दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया के विशेषज्ञ, जो राष्ट्रीय चीता परियोजना संचालन समिति के सदस्य हैं, ने सुप्रीम कोर्ट को लिखे पत्र में कहा है कि परियोजना के वर्तमान प्रबंधन के पास 'बहुत कम या कोई वैज्ञानिक प्रशिक्षण नहीं' है और वह उनकी राय को नज़रअंदाज़ कर रहा है.
मृत मादा चीता की पहचान धात्री के रूप में हुई. बीते माह भी कूनो में सूरज और तेजस नामक दो चीतों की मौत हुई थी. बीते मार्च महीने से भारत में मरने वाले अफ्रीकी चीतों की कुल संख्या नौ हो गई है.
वीडियो: सितंबर 2022 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के अवसर पर अफ्रीका से लाए गए 8 चीते मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में छोड़े गए थे. ‘प्रोजेक्ट चीता’ का कई जानकारों ने विरोध भी किया था. अफ्रीका से अब तक 20 चीते लाए गए हैं, जिनमें से 8 की मौत हो चुकी है.
मृत चीते की पहचान सूरज के रूप में हुई, जिसे इस साल फरवरी में दक्षिण अफ्रीका से कूनो नेशनल पार्क लाया गया था. बीते 11 जुलाई को तेजस नामक चीते की मौत हो गई थी. इसके साथ ही बीते मार्च महीने से भारत में मरने वाले अफ्रीकी चीतों की कुल संख्या आठ हो गई है.
मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में 11 जुलाई को अफ्रीका से लाए गए नर चीते तेजस की मौत हो गई. इसके साथ ही पिछले तीन महीनों में भारत में मरने वाले चीतों की कुल संख्या सात हो गई है.
सुप्रीम कोर्ट में लगभग दो महीने में अफ्रीका से लाए गए तीन चीतों की मौत पर चिंता जताते हुए कहा कि सरकार उन्हें अन्य अभयारण्यों में स्थानांतरित करने पर विचार कर सकती है. इस दौरान सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि भारत में कोई चीता विशेषज्ञ नहीं हैं, क्योंकि 1947-48 में चीता देश से विलुप्त हो गए थे.