भारतीय मादक पेय कंपनियों के संघ ने की बिहार में शराबबंदी ख़त्म करने की मांग

सीआईएबीसी परिसंघ ने ज्ञापन देकर कहा है कि शराबबंदी के कारण ही बिहार में अवैध शराब की तस्करी बढ़ी है तथा सरकारी ख़ज़ाने को बड़ा नुक़सान हुआ है. हाल ही में आए एनएफएचएस-5 के मुताबिक़ बिना शराबबंदी वाले महाराष्ट्र की तुलना में बिहार में शराब का उपभोग अधिक है.

पूर्ण शराबबंदी वाले बिहार में पी जाती है महाराष्ट्र से ज़्यादा शराब: सरकारी सर्वे

साल 2016 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार में शराबबंदी लागू की थी. अब राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे में सामने आया है कि बिना शराबबंदी वाले महाराष्ट्र की तुलना में बिहार में शराब का उपभोग अधिक है.

बिहार: शराबबंदी से राजस्व में कमी न होने का नीतीश कुमार का दावा ग़लत निकला

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दावे के उलट कैग की रिपोर्ट बताती है कि शराबबंदी के कारण वित्त वर्ष 2016-2017 में कर राजस्व में गिरावट आई है.

शराबबंदी: सिर दर्द के इलाज के लिए पेट दर्द की गोली दे रहे नीतीश कुमार?

बिहार में दो साल से लागू बिहार मद्य निषेध व उत्पाद अधिनियम, 2016 में करीब आधा दर्जन संशोधन के प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है. 20 जुलाई से शुरू हो रहे विधानसभा के मॉनसून सत्र में संशोधन प्रस्ताव को पेश किया जाएगा. इसे लेकर काफी हंगामा होने की उम्मीद है.

बिहार में शराबबंदी: बूढ़ों के साथ विधवाएं भी जेल में बंद, तस्करी में बच्चों का हो रहा इस्तेमाल

अधिकारियों ने बताया कि शराब तस्करी में शामिल ज़्यादातर बच्चे अनुसूचित जाति और आर्थिक रूप से पिछड़े समुदाय से हैं.

बिहार से ग्राउंड रिपोर्ट: नीतीश कुमार की शराबबंदी का नशा गरीबों को भारी पड़ रहा है

शराबबंदी क़ानून के तहत अब तक कुल 1 लाख 21 हज़ार 586 लोगों की ग़िरफ्तारी हुई है, जिनमें से अधिकांश बेहद ग़रीब तबके से आते हैं.

बिहार में शराबबंदी क़ानून तोड़ने के मामले में एक लाख से ज़्यादा लोग गिरफ़्तार

बिहार विधान परिषद में मद्य निषेध और उत्पाद मंत्री ने बताया कि इस संबंध में अब तक एक लाख 21 हज़ार 586 लोगों को गिरफ़्तार किया गया, जिनमें से एक लाख 21 हज़ार 542 व्यक्ति जेल भेजे गए.