राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक, 19 महानगरों में से बेंगलुरु शीर्ष पर था, जहां साल 2022 में 8 महिलाएं एसिड हमले की शिकार हुईं. दूसरे स्थान पर दिल्ली था, जहां 7 महिलाएं एसिड हमलों का शिकार हुईं. इसके बाद अहमदाबाद ऐसे 5 मामलों के साथ तीसरे स्थान पर रहा.
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ने लोकसभा में बताया कि 2018 में महिलाओं के ख़िलाफ़ तेज़ाब हमले के 131 मामले, 2019 में 150 और 2020 में 105 मामले दर्ज किए गए.
आंध्र प्रदेश के ‘दिशा क़ानून’ पर आधारित शक्ति आपराधिक क़ानून (महाराष्ट्र संशोधन) विधेयक में महिलाओं व बच्चों से बलात्कार, सामूहिक बलात्कार जैसे जघन्य अपराध के मामलों में मौत की सज़ा या आजीवन कारावास का प्रावधान है. ऐसे अपराधों की जांच घटना की तारीख से 30 दिनों में पूरे किए जाने का प्रावधान दिया गया है.