जन गण मन की बात की 295वीं कड़ी में विनोद दुआ भीमा कोरेगांव हिंसा से जुड़े मामले में देश के विभिन्न हिस्सों से गिरफ़्तार किए गए सामाजिक कार्यकर्ताओं और राहुल गांधी के 1984 के दंगों को लेकर दिए गए बयान पर चर्चा कर रहे हैं.
राहुल गांधी की कांग्रेस को सिख दंगों से अलग करने की कोशिश वैसी ही है, जैसी मोदी ने विकास के नारे में गुजरात के दाग़ छुपाकर की थी.
एंटी-नेशनल, भारत विरोधी जैसे शब्द आपातकाल के सत्ताधारियों की शब्दावली का हिस्सा थे. आज कोई और सत्ता में है और अपने आलोचकों को देश का दुश्मन बताते हुए इसी भाषा का इस्तेमाल कर रहा है.
हाल ही में रिज़र्व बैंक के बोर्ड में शामिल हुए स्वामीनाथन गुरुमूर्ति की नरेंद्र मोदी के नोटबंदी जैसे आर्थिक नीति संबंधी फैसलों में महत्वपूर्ण भूमिका रही है.
भारत द्वारा संविधान अपनाए हुए सत्तर साल बीत चुके हैं. डॉ. आंबेडकर के मुताबिक इसने ‘मनु के शासन की समाप्ति की थी.’ लेकिन हिंदुत्ववादियों के बीच आज भी उसका सम्मोहन बरक़रार है.
अयोध्या में सरयू के जल से वजू करने और उसके ही तट पर नमाज़ पढ़ने के मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के कथित सौहार्द कार्यक्रम से आरएसएस के पल्ला झाड़ने के बाद पूरे आयोजन में बदलाव कर दिया गया.
पीठ ने ताजमहल और पेरिस में एफिल टावर के बीच तुलना करते हुए कहा कि यह स्मारक संभवत: ज़्यादा ख़ूबसूरत है, लेकिन भारत वहां के ताजमहल के मौजूदा हालातों की वजह से लगातार पर्यटक और विदेशी मुद्रा गंवा रहा है.
ख़ुद को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकसभा क्षेत्र बनारस में चुनाव अभियान से जुड़ा नेता बताने वाले डॉ. आदित्य कुमार सिंह को ट्विटर पर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल का दफ़्तर और पंजाब भाजपा अध्यक्ष विजय सांपला भी फॉलो करते हैं. उनके सोशल मीडिया एकाउंट पर गृहमंत्री राजनाथ सिंह समेत भाजपा के दिग्गज नेताओं के साथ उनकी तस्वीरें हैं. संघ के पथ संचलन कार्यक्रम में भाग लेते हुए भी उन्हें देखा जा सकता है.
आगामी 7 जुलाई को जयपुर में होने वाली प्रधानमंत्री की सभा में हंगामे की आशंका के चलते सरकार इसके लिए भाजपा की विचारधारा से जुड़े लोगों को ही बुलावा भेज रही है.
बिप्लब रॉय ने कहा कि एक से छह जून के बीच संघ से जुड़ने के लिए वेबसाइट पर रोजाना औसतन 378 अनुरोध आते थे. सात जून के मुखर्जी के संबोधन के बाद से हमें रोजाना 1,200-1,300 अनुरोध मिल रहे
मराठी लेखक विनय हार्दिकर ने सवाल उठाया कि आपातकाल के दौरान जेल में डाल दिए गए लोगों की तुलना में आरएसएस के कार्यकर्ता अधिक थे. क्या सरकार उन्हें नकद पुरस्कार देना चाहती है.
भाजपा सरकार सामाजिक संगठनों को ज़मीन आवंटित करने के लिए इतनी उतावली है कि स्वायत्त शासन व नगरीय विकास मंत्री श्रीचंद कृपलानी कह रहे हैं कि चाहे मुझे जेल ही क्यों न जाना पड़े, लेकिन सामाजिक संस्थाओं को रियायती दर पर ज़मीनें आवंटित की जाएंगी.
प्रणब दा आप नागपुर में संघ को यह नहीं बता पाए कि नेहरू की भारत माता और हेडगेवार की भारत माता में ज़मीन-आसमान का फ़र्क़ है. इसीलिए आप यह फ़र्क़ करने में भी चूक गए कि भारत माता के महान सपूत होने की बुनियादी कसौटी क्या है.
मीडिया बोल की 53वीं कड़ी में उर्मिलेश पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के नागपुर में संघ के कार्यक्रम में शामिल होने पर वरिष्ठ पत्रकार आरती जेरथ और वरिष्ठ पत्रकार रशीद किदवई से चर्चा कर रहे हैं.
7 जून 2018 को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नागपुर मुख्यालय पर हुए समारोह में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा दिया गया पूरा भाषण.