कांग्रेस की ओर से चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर को पार्टी के 'विशेषाधिकार प्राप्त कार्य समूह-2024’ का हिस्सा बनकर दल में शामिल होने की पेशकश की गई थी, जिसे उन्होंने अस्वीकार कर दिया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को पार्टी की ढांचागत समस्याओं को दूर करने के लिए उनसे ज़्यादा ज़रूरत नेतृत्व और सामूहिक इच्छाशक्ति की है.
चार राज्यों में लोकसभा की एक और विधानसभाओं की चार सीटों के लिए हुए उपचुनाव में भाजपा की विफलता राज्यों या देश की राजनीति में किसी बड़े परिवर्तन का संकेत नहीं हैं. कोई ऐसी अपेक्षा भी नहीं कर रहा. लेकिन उनमें छिपे भाजपा के सामूहिक नकार को समझना इस अर्थ में बहुत ज़रूरी है कि यह जानबूझकर रचे जा रहे भाजपा के अजेय होने के मिथक को तोड़ता है.