरियां ख़त्म हो गईं.
जन गण मन की बात की 46वीं कड़ी में विनोद दुआ आधार कार्ड की अनिवार्यता और पाकिस्तानी सेना की बर्बरता के बाद भारत की कार्रवाई को लेकर मीडिया द्वारा चलाई गई फर्ज़ी ख़बरों पर चर्चा कर रहे हैं.