बीते 14 सितंबर को शुरू हुई संसद की कार्यवाही के दौरान लोकसभा में कुल 10 सांसदों ने प्रवासी श्रमिकों की मौत से जुड़े सवाल पूछे थे, लेकिन सरकार ने ये जानकारी सार्वजनिक करने से इनकार कर दिया. श्रम एवं रोज़गार मंत्रालय में राज्य मंत्री संतोष गंगवार ने कहा था कि ऐसा कोई आंकड़ा नहीं रखा जाता है.
वीडियो: द वायर द्वारा भारतीय रेल के 18 ज़ोन में दायर आरटीआई आवेदनों के तहत पता चला है कि श्रमिक ट्रेनों से यात्रा करने वाले कम से कम 80 प्रवासी श्रमिकों की मौत हुई है. केंद्र सरकार के रिकॉर्ड में ये जानकारी उपलब्ध होने के बावजूद उसने संसद में इसे सार्वजनिक करने से मना कर दिया.
वीडियो: द वायर द्वारा दायर आरटीआई आवेदनों से पता चला है कि श्रमिक ट्रेनों से यात्रा करने वाले करीब 80 प्रवासी मज़दूरों की मौत हुई है. केंद्र के पास ये जानकारी होने के बावजूद संसद में इसे सार्वजनिक करने से मना कर दिया गया. वहीं, सरकार का कहना है कि जम्मू कश्मीर में आतंकवाद की घटनाएं कम हुई हैं. इस मुद्दे पर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी का नज़रिया.
लॉकडाउन के दौरान बीते 17 मई को गुजरात के राजकोट में प्रवासी मज़दूरों का एक समूह पुलिस से भिड़ गया था. ये समूह अपने गृह राज्य जाने के लिए ट्रेनों में जगह देने की मांग कर रहा था. पुलिस ने मज़दूरों के ख़िलाफ़ हत्या के प्रयास, डकैती समेत अन्य आरोप लगाकर एफआईआर दर्ज की थी.
इससे पहले कोरोना वायरस को लेकर हाईकोर्ट ने अपने एक आदेश में कहा था कि सरकार द्वारा संचालित अहमदाबाद सिविल अस्पताल की हालत दयनीय और कालकोठरी से भी बदतर है. बदलाव के बाद पीठ ने नाराज़गी ज़ाहिर की कि महामारी से निपटने को लेकर सरकार के बारे में की गईं अदालत की हालिया टिप्पणियों का ग़लत मंशा से दुरुपयोग किया गया.
पटना हाईकोर्ट ने सोशल मीडिया पर सामने आए एक वीडियो में मुज़फ़्फ़रपुर स्टेशन पर दिख रही मृत महिला के बारे में सरकार से जवाब मांगा है. इस बीच खगड़िया ज़िले में गुजरात से कटिहार आ रही ट्रेन में सवार एक महिला और हरियाणा के रेवाड़ी से आ रही एक ट्रेन में एक पुरुष की मौत हो गई है.
कोरोना महामारी को लेकर अस्पतालों की दयनीय हालत और राज्य की स्वास्थ्य अव्यस्थताओं पर गुजरात सरकार को फटकार लगाने वाली हाईकोर्ट की पीठ में अचानक बदलाव किए जाने से एक बार फिर 'मास्टर ऑफ रोस्टर' की भूमिका सवालों के घेरे में है.
गुजरात हाईकोर्ट के जस्टिस जेबी पर्दीवाला और इलेश जे. वोरा की पीठ ने बीते दिनों कोरोना महामारी को लेकर राज्य सरकार को सही ढंग और जिम्मेदार होकर कार्य करने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए थे.
सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो में मुज़फ़्फ़रपुर स्टेशन के एक प्लेटफॉर्म पर महिला का शव पड़ा दिखता है. अहमदाबाद से बिहार आ रही श्रमिक ट्रेन में सवार इस महिला के परिजनों का कहना है कि खाने-पीने को न मिलने के चलते महिला की तबियत ख़राब हुई और ट्रेन में ही मौत हो गई.
पिछले दो सप्ताह से सोशल मीडिया पर प्रसारित की जा रही एक विस्तृत 22 सूत्रीय रिपोर्ट में कहा गया है कि अहमदाबाद के अस्पतालों में आवश्यक दवाओं की भारी कमी है.
गुजरात देश में सबसे ज्यादा कोरोना मौतों वाले राज्यों में से एक है, जिसमें से सिविल अस्पताल में 377 मौतें हुई हैं जो कि राज्य की कुल मौतों का लगभग 45 फीसदी है.
गुजरात सरकार ने अदालत में कहा कि राज्य में लगभग 22.5 प्रवासी कामगार हैं और इसमें सिर्फ 7,512 श्रमिक पंजीकृत हैं, इसलिए बाकी लोगों का किराया नहीं दिया जा सकता है.
रेलवे ने एक बयान में कहा है कि एक मई से अब तक 542 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई गई हैं और लॉकडाउन के कारण देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे 6.48 लाख प्रवासियों को उनके घर पहुंचाया है.