सोशल मीडिया पर सुमित्रा महाजन के निधन की अफ़वाह के संबंध में मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में अज्ञात आरोपी के ख़िलाफ़ केस दर्ज किया है. कांग्रेस नेता शशि थरूर ने भी महाजन के निधन की ग़लत ख़बर अपने ट्विटर खाते पर साझा कर दी थी. बाद में उन्होंने ये ट्वीट डिलीट कर माफ़ी मांगी है.
फैक्ट चेक: अप्रैल के पहले हफ़्ते में मीडिया द्वारा एक अध्ययन के हवाले से दावा किया गया कि हार्वर्ड स्टडी ने अन्य राज्यों की तुलना में प्रवासी संकट को अधिक प्रभावी ढंग से संभालने के लिए यूपी सरकार की सराहना की है. पड़ताल बताती है कि हार्वर्ड ने ऐसा कोई अध्ययन नहीं किया.
फैक्ट चेक: विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स में अमेरिका की जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के एक अध्ययन में यूपी सरकार के कोविड-19 प्रबंधन को अग्रणी बताने का दावा किया गया. यूनिवर्सिटी के एक प्रोफेसर ने इसका खंडन करते हुए कहा कि ये कोई तुलनात्मक अध्ययन नहीं था बल्कि यूपी सरकार के अफसरों के साथ मिलकर राज्य की कोविड-19 की तैयारी और इसे संभालने संबंधी व्यवस्थाओं पर तैयार की गई रिपोर्ट थी.
कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, वैश्विक स्तर पर इस महीने की शुरुआत में कम से कम 274 पत्रकारों को जेल जाना पड़ा जिनमें 36 महिला पत्रकार हैं. पत्रकारों को जेल में रखने के मामले में चीन सबसे ऊपर है.
केरल सरकार ने पुलिस अधिनियम को और प्रभावी बनाने के लिए इसमें धारा 118 ए जोड़ने का फैसला किया था. इसके तहत अगर कोई शख़्स सोशल मीडिया के ज़रिये कोई अपमानजनक सामग्री प्रकाशित करता है तो उसके ख़िलाफ़ 10 हज़ार रुपये का जुर्माना या तीन साल की क़ैद या दोनों का प्रावधान किया गया था.
राज्यपाल आरिफ़ मोहम्मद ख़ान ने केरल पुलिस अधिनियम में नई धारा 118(ए) जोड़ने के प्रावधान को मंज़ूरी दे दी है, जिसके तहत अपमानजनक सोशल मीडिया पोस्ट पर तीन साल की क़ैद या 10,000 रुपये का जुर्माना या दोनों की सज़ा हो सकती है.
सुप्रीम कोर्ट ने उन याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की, जिसमें आरोप लगाया गया है कि कोरोना महामारी की शुरुआत के समय तबलीग़ी जमात के आयोजन को लेकर मीडिया का एक वर्ग मुस्लिमों के ख़िलाफ़ सांप्रदायिक वैमनस्य फैला रहा था. मीडिया का बचाव करते हुए केंद्र की ओर से कहा गया है कि याचिकाकर्ता बोलने और अभिव्यक्ति की आज़ादी को कुचलना चाहते हैं.
हरियाणा के सोनीपत, कैथल, चरखी दादरी, करनाल, नारनौल और भिवानी के उपायुक्तों द्वारा वॉट्सऐप, ट्विटर, फेसबुक, टेलीग्राम, यूट्यूब, इंस्टाग्राम, पब्लिक ऐप और लिंक्डइन पर आधारित सभी सोशल मीडिया समाचार प्लेटफॉर्म को प्रतिबंधित करने के आदेश दिए गए हैं.
साइबर कानून के जानकार और फेक न्यूज का पता लगाने वाले विशेषज्ञों ने इस क़दम पर चिंता जताते हुए कहा है कि इससे सरकार के लिए ग़ैरक़ानूनी निगरानी के रास्ते खुल जाएंगे और इसका इस्तेमाल लोगों को परेशान करने में हो सकता है.
वीडियो: भाजपा प्रवक्ता नवीन कुमार द्वारा वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ पर फ़र्ज़ी ख़बर फैलाने का आरोप लगाया गया है. वहीं, बेंगलुरु में एमनेस्टी इंटरनेशनल के पूर्व निदेशक आकार पटेल पर सोशल मीडिया पर ‘भड़काऊ’ पोस्ट करने का मामला दर्ज किया गया है. इस मुद्दे पर वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश का नज़रिया.
सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस संजय किशन कौल ने बीते रविवार को मद्रास बार एसोसिएशन द्वारा आयोजित एक ऑनलाइन लेक्चर में ये बातें कहीं.
एक समाचार चैनल द्वारा महाराष्ट्र के आवास मंत्री जितेंद्र आव्हाड और उनकी बेटी के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की कथित तौर पर फ़र्ज़ी ख़बर प्रसारित की गई थी. महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने डीजीपी को पत्र लिखकर कार्रवाई का निर्देश दिया है.
जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाख़िल कर मीडिया के एक वर्ग पर सांप्रदायिक नफ़रत फैलाने का आरोप लगाया है. याचिका में कहा गया है कि तबलीग़ी जमात की दुर्भाग्यपूर्ण घटना का इस्तेमाल पूरे मुस्लिम समुदाय को दोष देने में किया जा रहा है.
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने लोगों से सोशल मीडिया सहित किसी भी मंच पर नज़र आने वाली केंद्र सरकार के मंत्रालयों, विभागों और योजनाओं से जुड़ी किसी ‘संदिग्ध सामग्री’ की तस्वीर ईमेल करने का अनुरोध किया और कहा कि इसकी छानबीन की जाएगी.
मीडिया बोल की 88वीं कड़ी में उर्मिलेश एयर स्ट्राइक पर मीडिया रिपोर्टिंग पर पत्रकार आशुतोष और द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन से चर्चा कर रहे हैं.