रक्षा मामलों पर संसद की स्थायी समिति ने संसद में पेश रिपोर्ट में कहा है कि सरकार को ड्यूटी के दौरान जान गंवाने वाले सैनिकों के परिवारों को दी जाने वाली अनुग्रह राशि को विभिन्न श्रेणियों में प्रत्येक में 10 लाख रुपये तक बढ़ाने पर विचार करना चाहिए.
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा ने कहा कि राज्य के युवाओं के साथ मज़ाक किया जा रहा है, क्योंकि सरकार उन्हें विदेशों में असुरक्षित नौकरियां दे रही है और कमीशन भी ले रही है. राज्य की बीजेपी-जेजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि आज हरियाणा बेरोज़गारी और महंगाई में टॉप पर है.
जम्मू-कश्मीर के राजौरी ज़िले के नौशेरा सेक्टर में नियंत्रण रेखा के पास गुरुवार सुबह यह घटना हुई. मृतक की पहचान अग्निवीर योजना के तहत भर्ती लुधियाना जिले के अजय सिंह के रूप में हुई. उनके परिवार में पिता और मां हैं. उनका पार्थिव शरीर शुक्रवार को उनके घर पहुंचने की उम्मीद है.
जम्मू-कश्मीर के अखनूर शहर के पास टांडा में एक सेना इकाई के अंदर संतरी ड्यूटी पर तैनात एक अग्निवीर की मंगलवार शाम संदिग्ध परिस्थितियों में गोली लगने से मौत हो गई. अभी तक यह ज्ञात नहीं है कि गोली कैसे लगी, हालांकि पुलिस ने आतंकी एंगल से इनकार किया है.
सबसे ऊंचे रणक्षेत्र सियाचिन ग्लेशियर पर तैनात गावते अक्षय लक्ष्मण पहले अग्निवीर हैं, जिनकी ड्यूटी के दौरान मौत हुई है. अक्षय लक्ष्मण की मृत्यु अग्निवीर अमृतपाल सिंह की जम्मू कश्मीर के पुंछ सेक्टर में आत्महत्या से मृत्यु के कुछ दिनों बाद हुई है. सिंह ने ड्यूटी के दौरान ख़ुद को गोली मार ली थी.
जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले के मनकोट सेक्टर में नियंत्रण रेखा के पास एक चौकी पर बुधवार सुबह एक अग्निवीर की कथित तौर पर गोली लगने से मौत हो गई. मृतक की पहचान अमृतपाल सिंह के रूप में की गई है. अग्निवीर योजना लागू होने के बाद किसी सैनिक की गोली लगने से मौत की यह पहली घटना है.
बीते महीने केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में बताया था कि देश के केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल और असम राइफल्स में कॉन्स्टेबल/राइफलमैन के पद पर भर्ती में पूर्व अग्निवीरों के लिए 10% रिक्तियों को आरक्षित करने का निर्णय लिया गया है. एक प्रावधान ऊपरी आयु सीमा में छूट और शारीरिक दक्षता परीक्षा से छूट का भी किया गया है.
सशस्त्र बलों में भर्ती से जुड़ी केंद्र सरकार की ‘अग्निपथ’ योजना के ख़िलाफ़ कुल 23 याचिकाएं दायर की गई थीं, जिनमें से पांच में योजना को चुनौती दी गई थी, वहीं अन्य 18 में पुरानी भर्ती प्रणाली को लागू करने की मांग की गई थी. दिल्ली हाईकोर्ट ने इन सभी को ख़ारिज करते हुए कहा कि उसे योजना में दख़ल देने की कोई वजह नहीं दिखती.
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा को बताया कि देश के सबसे बड़े अर्धसैनिक बल केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) में 29,283, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) में 19,987 और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) में 19,475 कर्मियों की कमी है.
अग्निवीरों की भर्ती प्रक्रिया के तहत सेना में जाने के इच्छुक उम्मीदवारों को पहले फिजिकल फिटनेस टेस्ट से गुज़रना होता था, जिसके बाद मेडिकल टेस्ट होता था. अंतिम चरण में उन्हें कॉमन एंट्रेंस एग्जामिनेशन (सीईई) पास करना होता था. अब बदली हुई प्रक्रिया में सबसे पहले सीईई पास करना होगा, जिसके बाद अन्य दोनों टेस्ट होंगे.
अग्निपथ योजना के ख़िलाफ़ दाख़िल याचिकाओं पर दिल्ली हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने बताया है कि अग्निवीर कैडर को अलग कैडर के रूप में बनाया गया है. इसे नियमित सेवा के रूप में नहीं गिना जाएगा. चार साल तक अग्निवीर के रूप में सेवा करने के बाद फिट पाए जाने पर नियमित कैडर की सेवा शुरू होगी.
अग्निपथ योजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं को सुनते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने सेना में नौकरी की प्रकृति समान होने पर भी 'अग्निवीरों' और नियमित सिपाहियों के वेतन में अंतर के बारे में पूछा था, जिस पर केंद्र ने कैडर अलग होने की बात कही. इस पर कोर्ट में कहा कि सवाल कैडर का नहीं, काम और ज़िम्मेदारी का है.
नेपाल के विदेश मंत्री नारायण खडके ने भारतीय राजदूत से कहा कि जब तक उनके देश के सभी राजनीतिक दल नई टूर-ऑफ-ड्यूटी योजना के बारे में आम सहमति नहीं बना लेते, तब तक नेपाली युवाओं की भारतीय सेना में भर्ती स्थगित रखी जानी चाहिए.
केंद्र ने संविदा आधारित अग्निपथ सैन्य भर्ती योजना की घोषणा बीते 14 जून को की थी, जिसमें साढ़े 17 साल से 21 साल के बीच के युवाओं को केवल चार वर्ष के लिए सेना में भर्ती करने का प्रावधान है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने समक्ष लंबित उन सभी जनहित याचिकाओं को बीते 19 जुलाई को दिल्ली हाईकोर्ट को स्थानांतरित कर दिया था, जिनमें इस योजना को चुनौती दी गई थी.
राजद नेता तेजस्वी यादव, आप के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह आदि ने केंद्र की मोदी सरकार पर इस मुद्दे पर तीखा हमला बोला है. यादव ने कहा कि जात न पूछो साधु की, लेकिन जात पूछो फौजी की. संघ की भाजपा सरकार जातिगत जनगणना से दूर भागती है, लेकिन देश सेवा के लिए जान देने वाले अग्निवीर भाइयों से जाति पूछती है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आरोपों को ख़ारिज करते हुए इसे अफ़वाह बताया है.