फिलिस्तीन के रामल्ला में मृत मिले भारतीय राजनयिक मुकुल आर्य के शव का फ़िर से पोस्टमॉर्टम करने का आग्रह करने वाली उनकी मां की याचिका दिल्ली हाईकोर्ट ने स्वीकार कर ली है. याचिका में कहा गया है कि राजनयिक की मौत अप्राकृतिक है.
आरटीआई के तहत मिली जानकारी के मुताबिक, दिल्ली स्थित केंद्र सरकार के चार बड़े अस्पतालों- सफ़दरजंग, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, कलावती सरन और सुचेता कृपलानी अस्पताल में जनवरी 2015 से जुलाई 2021 के बीच 3.46 लाख से अधिक बच्चे पैदा हुए, जिनमें से 5,724 बच्चों की मौत हो गई. इनमें से चार हज़ार से ज्यादा बच्चों की जान सिर्फ़ सफ़दरजंग अस्पताल में ही गई है.
यूपी के कासगंज ज़िले में एक नाबालिग लड़की की गुमशुदगी के सिलसिले में हिरासत में लिए गए अल्ताफ़ की बीते साल नवंबर में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. पुलिस ने इसे ख़ुदकुशी बताया था जबकि मृतक के परिजनों ने पुलिस द्वारा बेरहमी से पीटे जाने से अल्ताफ़ की मौत होने का आरोप लगाया था. अब कोर्ट ने अल्ताफ़ का शव निकालकर दोबारा पोस्टमार्टम करवाने का निर्देश दिया है.
उत्तर प्रदेश के कासगंज ज़िले में एक नाबालिग लड़की के गुमशुदगी के सिलसिले में हिरासत में लिए गए अल्ताफ़ बीते साल नवंबर में संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु हो गई थी. पुलिस ने इसे ख़ुदकुशी बताया था जबकि मृतक के परिजनों ने पुलिस द्वारा बेरहमी से पीटे जाने से अल्ताफ़ की मौत होने का आरोप लगाया था.
पिछले कई हफ़्तों से डॉक्टर काम का अधिक बोझ होने के विरोध में नीट-पीजी काउंसिलिंग शुरू करने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे. केंद्र सरकार के आश्वासन के बाद बीते दिनों उन्होंने अपना प्रदर्शन वापस ले लिया था. इस आदेश से उन अनेक डॉक्टरों को राहत मिलेगी, जो पोस्ट ग्रेजुएट चिकित्सा पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए इंतज़ार कर रहे हैं.
देश भर के डॉक्टरों की मांग है कि नीट-पीजी पास किए 50,000 एमबीबीएस डॉक्टरों की तत्काल काउंसलिंग कराई जाए, ताकि नए डॉक्टरों की भर्ती से उन पर मरीज़ों का बोझ घटे और कोरोना वायरस महामारी की आगामी आशांका को लेकर वे ख़ुद को उचित रूप से तैयार कर सकें.
फेडरेशन ऑफ रेज़िडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन और फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन द्वारा नवंबर के अंत में ओपीडी सेवाओं को रोकने के साथ यह विरोध बीते 17 दिसंबर से लगातार जारी है. इससे दिल्ली में केंद्र द्वारा संचालित तीन अस्पतालों- सफ़दरजंग, आरएमएल और लेडी हार्डिंग अस्पतालों के साथ ही दिल्ली सरकार के कुछ अस्पतालों में मरीज़ों का इलाज प्रभावित हुआ है.
ऐसे आरोप हैं कि बीते 13 जुलाई को दिल्ली के एम्स से चेकअप कराकर वापस जेल लाए जा रहे डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह के वाहन को एक जगह रोका गया और चार लोगों की उनसे मुलाकात कराई गई. इस दौरान उनकी सुरक्षा की निगरानी डीएसपी शमशेर सिंह कर रहे थे. बलात्कार और हत्या के दोषी गुरमीत राम राम रहीम सिंह रोहतक की सुनारिया जेल में बंद हैं.
एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया के नेतृत्व में सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित एक समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर के दौरान दिल्ली की ऑक्सीजन आवश्यकता को चार गुना ‘बढ़ा-चढ़ाकर’ बताया गया. इस पर दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा है कि ऑक्सीजन पर आपका झगड़ा ख़त्म हो गया हो तो थोड़ा काम कर लें? आपस में लड़ेंगे तो कोरोना जीत जाएगा. मिलकर लड़ेंगे तो देश जीतेगा.
दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने कहा कि जब तक बड़ी संख्या में आबादी का टीकाकरण नहीं हो जाता, तब तक कोविड-उपयुक्त व्यवहार का आक्रामक तरीके से पालन करने की आवश्यकता है. उन्होंने संक्रमण के मामलों में बड़ी वृद्धि होने पर कड़ी निगरानी और क्षेत्र-विशेष में लॉकडाउन की आवश्यकता पर ज़ोर दिया.
वीडियो: रामदेव ने एलोपैथिक दवाओं पर अपने बयान को भले ही वापस ले लिया, लेकिन विवाद अभी ख़त्म होता नहीं दिख रहा है. बीते दिनों इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के महासचिव डॉ. जयेश लेले ने एक टीवी बहस के दौरान रामदेव को फ़टकार लगाई थी. डॉ. लेले से द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने दिल्ली के आईपी स्टेट थाने में दर्ज करवाई गई शिकायत में कहा कि रामदेव ने कोविड-19 की स्थिति का लाभ उठाने के लिए एलोपैथिक दवाओं और आधुनिक चिकित्सा विज्ञान के अन्य संबद्ध उपचार तकनीकों के बारे में भ्रामक और ग़लत बयानबाज़ी की है.
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर मांग की है कि कोविड-19 के एलोपैथिक इलाज के ख़िलाफ़ दुष्प्रचार वाला अभियान चलाने के लिए रामदेव पर तत्काल राजद्रोह का मामला दर्ज होना चाहिए. संगठन ने रामदेव को मानहानि का नोटिस भी भेजा है. इस बीच रामदेव का एक और वीडियो सामने आया है, जिसमें वो कथित तौर पर कह रहे हैं कि उनके बाप भी उन्हें गिरफ़्तार नहीं कर सकते हैं.
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (उत्तराखंड) ने रामदेव से एलोपैथी बयान पर लिखित माफ़ी की मांग की और कहा कि 15 दिन के अंदर ऐसा न होने पर 50 लाख रुपये प्रति आईएमए सदस्य की दर से उनसे हज़ार करोड़ रुपये का मुआवज़ा मांगा जाएगा. एसोसिएशन ने यह भी कहा कि रामदेव सभी अपमानजनक आरोपों का खंडन करते हुए वीडियो बनाकर उन सभी मंचों पर डालें, जहां पिछला क्लिप प्रसारित हुआ था.
रामदेव द्वारा एलोपैथी को स्टुपिड और दिवालिया साइंस कहने पर मेडिकल बिरादरी ने कड़ा विरोध जताया था. बयान को वापस लेते हुए रामदेव ने कहा कि उन्होंने आयुर्वेद और योग का उपयोग करके भी महामारी के दौरान कई लोगों की जान बचाई है, इसका भी सम्मान किया जाना चाहिए.