छत्तीसगढ़ में कोयला खदानों के प्रति आदिवासियों के प्रतिरोध को थामने के लिए अडानी समूह ने उनके ही इलाके के निवासी कोऑर्डिनेटर बतौर नियुक्त किए हैं. वे गांवों में कंपनी का पक्ष रखते हैं, ग्रामीणों को बिना विरोध मुआवज़ा लेने और आंदोलन से दूर रहने के लिए राजी करते हैं. इसने आदिवासी समाज को विभाजित कर दिया है.
छत्तीसगढ़ अनुसूचित जनजाति आयोग ने पाया कि सरगुजा ज़िले में परसा कोयला ब्लॉक के लिए वन मंज़ूरी की प्रक्रिया में कई अनियमितताएं थीं और फ़र्ज़ी प्रविष्टियां हुईं. 2015 में राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लि. को परसा ब्लॉक आवंटित हुआ था, जिसके संचालन का ठेका अडानी समूह को मिला था.
ख़बरें हैं कि बकाया न चुकाए जाने के चलते अडानी पावर ने बांग्लादेश की बिजली आपूर्ति आधी कर दी है. हालांकि, पावर डेवलपमेंट बोर्ड के अधिकारी ने एक स्थानीय अख़बार से कहा कि पिछले बकाये का एक हिस्सा चुका दिया गया था, लेकिन जुलाई से अडानी पहले की तुलना में अधिक शुल्क ले रहे हैं.
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने दावा किया है कि एक ‘मोनोपोली बचाओ सिंडिकेट' काम कर रहा था, जिसके तहत अडानी समूह, प्रमुख नियामक निकायों और भाजपा के बीच ‘खतरनाक सांठगांठ’ थी.
हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद हितों के टकराव संबंधी गंभीर आरोपों का सामना कर रहीं सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच बीते 24 अक्टूबर को व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए संसद की लोक लेखा समिति के समक्ष प्रस्तुत नहीं हुई थीं.
सरगुजा ज़िले के फतेहपुर और साली गांवों के पास परसा कोल ब्लॉक खनन परियोजना के तहत पेड़ काटे जाने थे. गुरुवार को जब स्थानीयों ने अधिकारियों को पेड़ काटने से रोकने की कोशिश की, तब पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया, जिसके बाद हुई झड़प में कई प्रदर्शनकारी और पुलिसकर्मी घायल हो गए.
भारतीय राजनीति में नरेंद्र मोदी का प्रभाव बढ़ने के साथ ही उद्योगपति गौतम अडानी के व्यापार का विस्तार पड़ोसी देशों- बांग्लादेश और श्रीलंका में देखने को मिला. हालांकि अब दोनों देशों में सत्ता परिवर्तन के बाद अडानी समूह के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं.
बिजली का उत्पादन करने का ठेका देने के लिए राजस्थान और महाराष्ट्र सरकारों द्वारा जारी टेंडर के नियम और शर्तों में बहुत-सी समानताएं थीं, जिन्हें अडानी समूह की विद्युत क्षेत्र की वर्तमान परियोजनाओं और भविष्य की योजनाओं के अनुसार तैयार किया गया था.
साल 2017 के एक समझौते के तहत उद्योगपति गौतम अडानी की कंपनी बांग्लादेश को बिजली निर्यात करती है. अब वहां की अंतरिम सरकार न सिर्फ़ इस समझौते की शर्तों की समीक्षा करना चाहती हैं, बल्कि यह मूल्यांकन भी करना चाहती है कि बिजली के लिए जो क़ीमत चुकाई जा रही है, वो उचित है या नहीं.
वित्त वर्ष 2023-24 में राजस्थान में चूना पत्थर के कुल 21 ब्लॉक की नीलामी हुई थी. इनमें से 20 अंबुजा सीमेंट ने हासिल की थीं, और कम-अस-कम 15 खदानों की नीलामी में अंबुजा सीमेंट बोली लगाने वाली इकलौती कंपनी थी. इनमें से 13 राजस्थान सरकार ने रद्द कर दी हैं.
नागौर ज़िले में स्थित ये खदानें करीब छह महीने पहले अडानी समूह की कंपनी अंबुजा सीमेंट को आवंटित हुई थीं. लेकिन सरकार ने पाया कि नागौर में नीलाम हुए अन्य ब्लॉक की तुलना में इन खदानों में बहुत कम बोली हासिल हुई थी.
अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ के आंकड़ों का हवाला देते हुए कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने वित्तीय संकट से जूझ रहीं 10 कंपनियों से 62,000 करोड़ रुपये वसूले जाने का दावा किया था, लेकिन अडानी समूह द्वारा उन कंपनियों को खरीदे जाने के बाद उन्होंने 16,000 करोड़ रुपये में समझौता कर लिया.
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड के क़रीब 500 अधिकारियों द्वारा बीते माह वित्त मंत्रालय को लिखे गए एक शिकायती पत्र में कहा गया था कि सेबी की बैठकों में अधिकारियों के ऊपर चिल्लाना, डांटना और सार्वजनिक रूप से अपमानित करना आम बात हो गई है.
2016 में एनजीटी ने मिर्ज़ापुर वन प्रभाग ज़मीन पर निर्माण करने से रोक लगा दी थी. अब आरोप है कि इस आदेश का उल्लंघन करते हुए अडानी पावर की सहायक कंपनी अवैध रूप से वन भूमि पर दीवारें और सड़कें बना रही है और अन्य भूमि पर अतिक्रमण भी कर रही है.
पिछले 9 सालों में मोदी सरकार ने संसद को कम से कम सात बार आश्वासन दिया कि वह अडानी समूह और दूसरी कंपनियों से जुड़े कथित घोटालों की जांच कर रही है. लेकिन जब लोगों का ध्यान इस ओर से हटा, तो केंद्र ने चुपचाप इन जांचों को रोक दिया.