ईडब्ल्यूएस आरक्षण: कांग्रेस नेता ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की समीक्षा के लिए याचिका दायर की

बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय पीठ ने शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश और सरकारी नौकरियों में आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) को दिए जाने वाले 10 फीसदी आरक्षण संबंधी संविधान के 103वें संशोधन को बरक़रार रखा था.

हाईकोर्ट में याचिका- अगर 8 लाख रुपये सालाना आय ईडब्ल्यूएस है तो ढाई लाख की आय पर टैक्स क्यों

मद्रास हाईकोर्ट में द्रमुक पार्टी के सदस्य कुन्नूर सीनिवासन द्वारा द्वारा दाखिल याचिका में वित्त अधिनियम, 2022 की पहली अनुसूची, भाग I, पैराग्राफ ए को रद्द करने की मांग की है. अधिनियम का यह हिस्सा आयकर की दर तय करता है. कोर्ट ने इसे लेकर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है.

ईडब्ल्यूएस आरक्षण: जिन लोगों को ‘वो’ साथ बैठाना नहीं चाहते, उनसे दाख़िलों, नौकरी में बराबरी क्यों

प्रतिभा के कारण अवसर मिलते हैं. यह वाक्य ग़लत है. यह कहना सही है कि अवसर मिलने से प्रतिभा उभरती है. सदियों से जिन्होंने सारे अवसर अपने लिए सुरक्षित रखे, अपनी प्रतिभा को नैसर्गिक मानने लगे हैं. वे नई-नई तिकड़में ईजाद करते हैं कि जनतंत्र के चलते जो उनसे कुछ अवसर ले लिए गए, वापस उनके पास चले जाएं.

ईडब्ल्यूएस आरक्षण निर्णय बराबरी के सिद्धांत पर वार है और भेदभाव को संवैधानिक मान्यता देता है

संविधान की मूल संरचना का आधार समानता है. आज तक जितने संवैधानिक संशोधन किए गए हैं, वे समाज में किसी न किसी कारण से व्याप्त असमानता और विभेद को दूर करने वाले हैं. पहली बार ऐसा संशोधन लाया गया है जो पहले से असमानता के शिकार लोगों को किसी राजकीय योजना से बाहर रखता है.

ईडब्ल्यूएस: भाजपा, कांग्रेस में श्रेय लेने की होड़, स्टालिन बोले- सामाजिक न्याय के संघर्ष को झटका

सुप्रीम कोर्ट ने शैक्षणिक संस्थानों और सरकारी नौकरियों में ईडब्ल्यूएस के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान करने वाले 103वें संविधान संशोधन को 3:2 के बहुमत के फैसले से बरकरार रखा और कहा कि यह कोटा संविधान के मूल ढांचे का उल्लंघन नहीं करता है.

ईडब्ल्यूएस आरक्षण: सुप्रीम कोर्ट की सहमति, कहा- संविधान के बुनियादी ढांचे का उल्लंघन नहीं

सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय पीठ ने शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश और सरकारी नौकरियों में आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) को दिए जाने वाले 10 फीसदी आरक्षण संबंधी संविधान के 103वें संशोधन को 3-2 के बहुमत से अनुमति दे दी.

सुप्रीम कोर्ट ने नीट में ईडब्ल्यूएस कोटे के लिए 8 लाख रुपये की सीमा निर्धारित करने पर सवाल उठाए

कोर्ट ने केंद्र से पूछा कि क्या वह ईडब्ल्यूएस श्रेणी के तहत आरक्षण पात्रता के लिए आठ लाख रुपये के मानक पर पुनर्विचार करेगी. कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण से इसकी तुलना करते हुए कहा कि आप असमान को समान बना रहे हैं. अदालत ने यह भी कहा कि वह नीति निर्धारण में हस्तक्षेप नहीं कर रही है बल्कि यह निर्धारित करने का प्रयास कर रही है कि संवैधानिक मूल्यों का पालन हुआ या नहीं.

सुप्रीम कोर्ट ने 10% ईडब्ल्यूएस कोटा को चुनौती देने वाली याचिकाओं को पांच जजों की पीठ को भेजा

शीर्ष अदालत ने सामान्य श्रेणी के आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग के लिए नौकरियों और शिक्षा में 10 प्रतिशत आरक्षण देने वाले अधिनियम को चुनौती देने वाली याचिकाओं को पांच जजों की पीठ को भेजते हुए कहा कि इसमें क़ानून से जुड़े महत्वपूर्ण सवाल हैं, जिन्हें बड़ी पीठ द्वारा तय किया जाना चाहिए.

विचार-विमर्श के नियमों का उल्लंघन कर पारित हुआ था सामान्य वर्ग आरक्षण, पीएमओ की थी बड़ी भूमिका

द वायर एक्सक्लूसिव: आरटीआई के तहत प्राप्त किए गए दस्तावेज़ों से पता चलता है कि सामान्य श्रेणी के आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग को आरक्षण देने वाले 124वें संविधान संशोधन विधेयक पर क़ानून मंत्रालय के अलावा किसी अन्य विभाग के साथ विचार-विमर्श नहीं किया गया था. सरकार ने 20 दिन के भीतर ही इस विधेयक की परिकल्पना कर इसे संसद के दोनों सदनों से पारित कराकर क़ानून बना दिया था.

सामान्य वर्ग आरक्षण: मामले को संविधान पीठ को सौंपने पर 28 मार्च को फ़ैसला लेगा सुप्रीम कोर्ट

सोमवार को चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ ने कहा कि वह इस मामले को संविधान पीठ को सौंपने के बारे में कोई आदेश पारित नहीं करना चाहती. 28 मार्च की सुनवाई में विचार किया जाएगा कि ऐसा करने की आवश्यकता है या नहीं.

सामान्य वर्ग में आर्थिक रूप से पिछड़ों के लिए आरक्षण पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस संजीव खन्ना की खंडपीठ ने संविधान (103वां संशोधन) अधिनियम, 2019 की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं के संबंध में केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर चार हफ़्तों में जवाब मांगा है.

हम भी भारत, एपिसोड 65: 10 प्रतिशत आरक्षण, सौ प्रतिशत राजनीति

मोदी सरकार द्वारा सामान्य वर्ग को आरक्षण पर क़ानून और प्राइवेट उच्च शिक्षण संस्थानों में आरक्षण का दांव क्या भाजपा को लोकसभा की मंज़िल तक पहुंचाएगा? सीएसडीएस के अभय कुमार दुबे और वरिष्ठ पत्रकार अनिल चमड़िया के साथ चर्चा कर रही हैं द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी.