कांग्रेस सांसद शशि थरूर की अध्यक्षता वाली सूचना प्रौद्योगिकी पर संसद की स्थायी समिति को दरकिनार करते हुए सरकार ने व्यक्तिगत डाटा संरक्षण विधेयक संयुक्त प्रवर समिति के पास भेज दिया. इस समिति की अध्यक्षता सत्तापक्ष का सदस्य करेगा. थरूर ने कहा कि यह एक खतरनाक परंंपरा की शुरुआत है.
देश में आर्थिक संकट को लेकर राज्यसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के जवाब से असंतोष जताते हुए कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और वाम दलों के सदस्यों ने सदन का बहिष्कार किया. उनका कहना था कि वित्त मंत्री अर्थव्यवस्था के सामने खड़े मसलों के समाधान के बजाय अपना बजट भाषण पढ़ रही हैं.
रक्षा राज्यमंत्री श्रीपद नाइक ने लोकसभा में बताया कि 2016 में चीन की सेना ने भारतीय सीमा का 273 बार उल्लंघन किया, जो 2017 में बढ़कर 423 हो गया. 2018 में ऐसे मामलों की संख्या 326 थी.
कांग्रेस के जसवीर सिंह गिल के कुछ संशोधनों को अस्वीकृत करते हुए दादरा और नागर हवेली तथा दमन और दीव के विलय वाले विधेयक को लोकसभा ने ध्वनिमत से मंजूरी दे दी. दोनों केद्र शासित क्षेत्र के लोकसभा सदस्यों ने केंद्र सरकार से वहां विधानसभा गठन की भी मांग की थी.
कश्मीर में लगी पाबंदी पर याचिका दाखिल करने वालों की ओर से पेश एक वकील ने प्रतिदिन हो रहे विरोध प्रदर्शनों के बावजूद हांगकांग हाईकोर्ट द्वारा प्रदर्शनकारियों पर से सरकारी प्रतिबंध हटा लेने का उदाहरण दिया. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नागरिकों के मौलिक अधिकारों को बनाए रखने में भारत का सर्वोच्च न्यायालय कहीं अधिक श्रेष्ठ है.
संसद सत्र में फारूक अब्दुल्ला को हिस्सा लेने की इजाजत देने की विपक्ष की मांग पर केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी. किशन रेड्डी ने कहा कि कांग्रेस ने आपातकाल के दौरान 30 सांसदों को हिरासत में रखा था. इस पर नेशनल कॉन्फ्रेंस ने कहा कि रेड्डी की टिप्पणी इस बात की स्वीकार्यता है कि जम्मू कश्मीर आपातकाल के बुरे दौर से गुजर रहा है.
गृह मंत्रालय ने लोकसभा में कहा कि जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने के बाद पत्थरबाजी की घटनाओं में कमी आई है. हालांकि, आंकड़े बताते हैं कि जनवरी से 4 अगस्त तक औसतन हर महीने पत्थरबाजी की 50 घटनाएं हुईं. वहीं, 5 अगस्त के बाद ऐसे मामले औसतन हर महीने बढ़कर 55 हो गए.
सोमवार को संसद के शीतकालीन सत्र की कार्यवाही शुरू होने पर आसन की सहायता के लिए मौजूद रहने वाले मार्शलों ने सिर पर पगड़ी की बजाय ‘पी-कैप’ और आधुनिक सुरक्षाकर्मियों वाली वर्दी धारण कर रखी थी. उनकी नई वर्दी पर कुछ राजनेताओं एवं पूर्व सैन्य अधिकारियों की टिप्पणियों के बाद सभापति ने इसकी समीक्षा के आदेश दे दिए.