पुलिस ने कहा कि दिल्ली विकास प्राधिकरण ने सफाई की जिम्मेदारी एक निजी कांट्रैक्टर को सौंपा था. अपनी शिकायत में कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि उन्होंने जब सुरक्षा उपकरण मांगे तक कथित तौर पर कांट्रैक्टर ने मना कर दिया. दोनों सफाईकर्मियों के बेहोश होने के बाद पुलिस के आने से पहले कांट्रैक्टर वहां से भाग गया.
बच्चे को बचाने गए 50 वर्षीय मारिआन्ना की हालत बहुत गंभीर है और वो अस्पताल में भर्ती हैं. मामले में अभी एफआईआर दर्ज की जानी बाकी है.
बीते 23 नवंबर को उत्तर पश्चिमी दिल्ली के शकूरपुर में सीवर की सफाई करने उतरे एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और तीन अन्य बेहोश हो गए थे. पुलिस ने इस मामले में एक ठेकेदार और एक निजी सुपरवाइज़र को गिरफ्तार कर लिया था.
दिल्ली के लोक निर्माण विभाग मंत्री सत्येंद्र जैन ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं और मृतक सफाईकर्मी के परिवार को दस लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की है.
विशेष रिपोर्ट: द वायर द्वारा आरटीआई के तहत प्राप्त दस्तावेज़ों से पता चलता है कि 1993 से साल 2019 तक महाराष्ट्र में सीवर सफाई के दौरान हुई 25 लोगों की मौत के मामले में किसी भी पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपये का मुआवज़ा नहीं दिया गया. वहीं, गुजरात में सीवर में 156 लोगों की मौत के मामले में सिर्फ़ 53 और उत्तर प्रदेश में 78 मौत के मामलों में सिर्फ़ 23 में ही 10 लाख का मुआवज़ा दिया गया.
पुलिस ने तीन लोगों के ख़िलाफ़ हत्या के आरोप का मामला दर्ज किया.
तीसरे व्यक्ति की हालत बहुत गंभीर है और उनका इलाज चल रहा है. अभी इस मामले में केस दर्ज किया जाना बाकी है.
इन सफाईकर्मियों को मास्क, सुरक्षा बेल्ट, दस्ताने और जूते मुहैया नहीं कराए गए थे. वहीं पुलिस ने इस मामले में 'मैनुअल स्कैवेंजर्स के रूप में रोजगार का निषेध और उनके पुनर्वास अधिनियम' के तहत मामला दर्ज करने से मना कर दिया है.