शाहीन बाग़ आंदोलन अब भी हमारी जेलों, अदालतों और घरों में चल रहा है: सफ़ूरा ज़रगर

वीडियो: नागरिकता संशोधन क़ानून के विरोध हुए विरोध प्रदर्शनों में शामिल सफ़ूरा ज़रगर को यूएपीए के तहत मामला दर्ज कर गिरफ़्तार किया गया था. ये गिरफ़्तारी उस वक़्त हुई थी जब वह गर्भवती थीं. इसे लेकर उनकी गिरफ़्तार पर सवाल खड़े हुए. सफ़ूरा ज़रगर से आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.

हिंसा को याद करने का तरीका क्या है

सामूहिक हिंसा एक तरह की नहीं होती. दो समूह लड़ पड़ें, तो वह सामूहिक हिंसा है. एक समूह को निशाना बनाकर की जाने वाली हिंसा भी सामूहिक हिंसा ही है. ऐसी हिंसा को भारत में प्रायः दंगा कह देते हैं. दंगा शब्द में कुछ स्वतः स्फूर्तता का भाव आता है, लेकिन यह सच नहीं है.

शाहीन बाग आंदोलन पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, प्रदर्शन का अधिकार कभी भी, कहीं भी नहीं हो सकता

सुप्रीम कोर्ट ने अक्टूबर 2020 में अपने फैसले में सीएए के विरोध में दिल्ली के शाहीन बाग में तीन महीने से अधिक समय तक हुए प्रदर्शन को ग़ैरक़ानूनी बताते हुए इसे अस्वीकार्य बताया था, जिसके ख़िलाफ़ कुछ कार्यकर्ताओं ने एक समीक्षा याचिका दायर की थी, जिसे शीर्ष अदालत ने ख़ारिज कर दिया.

शाहीन बाग़ में फायरिंग करने वाला युवक भाजपा में शामिल, विवाद के बाद सदस्यता रद्द

इस साल फरवरी में दिल्ली में सीएए के ख़िलाफ़ शाहीन बाग़ में हो रहे प्रदर्शन के दौरान कपिल गुज्जर ने हवा में फायरिंग की थी. बुधवार को कपिल ग़ाज़ियाबाद में भाजपा में शामिल हुए थे. बाद में पार्टी ने उनकी सदस्यता निरस्त करते हुए कहा कि उसे कपिल के फायरिंग के मामले से जुड़े होने की जानकारी नहीं थी.

जो जनता आज उमर को आतंकवादी कह रही है, वो उसी के लिए काम करना चाहता था…

दिल्ली पुलिस ने लिखा है कि उमर ख़ालिद सेकुलरिज्म का चोला ओढ़कर चरमपंथ को बढ़ावा देता है. आपको भी यही लगता है तो कम से कम यह मांग तो कर ही सकते हैं कि दिल्ली पुलिस के अफसरों को फिल्म निर्देशक बन जाना चाहिए क्योंकि वे लोगों के अंदर छिपे अभिनेता को पहचान लेते हैं.

दिल्ली हाईकोर्ट ने ताहिर हुसैन को पार्षद पद के लिए अयोग्य ठहराने के फ़ैसले पर रोक लगाई

दिल्ली दंगों से जुड़े मामले में गिरफ़्तार ताहिर हुसैन को पूर्वी दिल्ली नगर निगम ने कथित तौर पर बिना सूचना के लगातार निगम की तीन बैठकों में शामिल न होने के कारण पार्षद के तौर पर अयोग्य ठहराया दिया था. अदालत ने इस फ़ैसले को मनमाना और ग़ैर क़ानूनी बताया है.

‘रिलीजियस नेशनलिज़्म’ देश की विभाजनकारी राजनीति की पड़ताल की एक कोशिश है

पुस्तक समीक्षा: विश्लेषकों की निगाह में भारत अधिनायकवाद के स्याह गर्त में जाता दिख रहा है और विभाजक राजनीति के लगातार वैधता हासिल करने को लेकर चिंता की लकीरें बढ़ रही हैं. प्रख्यात शिक्षाविद और सामाजिक कार्यकर्ता राम पुनियानी की नई किताब इस बहस में एक नया आयाम जोड़ती है.

