आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी समान नागरिक संहिता का विरोध करेंगे: रिपोर्ट

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और वाईएसआर कांग्रेस प्रमुख जगन मोहन रेड्डी ने बीते जुलाई महीने में दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपनी आख़िरी बैठक में समान ना​गरिक संहिता के मुद्दे पर पर जानकारी ली थी. सूत्रों के अनुसार, पार्टी ने सत्तारूढ़ भाजपा को यह भी बता दिया है कि जब भी यह विधेयक पेश किया जाएगा, वह इसका विरोध करेगी.

समान नागरिक संहिता: गुलिस्तां में कभी भी फूल एकरंगी नहीं होते, कभी हो ही नहीं सकते

जिस सरकार को अरसे से धर्म के नाम पर भेदभावों को बढ़ाने की कोशिशों में मुब्तिला देख रहे हैं, वह उन भेदभावों को ख़त्म करने के नाम पर कोई संहिता लाए तो उसे लेकर संदेह गहराते ही हैं कि वह उसे कैसे लागू करेगी और उससे उसे कैसी समानता चाहिए होगी?

भाजपा सांसद सुशील मोदी ने आदिवासियों को समान नागरिक संहिता से बाहर रखने का सुझाव दिया

क़ानून और न्याय पर संसदीय समिति के अध्यक्ष और भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी ने उत्तर-पूर्व और देश के अन्य हिस्सों के आदिवासियों को समान नागरिक संहिता के दायरे से बाहर रखने का सुझाव दिया. वहीं जबकि विपक्षी दलों ने इस विवादास्पद मुद्दे पर नए सिरे से विचार-विमर्श के समय पर सवाल उठाए हैं.

समान नागरिक संहिता के ख़िलाफ़ पूर्वोत्तर के तीन राज्य, कहा- यह आइडिया ऑफ इंडिया के ख़िलाफ़

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हाल ही में समान नागरिक संहिता की पुरज़ोर वकालत के बाद मेघालय, मिज़ोरम और नगालैंड में विभिन्न संगठनों ने इसके ख़िलाफ़ विरोधी तेवर अपना लिए हैं. एक नगा संगठन ने विधानसभा द्वारा यूसीसी के समर्थन में विधेयक पारित करने की स्थिति में हिंसा की चेतावनी दी है.

समान नागरिक संहिता लागू करने पर कोई निर्णय नहीं लिया गया: सरकार

केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री किरेन रिजिजू ने राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में यह भी बताया कि 22वां विधि आयोग समान नागरिक संहिता से संबंधित मामले पर विचार कर सकता है. उन्होंने बताया कि सरकार ने भारत के 21वें विधि आयोग से अनुरोध किया था, लेकिन इसकी अवधि 31 अगस्त 2018 को समाप्त हो गई.

हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस ऋतुराज अवस्थी विधि आयोग के अध्यक्ष नियुक्त

क़ानून मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया कि उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश ऋतुराज अवस्थी विधि आयोग के अध्यक्ष होंगे और जस्टिस केटी शंकरन, प्रोफेसर आनंद पालीवाल, प्रोफेसर डीपी वर्मा, प्रोफेसर राका आर्य और एम. करुणानिधि को आयोग का सदस्य नियुक्त किया गया है.