सुप्रीम कोर्ट एक मुस्लिम व्यक्ति की याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिन्होंने आरोप लगाया है कि जुलाई 2021 में उन पर धर्म के नाम पर हमला हुआ, बदसलूकी की गई और यूपी पुलिस ने घृणा अपराध की शिकायत तक दर्ज नहीं की. अदालत ने कहा कि जब नफ़रत की भावना से किए जाने वाले अपराधों के ख़िलाफ़ कार्रवाई नहीं की जाएगी, तब ऐसा माहौल बनेगा, जो ख़तरनाक होगा.
मध्य प्रदेश के देवास ज़िले का मामला है. विवाहित आदिवासी महिला के किसी और से संबंध होने के शक में ग्रामीणों के एक समूह ने उनके कंधे पर उनके पति को बैठाया और फिर उनकी पिटाई करते हुए पूरे गांव में जुलूस निकाला. महिला के कपड़े भी फाड़ दिए गए और उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया. महिला के पति सहित 11 नामज़द लोगों और कुछ अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया गया है. अब तक 12 लोग गिरफ़्तार किए
केरल राज्य अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति आयोग ने पुलिस से उन आरोपों को लेकर एक रिपोर्ट मांगी कि उसके अधिकारियों ने अलाप्पुझा ज़िले के हरिपद इलाके में एक दलित कॉलोनी में अवैध रूप से घरों में प्रवेश किया और वहां के कुछ निवासियों के ख़िलाफ़ जातिसूचक टिप्पणी की. पुलिस ने इन आरोपों से इनकार करते हुए कॉलोनी के लोगों पर अधिकारियों के साथ दुर्व्यवहार और मारपीट करने का आरोप लगाया है. इस संबंध में कॉलोनी के तीन लोगों को गिरफ़्तार किया गया
दिल्ली हाईकोर्ट ने अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत दर्ज एक प्राथमिकी को शिकायतकर्ता और आरोपियों के बीच हुए समझौते के आधार पर रद्द करने से इनकार कर दिया और कहा कि जब तक इस क़ानून को इसकी वास्तविक भावना में लागू नहीं किया जाता तब तक जाति आधारित भेदभाव से रहित समाज का सपना दूर की कौड़ी बना रहेगा.
ओडिशा के सुंदरगढ़ ज़िले के बिसरा प्रखंड के जमसेरा क्षेत्र की भाजपा कार्यकर्ता गौरी मुंडारी ने महिला आयोग से शिकायत की और पंचायत चुनाव के संबंध में टेलीफोन पर चर्चा के दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं पार्टी सांसद जुआल ओराम पर चिल्लाने और आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है.
इसी तरह के एक अन्य मामले में कर्नाटक के शिवमोगा में मुस्लिम युवती को अपने दोपहिया वाहन से उसके ऑफिस छोड़ने के लिए एक हिंदू युवक से दुर्व्यवहार के आरोप में दो मुस्लिम युवकों को गिरफ़्तार किया गया है.