बीते चार दिसंबर को नगालैंड के मोन जिले में सुरक्षाबलों की कथित गोलीबारी में 14 आम लोगों की मौत हो गई थी. इस घटना के बाद विभिन्न छात्र संगठनों और राजनीतिक दलों ने सेना को विशेष अधिकार देने वाले आफ़स्पा हटाने की मांग की है. मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड के. संगमा ने कहा है आफ़स्पा निरस्त किया जाना चाहिए.
नगालैंड के मोन ज़िले के ओटिंग और तिरु गांवों के बीच यह घटना उस समय हुई, जब कुछ दिहाड़ी मज़दूर शनिवार शाम पिकअप वैन से एक कोयला खदान से घर लौट रहे थे. पुलिस ने बताया कि प्रतिबंधित संगठन ‘एनएससीएन-के’ के युंग ओंग धड़े के उग्रवादियों की सूचना मिलने के बाद इलाके में अभियान चला रहे सैन्यकर्मियों ने वैन पर कथित रूप से गोलीबारी की थी. मामले की एसआईटी जांच के आदेश दे दिए गए हैं.