शाहीन बाग़ प्रदर्शन: सार्वजनिक स्थलों पर अनिश्चितकाल के लिए कब्ज़ा नहीं कर सकते- सुप्रीम कोर्ट

दिल्ली के शाहीन बाग में सीएए के ख़िलाफ़ सौ दिन तक चले प्रदर्शन के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लोकतंत्र और असहमति साथ-साथ चलते हैं, विरोध और असहमति व्यक्त करने का अधिकार संविधान से मिलता है लेकिन कुछ कर्तव्यों के प्रति ज़िम्मेदारी के साथ.

शाहीन बाग़ की बिल्क़ीस दादी कैसे बनी भारतीय महिलाओं की प्रेरणा

वीडियो: नागरिकता संशोधन विधेयक के ख़िलाफ़ नई दिल्ली के शाहीन बाग़ में कई महीनों तक चले विरोध प्रदर्शनों में शामिल रहीं बुज़ुर्ग बिल्कीस बानो को टाइम पत्रिका ने 100 प्रभावशाली शख़्सियतों की सूची में जगह दी है. आरफ़ा ख़ानम शेरवानी नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में शाहीन बाग़ में हुए प्रदर्शन को याद कर रही हैं.

पहले कोरोना से लड़ेंगे, फिर दोबारा सीएए से जंग करेंगे

वीडियो: नागरिकता संशोधन विधेयक के ख़िलाफ़ नई दिल्ली के शाहीन बाग़ में कई महीनों तक चले विरोध प्रदर्शनों में शामिल रहीं बुज़ुर्ग बिलकिस बानो को टाइम पत्रिका ने 100 प्रभावशाली शख़्सियतों की सूची में जगह दी है.

शाहीन बाग़ की कुछ औरतें क्यों मना रही हैं जश्न?

वीडियो: गुरुवार को शाहीन ब़ाग में नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन का हिस्सा रहीं, तीन महिलाएं एक कैफ़े में मिलीं. इन महिलाओं से द वायर की इस्मत आरा की बातचीत.

हेट स्पीच पर अनुराग ठाकुर और प्रवेश वर्मा के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज करवाने की याचिका ख़ारिज

माकपा नेता बृंदा करात और केएम तिवारी ने भड़काऊ भाषण देने के लिए भाजपा नेताओं अनुराग ठाकुर और प्रवेश सिंह वर्मा के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज करने के लिए दिल्ली की एक अदालत में याचिका दी थी. इसके लिए केंद्र सरकार से मंज़ूरी न मिलने के बाद कोर्ट ने इसे ख़ारिज कर दिया.

दिल्ली दंगा: चुनाव आयोग पर पुलिस से मतदाता सूची साझा करने का आरोप, आयोग ने किया इनकार

चुनाव आयोग ने एक स्पष्टीकरण जारी कर कहा कि वे अन्य सरकारी विभागों के साथ मतदाता सूची और फोटो परिचय पत्र साझा करने के साल 2008 के अपने दिशा-निर्देशों से किसी भी तरह नहीं भटका है.

दिल्ली दंगों की साज़िश तो ज़रूर रची गई, लेकिन वैसी नहीं जैसी पुलिस कह रही है

फरवरी महीने में हुए दंगे और उसके बाद हुई 'जांच' का मक़सद सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों को दिल्ली में हुई सांप्रदायिक हिंसा के लिए ज़िम्मेदार ठहराना है, जिससे उनके आंदोलन को बदनाम किया जा सके. साथ ही भविष्य में ऐसा कोई प्रदर्शन करने के बारे में आम नागरिकों में डर बैठाया जा सके.

दिल्ली दंगा: दोहरे मानदंडों और पक्षपातपूर्ण कार्रवाई की कहानी

दिल्ली हिंसा से जुड़े मामलों में दिल्ली पुलिस के पक्षपाती रवैये को लेकर लगातार उंगलियां उठीं. इस धारणा को इसलिए भी बल मिला क्योंकि पुलिस ने गिरफ़्तार किए गए लोगों के बारे में अधिक जानकारी सार्वजनिक करने से इनकार कर दिया.

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