मुंबई हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को फटकारते हुए कहा है कि वो कुपोषण पर गंभीर नहीं है.
पत्रकारों के लिए जस्टिस मजीठिया वेतन बोर्ड की सिफ़ारिश और सुप्रीम कोर्ट के हालिया निर्णय को लेकर वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण से बातचीत.
आखिर जिन छोटे बच्चों को क़ानून वोट डालने का अधिकार नहीं देता, जीवनसाथी चुनने का अधिकार नहीं देता, उन्हें आध्यात्मिकता के नाम पर इस तरह जान जोखिम में डालने की अनुमति कैसे दी जा सकती है?
मीडिया बोल की दूसरी कड़ी में वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश, हिंदुस्तान टाइम्स के राजनीतिक संपादक विनोद शर्मा और नेपाल वन टीवी की मैनेजिंग एडीटर व वरिष्ठ पत्रकार नलिनी सिंह के साथ मीडिया की आज़ादी पर चर्चा कर रहे हैं.
राज्य के कृषि मंत्री ने कहा, अधिसूचना ने गोवा के लोगों के मन में आशंकाएं पैदा कर दी हैं. उन्हें यह डर है कि सरकार हर किसी को शाकाहारी बनाना चाहती है.
पिछले 70 साल में कोयलांचल की आग बुझाने, रेललाइन की वैकल्पिक व्यवस्था करने और झरिया-सिंदरी बचाने का कोई काम क्यों नहीं हुआ?
सहारनपुर हिंसा के बाद चर्चा में आई भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर की मां और दलित समाज के युवकों ने अपनी आपबीती साझा की है.
जन गण मन की बात की 70वीं कड़ी में विनोद दुआ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य और राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के कार्यकाल की चर्चा कर रहे हैं.
बिमल गुरूंग के परिसर पर छापे के बाद भड़के पृथक गोरखालैंड के समर्थक. पिछले दो दिनों से स्कूल, बाज़ार और एटीएम बंद होने से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित.
तिप्रालैंड नाम के अलग राज्य के लिए स्वदेशी पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा ने 10 जुलाई से असम-अगरतला हाईवे और रेल नेटवर्क जाम कर देने का ऐलान किया.
युद्ध पर आधारित अपनी आने वाली फिल्म ‘ट्यूबलाइट’ की प्रेस वार्ता के दौरान सलमान ने कहा जंग में कोई अपना बेटा खोता है तो कोई अपना पिता.
जन गण मन की बात की 69वीं कड़ी में विनोद दुआ लखनऊ विश्वविद्यालय में योगी आदित्यनाथ के कार्यक्रम के विरोध में छात्र-छात्राओं के प्रदर्शन और सुगम्य भारत अभियान पर चर्चा कर रहे हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने अधिसूचना को चुनौती देने वाली दो याचिकाओं की सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को दो सप्ताह के भीतर जवाब देने को कहा है.
उत्तर प्रदेश में रामपुर के एक प्राइमरी स्कूल के कमरे भूसे और उपले से भरे मिले. निलंबित शिक्षक ने ग्राम प्रधान को बताया ज़िम्मेदार.
हिंदुत्ववादी संगठन का कहना है कि इन किताबों से विदेशी पर्यटकों की नज़रों में भारत की संस्कृति और परंपरा की ग़लत छवि बन रही है.