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यूपी के रामपुर की एक अदालत ने सपा नेता आज़म ख़ान को 'नफ़रती भाषण' मामले में दोषी ठहराते हुए तीन साल की सज़ा सुनाई थी, जिसके बाद विधानसभा सचिवालय ने उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी थी. इसके ख़िलाफ़ ख़ान की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार और चुनाव आयोग से जवाब मांगा था.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सपा नेता आज़म ख़ान के बेटे अब्दुल्ला आज़म ख़ान का 2017 में यूपी विधानसभा के लिए चुनाव रद्द करने का आदेश दिया था क्योंकि उस समय उनकी उम्र 25 वर्ष से कम थी. वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने आज़म ख़ान को विधानसभा में अयोग्य ठहराने के ख़िलाफ़ याचिका पर यूपी सरकार व निर्वाचन आयोग से जवाब मांगा है.
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और रामपुर सीट से विधायक आज़म ख़ान पर 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान एक जनसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लेकर आपत्तिजनक भाषा इस्तेमाल पर दर्ज मामले में अदालत ने उन्हें दोषी मानते हुए तीन साल की सज़ा सुनाई है.